
प्लास्टिक से भी ज्यादा माइक्रोप्लास्टिक छोड़ती हैं कांच की बोतलें! नई स्टडी में चौंकाने वाला खुलासा
अब तक प्लास्टिक को ही पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिए सबसे बड़ा खतरा माना जाता रहा है, लेकिन एक नई स्टडी ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। इस शोध के अनुसार, कांच की बोतलें प्लास्टिक से भी ज्यादा माइक्रोप्लास्टिक के कण छोड़ सकती हैं, जिससे सेहत पर गंभीर असर पड़ सकता है।
अमेरिका की नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्टैंडर्ड्स एंड टेक्नोलॉजी (NIST) द्वारा कराई गई रिसर्च में पाया गया कि कांच की बोतलों और उसमें लगे एल्यूमिनियम कैप्स से 1 लाख से ज्यादा माइक्रोप्लास्टिक कण निकल सकते हैं। यह संख्या प्लास्टिक बोतलों से निकलने वाले कणों से कहीं ज्यादा है।
रिसर्चर्स ने बाजार में मिलने वाले कई तरह के बोतल बंद ड्रिंक्स और पानी के नमूने जांचे और पाया कि कांच की बोतलों से नैनोप्लास्टिक और माइक्रोप्लास्टिक कण निकल रहे हैं, जो आकार में बेहद छोटे होते हैं और शरीर के अंदर घुसकर नुकसान पहुंचा सकते हैं।
कैसे होता है ये रिसाव:
विशेषज्ञों के मुताबिक, कांच की बोतलों में बंद चीजों को जब खोला जाता है, तब ढक्कन और बोतल की रगड़ से सूक्ष्म कण छूटते हैं। इसके अलावा बोतलों की भीतरी परत या सीलिंग में प्रयुक्त प्लास्टिक भी इन कणों का स्रोत हो सकता है।
स्वास्थ्य पर असर:
माइक्रोप्लास्टिक और नैनोप्लास्टिक कण शरीर के अंगों में जमा होकर हार्मोनल असंतुलन, कैंसर, और पाचन तंत्र की गड़बड़ियों जैसी समस्याएं पैदा कर सकते हैं। वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि यह समस्या जितनी दिखती है, उससे कहीं अधिक गंभीर हो सकती है।