
अग्निवीरों को यूपी पुलिस में 20% आरक्षण: सीएम योगी का बड़ा ऐलान, क्या है फैसले का असर?”
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने युवाओं के लिए एक बड़ी घोषणा की है। ‘अग्निपथ योजना’ के तहत भारतीय सेना में सेवा कर चुके ‘अग्निवीरों’ को अब उत्तर प्रदेश पुलिस बल में 20 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा। इस फैसले को युवाओं के भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है। साथ ही, यह निर्णय सरकार की सुरक्षा बलों में अनुशासित, प्रशिक्षित और देशभक्त युवाओं की भागीदारी को मजबूत करने की सोच को भी दर्शाता है।
गोरखपुर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, “जो युवा अग्निवीर योजना के तहत भारतीय सेना की सेवा कर चुके होंगे, उन्हें उत्तर प्रदेश पुलिस में भर्ती के समय 20 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा।” इस घोषणा के साथ ही उन्होंने यह भी संकेत दिया कि सरकार सुरक्षा बलों की गुणवत्ता और कुशलता बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ का जिक्र
अपने संबोधन में सीएम योगी ने हाल ही में भारतीय सेना द्वारा सफलतापूर्वक चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा, “भारत की सेना ने अपनी वीरता से एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि कोई भी हमारी सीमाओं और नागरिकों की सुरक्षा से खिलवाड़ नहीं कर सकता। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ इस बात का प्रमाण है।” उनके इस बयान से यह भी संकेत मिला कि सेना में सेवा कर चुके युवाओं को प्रशासनिक और आंतरिक सुरक्षा में भी बड़ी जिम्मेदारी दी जाएगी।
क्या है अग्निपथ योजना?
‘अग्निपथ योजना’ केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई एक सैन्य भर्ती योजना है, जिसके तहत युवा चार वर्षों तक भारतीय सेना में सेवा करते हैं। इस अवधि के बाद एक तय प्रतिशत युवाओं को स्थायी किया जाता है, जबकि शेष ‘अग्निवीर’ के रूप में सेना छोड़ते हैं। इस योजना को लेकर शुरुआत में विरोध देखने को मिला था, लेकिन सरकार ने इसे राष्ट्र निर्माण और युवाओं के कौशल विकास की दिशा में कदम बताया।
सीएम योगी का यह फैसला कई दृष्टिकोणों से महत्वपूर्ण है:
1. रोजगार के अवसर: सेना की सेवा पूरी करने के बाद अग्निवीरों को नई स्थायित्वपूर्ण नौकरी का विकल्प मिलेगा।
2. अनुशासन और दक्षता: सेना से लौटे युवा पुलिस बल में अनुशासन, प्रशिक्षण और राष्ट्रभक्ति लेकर आएंगे, जिससे पुलिस की कार्यशैली में भी सुधार की उम्मीद है।
3. सुरक्षा बलों की मजबूती: प्रशिक्षित युवाओं के शामिल होने से पुलिस बल को अधिक दक्ष और सशक्त बनाया जा सकेगा।
4.
[समर्थन और आलोचना]
इस फैसले को लेकर समाज और राजनीतिक हलकों में मिली-जुली प्रतिक्रिया सामने आ रही है।
समर्थन में तर्क:
पूर्व सैन्यकर्मियों और युवाओं ने इस फैसले का स्वागत किया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम सैनिकों को सम्मानजनक भविष्य देने के लिए जरूरी था।
आलोचना में तर्क:
कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि पुलिस और सेना की भूमिका अलग होती है, ऐसे में सेना की सेवा का सीधा लाभ पुलिस में नौकरी में देना व्यावहारिक नहीं हो सकता।
विपक्षी दलों ने इस फैसले को चुनावी रणनीति बताया है।
[युवाओं में उम्मीद की किरण]
उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से आई प्रतिक्रियाओं में युवाओं ने इस निर्णय को प्रेरणादायक बताया। लखनऊ निवासी एक पूर्व अग्निवीर ने कहा, “यह खबर हमारे लिए उत्साहजनक है। सेना से लौटने के बाद सबसे बड़ी चिंता रोजगार की होती है, जो अब कम हो गई है।”
सीएम योगी ने यह भी स्पष्ट किया कि उत्तर प्रदेश में शासन व्यवस्था को बेहतर बनाने, कानून व्यवस्था को सुदृढ़ करने और युवाओं को मुख्यधारा में लाने के लिए राज्य सरकार लगातार प्रयास कर रही है। ‘अग्निवीरों’ को पुलिस में आरक्षण देने का फैसला इसी कड़ी का हिस्सा है।
सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा अग्निवीरों को यूपी पुलिस में 20 प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय एक बड़ा सामाजिक और राजनीतिक संकेत है। यह न केवल अग्निपथ योजना में भर्ती हुए युवाओं को नई दिशा देगा, बल्कि पुलिस बल की कार्यकुशलता में भी सकारात्मक बदलाव ला सकता है। हालांकि, इसकी सफलता और दीर्घकालीन असर आने वाले वर्षों में दिखाई देगा।