
गुजरात ब्रिज हादसा: वडोदरा के गंभीरा पुल ढहने से अब तक 19 की मौत, लापता लोगों की तलाश जारी, सरकार ने दिए उच्चस्तरीय जांच के आदेश।
वडोदरा। गुजरात के वडोदरा जिले में स्थित गंभीरा नदी पर बना पुल अचानक ढह जाने की दर्दनाक घटना ने पूरे राज्य को हिला कर रख दिया है। 9 जुलाई 2025 की सुबह हुए इस भयावह हादसे में अब तक 19 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। वहीं, हादसे के बाद दो लोग अब भी लापता हैं, जिनकी तलाश में राहत और बचाव दल दिन-रात जुटे हुए हैं। हादसा इतना भीषण था कि कई गाड़ियाँ और लोग पुल के साथ नदी में समा गए।
हादसे का पूरा घटनाक्रम
बुधवार सुबह करीब 8 बजे जब लोग रोज़मर्रा की तरह पुल से गुजर रहे थे, उसी समय गंभीरा पुल का एक बड़ा हिस्सा अचानक भरभराकर गिर गया। कुछ ही सेकंड में पुल के ऊपर से गुजर रही गाड़ियाँ, मोटरसाइकिल, साइकिल और पैदल चलने वाले लोग नदी में गिर गए। हादसे के तुरंत बाद स्थानीय लोग और पुलिस प्रशासन मौके पर पहुंचे। नदी में गिरी गाड़ियों और लोगों की तलाश के लिए एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा मोचन बल) और एसडीआरएफ (राज्य आपदा मोचन बल) की टीमें बुला ली गईं।
मृतकों की संख्या बढ़ती जा रही है
शुरुआत में हादसे के बाद 18 शवों को बाहर निकाला गया था, लेकिन शुक्रवार सुबह एक और शव बरामद हुआ, जिससे मृतकों की संख्या बढ़कर 19 हो गई। मृतकों में महिलाएं, पुरुष और बच्चे भी शामिल हैं। कुछ शवों की पहचान हो चुकी है, जबकि कुछ की पहचान अभी बाकी है। प्रशासन की ओर से सभी शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।
अब भी लापता हैं दो लोग
हादसे के बाद से ही दो लोग अब भी लापता हैं। राहत दल ड्रोन कैमरों, नावों और डाइवर्स की मदद से नदी में तलाशी अभियान चला रहे हैं। प्रशासन को आशंका है कि बहाव तेज होने के कारण लापता लोग काफी दूर तक बह गए होंगे।
पुल की हालत पहले से थी खराब?
स्थानीय लोगों और कुछ सामाजिक संगठनों का आरोप है कि यह हादसा सरकार और प्रशासन की लापरवाही का नतीजा है। लोगों का कहना है कि पुल की हालत पिछले कई महीनों से जर्जर थी। पुल में दरारें पहले से दिख रही थीं, लेकिन न तो मरम्मत की गई और न ही यातायात रोका गया। यह साफ तौर पर एक प्रशासनिक चूक का मामला है।
सरकार की प्रतिक्रिया
गुजरात सरकार ने इस हादसे पर गहरा दुख जताते हुए जांच के आदेश दे दिए हैं। राज्य सरकार ने मृतकों के परिजनों को 5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने का एलान किया है। घायलों का पूरा इलाज राज्य सरकार की ओर से कराया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि हादसे की उच्चस्तरीय जांच कराई जाएगी और जिम्मेदार अधिकारियों व ठेकेदारों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। वहीं विपक्षी दलों ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए इसे व्यवस्था की विफलता और भ्रष्टाचार का परिणाम बताया है।
राहत और बचाव कार्य जारी
घटना के बाद से ही राहत और बचाव कार्य बिना रुके जारी है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, स्थानीय पुलिस और प्रशासन के अधिकारी 24 घंटे डटे हुए हैं। कई घायलों को वडोदरा के सरकारी और निजी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। डॉक्टरों की एक विशेष टीम घायलों के इलाज में लगी हुई है।
भविष्य की सुरक्षा को लेकर सवाल
इस हादसे ने राज्यभर में चिंता की लहर पैदा कर दी है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि अगर समय रहते पुल की जांच और मरम्मत की गई होती, तो क्या इतने निर्दोष लोगों की जान बचाई जा सकती थी? यह घटना केवल एक हादसा नहीं, बल्कि सिस्टम पर एक करारा तमाचा है। राज्य के कई और पुराने पुलों की भी तत्काल सुरक्षा ऑडिट की मांग उठ रही है।
मुख्य बिंदु संक्षेप में:
हादसा: 9 जुलाई को वडोदरा के गंभीरा नदी पर पुल का हिस्सा गिरा
मृतक: अब तक 19 लोगों की मौत
लापता: 2 लोग अब भी लापता
घायल: कई लोगों का अस्पताल में इलाज जारी
कारण: जर्जर पुल की समय पर मरम्मत नहीं होना मुख्य कारण माना जा रहा
जांच: राज्य सरकार ने उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए
मुआवजा: मृतकों के परिजनों को ₹5 लाख की सहायता राशि
वडोदरा का यह ब्रिज हादसा केवल एक तकनीकी विफलता नहीं, बल्कि शासन, प्रशासन और निगरानी तंत्र की नाकामी का जीता-जागता उदाहरण है। यह समय है जब सरकार को केवल मुआवजा देने से आगे बढ़कर सुनियोजित और जिम्मेदार ढांचे की ओर ध्यान देना होगा। क्योंकि अगर अब भी नहीं चेते, तो अगला हादसा कहीं और, किसी और की ज़िंदगी निगल सकता है।