
उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण रैकेट का भंडाफोड़: ‘छांगुर बाबा’ उर्फ जमालुद्दीन गिरफ्तार, विदेशी फंडिंग से चलता था नेटवर्क
उत्तर प्रदेश एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) ने धर्मांतरण के एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश करते हुए बलरामपुर जिले के मधपुर गांव, थाना उतरौला से इस नेटवर्क के मास्टरमाइंड जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा को गिरफ्तार किया है। यह वही नाम है जो हाल ही में घर वापसी की एक बड़ी घटना के बाद सामने आया था, जिसमें एक दर्जन से अधिक लोगों ने पुनः अपने मूल धर्म में वापसी की थी।
विदेशी फंडिंग से चलता था धर्मांतरण का नेटवर्क
एसटीएफ के अनुसार, यह धर्मांतरण रैकेट केवल स्थानीय स्तर तक सीमित नहीं था बल्कि विदेशों से फंडिंग प्राप्त कर बड़े पैमाने पर युवतियों और नाबालिगों को प्रेमजाल, लालच, ब्रेनवाश और धमकियों के जरिए इस्लाम में धर्मांतरित करता था। गिरोह की गतिविधियों का संचालन पूरी तरह संगठित ढंग से हो रहा था।
इस कार्रवाई में जमालुद्दीन के साथ-साथ उसकी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन सहित कई अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है। जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा पर ₹50,000 का इनाम घोषित था।
सूफी संत बनकर करता था प्रचार, ‘शिजर-ए-तैय्यबा’ से फैलाता था कट्टरता
जमालुद्दीन खुद को ‘सूफी संत हजरत बाबा जलालुद्दीन पीर बाबा’ के रूप में प्रचारित करता था। उसने ‘शिजर-ए-तैय्यबा’ नामक एक पुस्तक छपवाकर इस्लाम के प्रचार-प्रसार और ब्रेनवॉश का कार्य शुरू किया था। इसका मुख्य निशाना हिंदू और अन्य गैर-मुस्लिम समुदायों की युवतियां होती थीं।
लखनऊ की गुंजा गुप्ता का मामला
इस नेटवर्क की एक चौंकाने वाली सच्चाई लखनऊ की गुंजा गुप्ता नामक युवती के मामले में सामने आई। गुंजा को अबू अंसारी नामक युवक ने ‘अमित’ नाम का उपयोग कर अपने प्रेम जाल में फंसाया। बाद में उसे छांगुर बाबा की दरगाह ले जाकर उसका जबरन धर्म परिवर्तन करवाया गया। उसका नया नाम अलीना अंसारी रख दिया गया।
जाति के अनुसार तय होती थी धर्मांतरण की रकम
एसटीएफ की पूछताछ में खुलासा हुआ है कि धर्मांतरण की कीमत जाति के अनुसार तय होती थी। इस गिरोह के पास एक पूरा ढांचा तैयार था, जिसमें यह देखा जाता था कि पीड़िता किस जाति या वर्ग से आती है, और उसी के आधार पर उसे धर्मांतरित करने की रकम तय की जाती थी।
जांच जारी, और भी बड़े नामों के खुलासे की उम्मीद
फिलहाल एसटीएफ इस मामले की विस्तृत जांच कर रही है और संभावना है कि जल्द ही इस नेटवर्क से जुड़े कई और बड़े नामों का भी खुलासा हो सकता है। इस पूरे प्रकरण ने राज्य में धर्मांतरण को लेकर चल रहे काले धंधे की भयावह सच्चाई को उजागर कर दिया है।
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यह मामला न केवल धर्म के नाम पर धोखाधड़ी का है, बल्कि यह युवतियों की आज़ादी और सुरक्षा से जुड़ा गंभीर सामाजिक मुद्दा भी बन चुका है।