
“वोटर लिस्ट में हो रही है गड़बड़ी, चुनाव आयोग जिम्मेदार”: कन्हैया कुमार का बड़ा हमला, लगाए पक्षपात के गंभीर आरोप।
नई दिल्ली। कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार ने एक बार फिर चुनाव आयोग और केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया है कि बीजेपी समर्थित वोटरों को वोटर लिस्ट में जोड़ा जा रहा है, जबकि विपक्षी दलों के समर्थकों के नाम जानबूझकर हटाए जा रहे हैं।
कन्हैया कुमार ने अपने बयान में कहा, “चुनाव आयोग की भूमिका पर आज सवाल उठने लगे हैं। वोटर लिस्ट से नाम काटने का खेल अब आम हो गया है। ऐसा लग रहा है कि लोकतंत्र की जड़ें कमजोर करने की साजिश हो रही है।”
वोटर लिस्ट में छेड़छाड़ का आरोप, कन्हैया बोले- ये चुनावी निष्पक्षता पर हमला
कन्हैया कुमार ने कहा कि अगर वोटर लिस्ट में पारदर्शिता नहीं रही, तो चुनाव की निष्पक्षता खतरे में पड़ जाएगी। उन्होंने कहा, “सत्ताधारी दल के दबाव में आकर अगर चुनाव आयोग काम करेगा, तो ये लोकतंत्र के लिए खतरनाक संकेत है।”
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कुछ राज्यों में स्थानीय अधिकारियों की मिलीभगत से वोटर लिस्ट में BJP के पक्ष में हेरफेर की जा रही है। उनका कहना है कि चुनाव आयोग को तत्काल निष्पक्ष जांच करानी चाहिए और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।
‘वोटर लिस्ट में नाम जोड़ना या हटाना तकनीकी काम नहीं, ये लोकतंत्र की आत्मा से जुड़ा है’
कन्हैया कुमार ने कहा कि वोट देने का अधिकार संविधान से मिला अधिकार है, इसे छीना नहीं जा सकता। उन्होंने सवाल उठाया कि जब विपक्षी दलों के वोटर ही वोट नहीं डाल पाएंगे, तो चुनाव की वैधता पर कौन भरोसा करेगा?
विपक्षी नेताओं का समर्थन, आयोग से पारदर्शिता की मांग
कन्हैया कुमार के इस बयान के बाद विपक्ष के अन्य दलों ने भी वोटर लिस्ट की पारदर्शिता को लेकर सवाल खड़े किए हैं। कई विपक्षी नेताओं ने मांग की है कि वोटर लिस्ट में हर बदलाव को सार्वजनिक रूप से घोषित किया जाए और जनता को ऑनलाइन सत्यापन की सुविधा दी जाए।
कन्हैया कुमार द्वारा लगाए गए आरोपों ने एक बार फिर चुनाव आयोग की निष्पक्षता और पारदर्शिता को लेकर सार्वजनिक बहस को तेज कर दिया है। इस मामले में अब सबकी निगाहें चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया और कार्रवाई पर टिकी हैं।
यदि आयोग समय रहते विश्वास बहाल करने वाले कदम नहीं उठाता, तो आने वाले चुनावों की वैधता और पारदर्शिता पर गंभीर सवाल उठ सकते हैं।