नई दिल्ली।केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनर्स के बीच एक बार फिर 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। इस बार मुद्दा सिर्फ वेतन बढ़ोतरी का नहीं, बल्कि उन करीब 69 लाख पेंशनर्स का है, जिन्हें लेकर आशंका जताई जा रही है कि उन्हें 8वें वेतन आयोग का सीधा लाभ नहीं मिल सकता।

केंद्रीय कर्मचारी संघों ने इस मुद्दे को गंभीरता से उठाते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को एक विस्तृत पत्र लिखा है। इसमें सरकार से आग्रह किया गया है कि पेंशनर्स को भी 8वें वेतन आयोग के लाभों में शामिल किया जाए, ताकि उन्हें जीवन यापन के लिए पर्याप्त आर्थिक सुरक्षा मिल सके।
क्या है मामला?
दरअसल, केंद्र सरकार ने अभी तक 8वें वेतन आयोग की औपचारिक घोषणा नहीं की है, लेकिन मंत्रालयों में इसको लेकर प्रारंभिक चर्चाएं जारी हैं। सूत्रों के अनुसार, सरकार 2026 से पहले नए वेतन ढांचे को लागू करने की तैयारी में है।
हालांकि, इसी बीच खबरें सामने आईं कि 8वें वेतन आयोग का लाभ सिर्फ कार्यरत कर्मचारियों तक सीमित रह सकता है, जिससे 69 लाख से अधिक पेंशनर्स को बाहर रखा जा सकता है। यही वजह है कि कर्मचारी संघों और पेंशनर्स संगठनों ने सरकार से इस पर स्पष्टीकरण की मांग की है।
कर्मचारी संघ का पत्र – क्या कहा गया है?
ऑल इंडिया सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लॉयीज़ फेडरेशन (AICGEF) ने वित्त मंत्री को लिखे अपने पत्र में कहा है कि
“पेंशनर्स ने देश की सेवा में अपना पूरा जीवन समर्पित किया है। अगर उन्हें 8वें वेतन आयोग से वंचित किया गया, तो यह उनके साथ अन्याय होगा। सरकार को चाहिए कि वह वेतन और पेंशन दोनों के लिए समान संशोधन लागू करे।”
संघ ने यह भी कहा है कि पेंशन को कर्मचारियों के वेतन संशोधन के अनुपात में ही बढ़ाया जाना चाहिए, ताकि मुद्रास्फीति और बढ़ती जीवन लागत का प्रभाव पेंशनर्स पर कम हो।
69 लाख पेंशनर्स क्यों चिंतित हैं?
देश में फिलहाल लगभग 69 लाख केंद्रीय पेंशनर्स हैं, जिनमें से एक बड़ी संख्या सेवानिवृत्त रक्षा कर्मियों और सरकारी कर्मचारियों की है। ये सभी महंगाई भत्ता (DA) और अन्य पेंशन संशोधन का इंतजार करते हैं।
पेंशनर्स का कहना है कि यदि 8वें वेतन आयोग से उन्हें बाहर रखा गया, तो उनके लिए जीवनयापन और चिकित्सा खर्चों का बोझ और बढ़ जाएगा।
पेंशनर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधियों का कहना है कि —
“हर वेतन आयोग के बाद पेंशन में भी संशोधन होता आया है। लेकिन अगर इस बार सरकार ने कोई अलग फॉर्मूला अपनाया, तो यह सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए निराशाजनक कदम होगा।”
सरकार का क्या रुख है?
सरकार की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं हुआ है। हालांकि, वित्त मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, केंद्र ‘परफॉर्मेंस लिंक्ड पे सिस्टम’ पर काम कर रही है, जिसमें वेतन वृद्धि को उत्पादकता और प्रदर्शन से जोड़ने का प्रस्ताव है।
ऐसे में यह संभावना जताई जा रही है कि नई प्रणाली में पारंपरिक वेतन आयोग की जगह एक “रिवीजन मेकैनिज्म” लागू किया जा सकता है। यदि ऐसा हुआ, तो पेंशनर्स को स्वतः लाभ नहीं मिलेगा, क्योंकि वे अब सेवा में नहीं हैं। यही चिंता का सबसे बड़ा कारण है।
DA और पेंशन रिवीजन पर भी नजरें
फिलहाल पेंशनर्स को हर छह महीने में महंगाई राहत (DR) के जरिए राहत दी जाती है। हाल ही में केंद्र सरकार ने DA और DR में 4 प्रतिशत की वृद्धि की है, जिससे यह 46% हो गया है।
लेकिन पेंशनर्स का कहना है कि सिर्फ DA बढ़ाने से उनकी समस्या हल नहीं होगी। उन्हें वेतन आयोग के समान बेसिक पेंशन स्ट्रक्चर में सुधार की जरूरत है।
आर्थिक बोझ और सरकारी तर्क
वित्त मंत्रालय का मानना है कि 8वां वेतन आयोग लागू करने से केंद्र के बजट पर हजारों करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। अगर पेंशनर्स को भी इसमें शामिल किया गया, तो यह बोझ और बढ़ सकता है।
हालांकि, कर्मचारी संघों का कहना है कि “वेतन और पेंशन खर्च को बोझ नहीं, बल्कि देश की आर्थिक विकास यात्रा में मानव संसाधन में निवेश के रूप में देखा जाना चाहिए।”
क्या 8वां वेतन आयोग 2026 से लागू होगा?
अभी तक सरकार की ओर से कोई आधिकारिक तिथि तय नहीं की गई है, लेकिन पिछले रिकॉर्ड के आधार पर अनुमान लगाया जा रहा है कि 8वां वेतन आयोग 1 जनवरी 2026 से लागू किया जा सकता है।
इससे पहले 7वां वेतन आयोग भी 1 जनवरी 2016 से लागू हुआ था।
कर्मचारी संघ चाहते हैं कि सरकार 2025 के अंत तक रिपोर्ट तैयार कर 2026 से संशोधित वेतन और पेंशन लागू करे।
पेंशनर्स की उम्मीदें और आगे की राह
अब पूरा मामला वित्त मंत्रालय के पाले में है। अगर सरकार पेंशनर्स को भी इस आयोग में शामिल करती है, तो यह लाखों सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए राहत की बड़ी खबर होगी।
वहीं अगर उन्हें बाहर रखा गया, तो संभव है कि कर्मचारी और पेंशनर्स संगठनों द्वारा विरोध या आंदोलन भी शुरू हो जाए।
फिलहाल सबकी नजरें सरकार के अगले कदम पर टिकी हैं —
क्या 69 लाख पेंशनर्स को मिलेगा 8वें वेतन आयोग का लाभ,
या फिर उन्हें एक बार फिर इंतजार करना पड़ेगा?
