
यूपी: हेट स्पीच मामले में MLA अब्बास अंसारी को दो साल की सजा, अदालत ने जुर्माना भी लगाया।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मऊ जिले से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के विधायक अब्बास अंसारी को हेट स्पीच (घृणा भाषण) मामले में कोर्ट ने दो साल की सजा सुनाई है। इस मामले में अदालत ने उन पर जुर्माना भी लगाया है। अब्बास अंसारी, माफिया से नेता बने मुख्तार अंसारी के बेटे हैं।
यह फैसला लखनऊ की विशेष अदालत द्वारा सुनाया गया, जो कि आदर्श आचार संहिता उल्लंघन और भड़काऊ भाषण से जुड़े मामलों की सुनवाई करती है।
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🔍 मामला क्या था?
यह केस वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान दिए गए एक भड़काऊ भाषण से जुड़ा हुआ है। अब्बास अंसारी पर आरोप था कि उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान ऐसी टिप्पणियां कीं, जो समाज में विवाद और वैमनस्य फैलाने वाली थीं।
उन्होंने कथित तौर पर यह भी कहा था कि सत्ता में आने के बाद, वह “पिछले अधिकारियों से हिसाब बराबर करेंगे”, जो उनके पिता मुख्तार अंसारी के खिलाफ कार्रवाई कर रहे थे। यह बयान काफी विवादित रहा और चुनाव आयोग ने इसे आचार संहिता का उल्लंघन माना।
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⚖️ कोर्ट का फैसला
विशेष अदालत ने सबूतों और गवाहों के आधार पर अब्बास अंसारी को दोषी ठहराया। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि
> “जनप्रतिनिधियों को अपने भाषण में संयम और मर्यादा बनाए रखनी चाहिए। लोकतंत्र में ऐसे बयान स्वीकार्य नहीं हैं।”
अदालत ने उन्हें दो साल की सश्रम कारावास और साथ ही 10,000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।
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📝 सजा के बाद क्या होगा?
चूंकि अब्बास अंसारी को दो साल की सजा मिली है, ऐसे में उनकी विधायक सदस्यता पर संकट आ सकता है। भारतीय कानून के अनुसार, यदि किसी जनप्रतिनिधि को दो साल या उससे अधिक की सजा होती है, तो उसकी सदस्यता रद्द हो सकती है। हालांकि इस फैसले के खिलाफ वे उच्च न्यायालय में अपील कर सकते हैं।
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🔁 राजनीतिक प्रतिक्रिया
इस फैसले को लेकर राजनीतिक हलकों में हलचल तेज हो गई है। विपक्षी पार्टियों ने इसे कानून का सख्त पालन बताया है, जबकि सुभासपा समर्थकों का कहना है कि अब्बास अंसारी को राजनीतिक साजिश के तहत फंसाया गया है।