
देसी या सफेद अंडा, कौन है ज्यादा हेल्दी? न्यूट्रीशनिस्ट से जानें सच्चाई
अंडा सेहत के लिए एक बेहतरीन सुपरफूड माना जाता है। लेकिन अक्सर लोग इस उलझन में रहते हैं कि देसी (ब्राउन) अंडा ज्यादा फायदेमंद है या सफेद अंडा? इस बहस पर अब न्यूट्रीशन एक्सपर्ट्स ने साफ राय दी है।
अंडे की बनावट और रंग उसके पोषण को प्रभावित करते हैं या नहीं? इस सवाल का जवाब जानना ज़रूरी है। देसी यानी ब्राउन अंडे देशी मुर्गियों से आते हैं, जबकि सफेद अंडे लेयर्ड मुर्गियों से। लेकिन न्यूट्रीशनिस्ट्स की मानें तो दोनों ही अंडों का पोषण मूल्य लगभग बराबर होता है।
न्यूट्रीशनिस्ट क्या कहते हैं?
डायटीशियन डॉ. राधिका जैन के अनुसार, “सफेद और ब्राउन अंडे में प्रोटीन, फैट, विटामिन B12, विटामिन D, आयरन और ज़िंक जैसे न्यूट्रिएंट्स समान मात्रा में होते हैं। फर्क केवल उनकी मुर्गियों की नस्ल और खान-पान का होता है।”
क्या देसी अंडा बेहतर होता है?
कुछ लोग मानते हैं कि देसी अंडा ज्यादा ‘ऑर्गेनिक’ होता है क्योंकि देशी मुर्गियां खुले वातावरण में चरती हैं और प्राकृतिक भोजन करती हैं। इससे अंडों में ओमेगा-3 फैटी एसिड की मात्रा थोड़ी ज्यादा हो सकती है, लेकिन ये फर्क बहुत बड़ा नहीं होता।
कीमत का भी फर्क
देसी अंडे बाज़ार में सफेद अंडों की तुलना में महंगे मिलते हैं। लेकिन सिर्फ रंग और कीमत को देखकर सेहत से जुड़ा फैसला लेना जरूरी नहीं।
नतीजा क्या है?
अगर आप अंडा नियमित रूप से खाते हैं, तो सफेद या देसी – कोई भी अंडा लें, फायदा ज़रूर होगा। दोनों में प्रोटीन की मात्रा लगभग 6 ग्राम होती है और दोनों ही शरीर के लिए फायदेमंद हैं।