
Jamshedpur: जमशेदपुर में इंसानियत को शर्मसार करता हादसा: बर्थडे पार्टी मनाने पहुंचे 3 दोस्त नदी में डूबे, लोग बचाने की बजाय बनाते रहे वीडियो; 2 की मौत, 1 को बचाया गया।
जमशेदपुर। झारखंड के जमशेदपुर से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसने न सिर्फ दो जिंदगियों को लील लिया, बल्कि इंसानियत पर भी गहरे सवाल खड़े कर दिए हैं। शहर के मशहूर बड़ौदा घाट पर रविवार को एक बेहद दर्दनाक हादसा हुआ, जहां बर्थडे पार्टी मनाने पहुंचे तीन दोस्त नदी में डूब गए। इस हादसे में दो युवकों की मौत हो गई, जबकि तीसरे को स्थानीय प्रशासन की मदद से बचा लिया गया।
सबसे शर्मनाक बात यह रही कि जब तीनों युवक पानी में डूब रहे थे और जिंदगी की भीख मांग रहे थे, तब वहां मौजूद तमाशबीन लोगों ने मदद करने की बजाय अपने मोबाइल निकाल लिए और वीडियो बनाने लगे। कोई भी उनकी मदद के लिए पानी में नहीं उतरा। यह दृश्य न सिर्फ हृदयविदारक था, बल्कि यह भी दर्शाता है कि डिजिटल युग में संवेदनाएं कितनी कमजोर होती जा रही हैं।
कैसे हुआ हादसा?
मिली जानकारी के अनुसार, तीनों युवक आपस में गहरे दोस्त थे और उनमें से एक का जन्मदिन था। इस मौके को खास बनाने के लिए वे बड़ौदा घाट पर पहुंचे थे। वहां नहाने के दौरान एक युवक गहराई में चला गया। उसे बचाने के प्रयास में बाकी दो दोस्त भी पानी में उतर गए, लेकिन वे भी पानी के तेज बहाव में फंस गए।
तीनों युवक लगातार मदद के लिए चिल्लाते रहे, लेकिन घाट पर मौजूद लोग उन्हें बचाने की जगह सिर्फ तमाशा देखते रहे और वीडियो शूट करते रहे। जब हालात बिगड़े, तब किसी ने प्रशासन को सूचना दी। मौके पर पहुंची रेस्क्यू टीम ने एक युवक को जीवित बाहर निकाला, लेकिन बाकी दो युवकों के शव घंटों की मशक्कत के बाद पानी से बरामद किए गए।
मृतकों की पहचान और परिवार का हाल
दोनों मृतक युवक जमशेदपुर के ही रहने वाले थे और उनकी उम्र 20 से 22 वर्ष के बीच बताई जा रही है। घटना की सूचना मिलते ही उनके परिजन घाट पर पहुंचे, जहां शवों को देखकर उनका रो-रोकर बुरा हाल हो गया। जन्मदिन का जश्न मातम में तब्दील हो गया।
इस हादसे के बाद प्रशासन ने घटना की जांच शुरू कर दी है और घाट क्षेत्र में सुरक्षा इंतजामों की समीक्षा की जा रही है। प्रशासन ने जनता से अपील की है कि ऐसी घटनाओं के वक्त संवेदनशीलता दिखाएं और तत्काल मदद के लिए आगे आएं।
यह घटना सिर्फ एक हादसा नहीं, बल्कि समाज की बदलती मानसिकता की तस्वीर है। सवाल यह नहीं है कि दो युवक डूबे, सवाल यह है कि दर्जनों लोग मौजूद थे, लेकिन किसी ने भी उन्हें बचाने की कोशिश नहीं की। सभी लोग वीडियो बनाते रहे, जिसे बाद में सोशल मीडिया पर शेयर किया गया।
जमशेदपुर की यह घटना हमें सोचने पर मजबूर करती है कि क्या अब मोबाइल कैमरे हमारी संवेदनाओं पर भारी पड़ चुके हैं? क्या वीडियो बनाने की लत ने इंसान के भीतर की इंसानियत को खत्म कर दिया है?