
Deoghar: तीन दशक से बाबा की नगरी में निकाली जा रही है भोले की बारात।
10 मार्च 1994 में पहली बार निकाली गई थी बाबा भोले की अनोखी बारात।
देवघर। बाबा की नगरी में तीन दशक से अधिक समय से भोले की अनोखी बारात निकाली जा रही है। ये बारात समय के साथ लोकप्रिय होती चली गई। हर वर्ष इस बारात के गवाह लाखों लोग बनते हैं। देवघर व आसपास के जिलों के अलावा बड़ी संख्या में बिहार व बंगाल के लोग इस बारात को देखने के लिए यहां पहुंचते हैं। देवघर में शिव बारात के आयोजन के लिए पहली बार धर्म जागृति संघ नामक संगठन के प्रयास से किया गया था। इसको लेकर देवघर के अनेक सामाजिक संगठनों को बैठक में आमंत्रित किया गया था। बैठक 24 फरवरी 1994 को दिगम्बर जैन
मंदिर में हुई थी। उसमें अनेक संगठन के लोगों ने
शिरकत की। बैठक में धर्म जागृति संघ के अध्यक्ष राज कुमार शर्मा ने शिव बारात की योजना व प्रारुप प्रस्तुत किया, जिसे लोगों ने स्वीकार किया। आनन-फानन में शिवरात्रि महोत्सव समिति का गठन किया गया। नवगठित शिवरात्रि महोत्सव समिति अध्यक्ष बने जय प्रकाश नारायण सिंह व पूर्व मेयर राज नारायण खवाड़े उर्फ बबलू खवाड़े को समिति का सचिव बनाया गया। शिव बारात पहली बार आर मित्रा उच्चविद्यालय परिसर से निकली। उसमें जय प्रकाश नारायण सिंह, राज नारायण खवाड़े, राज कुमार शर्मा, मार्कण्डेय जजवाड़े, गुलाब मिश्र, सोहन लाल मिश्र, नवीन धन खवाड़े उर्फ पिन्टु, दीनेन्द्र खवाड़े, रमा शंकर गोस्वामी, सच्चिदानन्द केशरी, जय कुमार केशरी, लक्ष्मी प्रसाद केशरी, आनंद मिश्र, राज कुमार पंडित के अलावा नाग ग्रुप के दर्जनों समर्पित कार्यकर्ताओं की अहम भूमिका रही। समिति के नवनियुक्त कोषाध्यक्ष ताराचन्द जैन जयपुर चले जाने के कारण पहले वर्ष की शिव बारात में शामिल नहीं हो पाये। उस शिव बारात में मात्र लगभग 12 हजार रुपए समिति द्वारा व्यय किया गया था।
वहीं धर्मप्राण नागरिकों की ओर से फलाहार आदि कुछ व्यवस्था अलग से सहयोग स्वरुप दी गई थी। पहले वर्ष शिव बारात की एक खासियत यह थी कि बाराती के साथ सराती को भी शामिल किया गया था। उषा झा व प्रभा मिश्रा के नेतृत्व में स्थानीय चांदनी चौक से सराती पार्टी ने बारात की अगवानी की थी। परंतु सराती पार्टी का यह प्रयोग सफल नहीं रहने के कारण दूसरे वर्ष से सराती पार्टी की व्यवस्था बंद कर दी गयी। पहली शिव बारात 10 मार्च 1994 को निकली थी। उस समय नगरपालिका की हड़ताल थी।सचिव राज नारायण खवाड़े के अनुरोध पर हड़ताली सफाईकर्मियों ने नौ मार्च के दिन शिव बारात के नाम पर सफाई कार्य में साथ दिया। उनके साथ देवघर ट्रक आनर वेलफेयर एसोसिएशन के सदस्यों व शिवरात्रि महोत्सव समिति के सदस्यों ने सफाई में भाग लेकर शिव बारात की शोभा यात्रा मार्ग की सफाई की।
माइक से बारात निकाले जाने का प्रचार प्रसार किया गया था। उस वर्ष बारात को देखने के लिए हजारों की संख्या में लोग सड़क पर उमड़ पड़े थे। शिव बारात लोकप्रियता को देखते अगली समीक्षा बैठक में सर्वसम्मति से देवघर नगर निगम के प्रथम मेयर राज नारायण खवाड़े उर्फ बबलू खवाड़े को शिवरात्रि महोत्सव समिति का अध्यक्ष मनोनित किया गया। कोरोना के कारण दो वर्षों तक शिव बारात का आयोजन नहीं किया गया। वहीं 2023 में समिति नए अध्यक्ष अभिषेक आनंद झा के नेतृत्व में भव्य शिव बारात निकाला गया। इसमें सांसद डा. निशिकांत दुबे की भूमिका अहम रही। इसमें समाजसेवी सुनील खवाड़े ने भी काफी योगदान दिया था। इस वर्ष फिर से शिव बारात निकालने की तैयारी जोर-शोर से चल रही है। जानकारी हो कि शिव बारात को सफल बनाने में पुलिस, प्रशासन व स्थानीय नागरिकों का अहम योगदान रहता है।
हर वर्ष शिव बारात के माध्यम से लोगों को धार्मिक ही नहीं सामाजिक संदेश भी देने का प्रयास किया जाता है। इसी अनुसार झांकियों को सजाया व संवारा जाता है। हर बार नए थीम पर बारात निकाली जाती है। वहीं महाशिवरात्री के मौके पर पूरे शहर को दुल्हन की तरह सजाया जाता है। इसके लिए बंगाल व अन्य जगहों के कलाकार यहां आते हैं। उनकी निगरानी में पूरे शहर को सजाया व संवारा जाता है। ये बारात केकेएन स्टेडियम से निकलकर विभिन्न रास्तों से होते हुए बाबा मंदिर पहुंचता है। इस मौके पर लोगों का उत्साह व उमंग देखते ही बनता है।