
प्रधानमंत्री मोदी की ‘मन की बात’: लोकतंत्र, स्वास्थ्य और संस्कृति पर आधारित रहा 123वां एपिसोड।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को वर्ष 2025 के जून माह का ‘मन की बात’ कार्यक्रम प्रस्तुत किया। यह मासिक रेडियो कार्यक्रम का 123वां संस्करण था, जिसमें उन्होंने देशवासियों से विभिन्न समसामयिक विषयों पर संवाद किया। इस बार का एपिसोड तीन मुख्य विषयों पर केंद्रित रहा — आपातकाल की ऐतिहासिक घटना, देश की स्वास्थ्य उपलब्धियां, और भारतीय संस्कृति में तीर्थों की भूमिका।
आपातकाल: लोकतंत्र की सबसे काली रात का स्मरण
प्रधानमंत्री मोदी ने वर्ष 1975 में लगाए गए आपातकाल का उल्लेख करते हुए उसे भारतीय लोकतंत्र पर एक गहरा आघात बताया। उन्होंने कहा, “48 साल पहले हमारे देश में आपातकाल थोपा गया था। यह एक ऐसा समय था जब न्यायपालिका को दबाया गया, प्रेस की स्वतंत्रता छीन ली गई और लाखों लोगों को जेल में डाल दिया गया।”
उन्होंने आगे कहा कि यह सिर्फ एक राजनीतिक घटना नहीं थी, बल्कि यह हमारी लोकतांत्रिक आत्मा पर हमला था। उन्होंने देशवासियों से अपील की कि वे इस प्रकार की घटनाओं से सबक लें और लोकतंत्र की रक्षा के लिए हमेशा जागरूक रहें।
स्वास्थ्य के क्षेत्र में उपलब्धियां: ट्रैकोमा-मुक्त भारत की घोषणा
कार्यक्रम के दूसरे भाग में प्रधानमंत्री ने देश को एक बड़ी स्वास्थ्य उपलब्धि के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि भारत अब ट्रैकोमा (एक संक्रामक नेत्र रोग) से पूरी तरह मुक्त हो चुका है। यह स्वास्थ्य मंत्रालय और देशवासियों के सामूहिक प्रयास का परिणाम है।
प्रधानमंत्री ने बताया कि नेत्र स्वास्थ्य मिशन के तहत लाखों लोगों को आंखों की जांच और उपचार की सुविधाएं प्रदान की गईं। उन्होंने डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि यह उपलब्धि भारत को सार्वजनिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी।
तीर्थ और योग: जीवन में संतुलन के प्रतीक
प्रधानमंत्री मोदी ने कार्यक्रम में योग और तीर्थयात्राओं की महत्ता पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि “योग सिर्फ एक व्यायाम नहीं, बल्कि यह हमारे जीवन में मानसिक, शारीरिक और आत्मिक संतुलन लाता है। इसे रोजमर्रा की जीवनशैली में शामिल करना समय की मांग है।”
उन्होंने भारत के प्रमुख धार्मिक स्थलों का जिक्र करते हुए कहा कि तीर्थयात्राएं हमारे अंदर आध्यात्मिक ऊर्जा भरती हैं और हमें सांस्कृतिक विरासत से जोड़ती हैं। प्रधानमंत्री ने युवाओं से अपील की कि वे भी इन मूल्यों को आत्मसात करें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह ‘मन की बात’ एपिसोड जहां एक ओर भारतीय लोकतंत्र के इतिहास की कठिन घड़ी की याद दिलाता है, वहीं दूसरी ओर देश की स्वास्थ्य संबंधी उपलब्धियों और सांस्कृतिक मूल्यों को पुनः जागरूक करने का संदेश भी देता है। उन्होंने अंत में कहा कि “भारत आज स्वास्थ्य, शिक्षा, तकनीक और संस्कृति के क्षेत्र में जो प्रगति कर रहा है, वह जनभागीदारी और जनचेतना का परिणाम है।”
प्रधानमंत्री ने लोगों से अगले एपिसोड के लिए विचार और सुझाव साझा करने की अपील भी की।