
BIHAR NEWS: बिहार कैबिनेट के ऐतिहासिक फैसले: युवाओं को इंटर्नशिप, कलाकारों को पेंशन और धार्मिक पर्यटन को मिलेगा नया आयाम।
बिहार सरकार ने मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में राज्य के युवाओं, कलाकारों और धार्मिक पर्यटन के क्षेत्र को मजबूती देने के लिए कई ऐतिहासिक फैसले लिए। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में संपन्न हुई इस बैठक में कुल 24 अहम प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। ये सभी निर्णय राज्य की सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक प्रगति को दिशा देने वाले हैं।
युवा सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा कदम:
कैबिनेट ने ‘मुख्यमंत्री-प्रतिज्ञा योजना’ को हरी झंडी दी है, जिसका उद्देश्य युवाओं को इंटर्नशिप के जरिए रोजगार के लिए तैयार करना है। इस योजना के तहत 18 से 28 वर्ष आयु वर्ग के एक लाख से अधिक युवाओं को हर महीने 4,000 से 6,000 रुपये तक की सहायता राशि दी जाएगी। इसके साथ ही युवाओं को व्यवसायिक प्रशिक्षण और करियर विकास से जुड़ी जानकारी भी दी जाएगी।
यह योजना पांच वर्षों तक लागू रहेगी और इस पर कुल 686 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। वित्तीय वर्ष 2025-26 में इसकी शुरुआत 5,000 युवाओं से की जाएगी। यह योजना युवाओं को स्वरोजगार और आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ावा देने में सहायक होगी।
कलाकारों को मिलेगा जीवनयापन भत्ता:
बिहार सरकार ने ‘मुख्यमंत्री कलाकार पेंशन योजना’ के रूप में राज्य के पारंपरिक, शास्त्रीय और लोक कलाकारों के लिए राहत की घोषणा की है। इस योजना के तहत 50 वर्ष से अधिक आयु के जरूरतमंद कलाकारों को 3,000 रुपये प्रतिमाह पेंशन के रूप में दिए जाएंगे। पात्रता के लिए कलाकार की वार्षिक आय 1.20 लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए। यह योजना ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के कलाकारों को कवर करेगी और पारंपरिक कलाओं को संरक्षित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
धार्मिक पर्यटन को मिलेगा नया विस्तार:
धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कैबिनेट ने सीतामढ़ी जिले के पुनौराधाम में भव्य जानकी मंदिर निर्माण की योजना को भी स्वीकृति दी है। यह मंदिर पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ जनक-सीता की जन्मस्थली को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने का कार्य करेगा। इससे स्थानीय रोजगार और व्यवसाय को भी लाभ पहुंचेगा।
इन निर्णयों से स्पष्ट है कि बिहार सरकार युवाओं को रोजगार के अवसर देने, कलाकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और धार्मिक पर्यटन को सशक्त बनाने के लिए गंभीर प्रयास कर रही है। इन योजनाओं का प्रभाव आने वाले वर्षों में बिहार के सामाजिक और आर्थिक ढांचे पर सकारात्मक रूप से दिखाई देगा।