
Bihar crime: इज्जत के नाम पर इंसानियत की हत्या, गोपालगंज में 15 साल की बेटी की दर्दनाक मौत।
गोपालगंज। बिहार के गोपालगंज जिले से दिल दहला देने वाली एक ऑनर किलिंग की घटना सामने आई है, जिसने मानवता को शर्मसार कर दिया। जादोपुर थाना क्षेत्र के सीहोरवा गांव में एक पिता ने अपनी 15 वर्षीय नाबालिग बेटी की गला घोंटकर हत्या कर दी। हत्या के बाद उसने शव को जलाया और फिर गंडक नदी के किनारे दफना दिया, ताकि जुर्म का कोई सुराग न मिले।
क्या था मामला?
घटना शनिवार को सामने आई जब गांव में लड़की की अचानक गुमशुदगी की खबर फैली। ग्रामीणों को कुछ संदेह हुआ और इसकी सूचना पुलिस को दी गई। जब पुलिस ने जांच शुरू की तो परिवार की बातें विरोधाभासी निकलीं। शक गहराया और जब पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की, तब लड़की के पिता ने अपना जुर्म कबूल कर लिया।
पिता ने बताया कि उसकी बेटी का किसी युवक से संबंध था और यह बात उसे समाज के सामने “इज्जत पर धब्बा” लगने जैसा महसूस हुई। इसी गुस्से में उसने अपनी ही बेटी की गला घोंटकर हत्या कर दी। लेकिन यह क्रूरता यहीं नहीं रुकी—उसने शव को जला दिया और गंडक नदी के किनारे दफना दिया।
गुप्त सूचना से हुआ खुलासा
पुलिस को एक गुप्त सूचना मिली थी कि सीहोरवा गांव में एक किशोरी की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हुई है और शव को चोरी-छिपे कहीं दफनाया गया है। जब पुलिस मौके पर पहुंची और खुदाई करवाई, तो एक अधजला शव मिला, जिससे पूरे इलाके में सनसनी फैल गई।
गांव में मातम और सन्नाटा
पुलिस के खुलासे के बाद गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है। ग्रामीण इस खौफनाक वारदात को लेकर स्तब्ध हैं कि एक पिता अपनी ही संतान के साथ ऐसा बर्बर व्यवहार कैसे कर सकता है। सभी की जुबां पर एक ही सवाल है—”क्या इज्जत की कीमत बेटी की जान से ज्यादा हो सकती है?”
आरोपी पिता गिरफ्तार
पुलिस ने आरोपी पिता को तत्काल गिरफ्तार कर लिया है और उसके खिलाफ हत्या, साक्ष्य छुपाने और शव को ठिकाने लगाने जैसी गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया गया है। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है और रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। स्थानीय थाना प्रभारी ने कहा कि
“यह मामला ऑनर किलिंग का प्रतीत होता है, और हम इसे फास्ट ट्रैक कोर्ट में ले जाकर आरोपी को जल्द से जल्द सजा दिलाने की कोशिश करेंगे।”
समाज में उबाल
यह घटना केवल एक हत्या नहीं है, यह उस मानसिकता की प्रतिछवि है जिसमें बेटियों की आज़ादी को समाज की इज्जत से जोड़ दिया जाता है। नाबालिग लड़की की हत्या ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आखिर कब तक “इज्जत” के नाम पर बेटियों की बलि चढ़ाई जाती रहेगी?
गोपालगंज की यह घटना कानून, समाज और सोच—तीनों के लिए एक चेतावनी है। यह जरूरी है कि ऐसे मामलों में कठोरतम सजा दी जाए, ताकि समाज को संदेश मिले कि इज्जत के नाम पर की गई हत्या किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अब समय आ गया है कि “ऑनर” की परिभाषा बदली जाए और बेटियों को भी जीने का समान हक मिले।