
Uttar Pradesh: पति की हत्या कर शव ड्रम में छिपाने वाली मुस्कान ने जताई कानून की पढ़ाई की इच्छा, जेल में बोली – अब वकील बनकर न्याय लड़ूंगी।
यूपी। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से एक चौंकाने वाली और सनसनीखेज घटना सामने आई थी, जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। मुस्कान नाम की महिला ने अपने पति सौरभ की हत्या कर उसके शव को प्लास्टिक ड्रम में बंद कर घर में ही छिपा दिया था। इस दिल दहला देने वाले मामले ने जब तूल पकड़ा, तो पुलिस की जांच में सच सामने आया और मुस्कान को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।
अब, इसी मामले में एक नया मोड़ सामने आया है। हत्या के आरोप में जेल में बंद मुस्कान ने जेल प्रशासन के सामने अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए कहा है कि वह भविष्य में कानून की पढ़ाई करना चाहती है और खुद वकील बनकर न्याय के लिए लड़ना चाहती है।
हत्या की वजह और घटनाक्रम
मामले की जांच के दौरान सामने आया कि मुस्कान और उसके पति सौरभ के बीच आए दिन झगड़े हुआ करते थे। रिश्तों में खटास इस हद तक बढ़ गई थी कि मुस्कान ने सौरभ को रास्ते से हटाने का मन बना लिया। एक दिन मौका पाकर उसने सौरभ की हत्या कर दी और शव को प्लास्टिक के बड़े ड्रम में बंद कर छिपा दिया।
कुछ दिन बाद जब सौरभ की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई और पुलिस को शक हुआ, तो सघन पूछताछ के बाद मुस्कान ने अपना जुर्म कबूल कर लिया। शव की बरामदगी के बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
जेल में पढ़ाई की इच्छा
जेल में बंद मुस्कान ने हाल ही में जेल अधीक्षक से बातचीत के दौरान कहा कि वह अब अपने जीवन को एक नई दिशा देना चाहती है। उसने कहा कि जो हुआ, उसके लिए वह कानून का सामना करेगी, लेकिन अब वह कानून की पढ़ाई कर वकील बनना चाहती है ताकि अन्य महिलाओं को भी न्याय दिलाने में सहयोग कर सके।
उसका कहना है कि उसे कानून से गहरा लगाव हो गया है और अब वह इस क्षेत्र में खुद को साबित करना चाहती है। जेल प्रशासन भी उसकी इस रुचि को गंभीरता से ले रहा है और उसे जेल में पढ़ाई करने की सुविधा देने पर विचार कर रहा है।
समाज और प्रशासन की प्रतिक्रिया
इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर से यह सवाल खड़ा कर दिया है कि कानून का डर किस हद तक असरदार है और एक बार अपराध करने वाला व्यक्ति क्या वास्तव में अपने जीवन को सुधार सकता है?
मुस्कान की इच्छा ने जेल सुधार प्रणाली की भूमिका पर भी ध्यान खींचा है — क्या एक अपराधी को सुधार कर समाज के लिए उपयोगी बनाया जा सकता है? जेल प्रशासन इसे एक सकारात्मक संकेत मान रहा है, परंतु समाज में इसको लेकर मिली-जुली प्रतिक्रिया है।