
गुरुग्राम में दिल दहला देने वाली वारदात: जन्मदिन की खुशियां मातम में बदली, पिता ने बेटी राधिका यादव को तीन गोलियां मारकर उतारा मौत के घाट।
गुरुग्राम। हरियाणा के गुरुग्राम में 10 जुलाई को उस समय खुशी का माहौल था, जब एक परिवार अपनी मां का जन्मदिन मना रहा था। सुबह से ही घर में रौनक थी, बेटी राधिका यादव उत्साह के साथ तैयारी कर रही थी, लेकिन दोपहर होते-होते सबकुछ बदल गया। इस हंसते-खेलते परिवार में ऐसी दिल दहला देने वाली घटना घटी, जिसने हर किसी को स्तब्ध कर दिया।
दरअसल, पिता दीपक यादव ने अपनी ही बेटी राधिका को तीन गोलियां मारकर मौत के घाट उतार दिया। राधिका कोई साधारण लड़की नहीं थी, वह एक प्रतिभाशाली टेनिस खिलाड़ी थी, जिसने राज्य स्तर की प्रतियोगिताओं में मेडल जीतकर अपने पिता का नाम रोशन किया था। लेकिन किसे पता था कि जिसे उसने अपना आदर्श माना, वही व्यक्ति उसकी जिंदगी का अंत कर देगा।
घटना की पूरी कहानी
10 जुलाई की सुबह राधिका यादव पूरे जोश और उत्साह के साथ अपनी मां का जन्मदिन मनाने की तैयारियों में लगी थीं। वह अपने परिवार के साथ समय बिता रही थीं और घर में सभी के चेहरे पर मुस्कान थी। लेकिन इसी बीच अचानक ऐसा मोड़ आया, जिसने पूरे परिवार को बर्बाद कर दिया।
दोपहर के वक्त किसी बात को लेकर राधिका और उनके पिता दीपक यादव के बीच बहस हो गई। बहस इतनी बढ़ गई कि पिता ने आपा खो दिया और गुस्से में आकर अपनी लाइसेंसी रिवॉल्वर से राधिका पर तीन फायर कर दिए। गोलियों की आवाज सुनकर घर में अफरा-तफरी मच गई। राधिका को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
राधिका की पहचान: एक होनहार टेनिस खिलाड़ी
राधिका यादव सिर्फ एक बेटी नहीं थीं, बल्कि गुरुग्राम की एक उभरती हुई टेनिस स्टार थीं। उन्होंने कई स्टेट लेवल टूर्नामेंट में हिस्सा लिया और मेडल भी जीते थे। खेल के प्रति उनका जुनून ही था, जिसने उनके पिता को हमेशा गर्व महसूस कराया। राधिका का सपना था कि वह देश के लिए खेलें और इंटरनेशनल स्तर पर भारत का नाम रोशन करें।
पिता का अपराध: अविश्वसनीय लेकिन सच
पिता दीपक यादव को पुलिस ने तुरंत गिरफ्तार कर लिया है और मामले की जांच जारी है। शुरुआती पूछताछ में पता चला है कि पिता किसी पारिवारिक विवाद या राधिका के जीवनशैली को लेकर नाराज थे। हालांकि अभी तक हत्याकांड की असली वजह साफ नहीं हो पाई है। पुलिस परिवार के अन्य सदस्यों और पड़ोसियों से पूछताछ कर रही है।
मोहल्ले में मातम और सवाल
इस घटना से पूरे मोहल्ले में शोक की लहर दौड़ गई है। लोगों को यकीन नहीं हो रहा कि एक पिता अपनी बेटी के साथ ऐसा कैसे कर सकता है, जिसे उसने बचपन से पाल-पोसकर बड़ा किया था। कई लोगों ने राधिका को टेनिस कोर्ट पर खेलते देखा था और उसे एक सीधी-सादी, महत्वाकांक्षी और मेहनती लड़की के रूप में जानते थे।
बड़ा सवाल: घरेलू तनाव या मानसिक असंतुलन?
यह वारदात केवल एक हत्या नहीं है, बल्कि यह एक बड़ा सवाल भी खड़ा करती है – क्या परिवारों के भीतर पल रहे तनाव, मानसिक दबाव और संवादहीनता इतनी गंभीर हो सकती है कि एक पिता अपनी बेटी की जान ले ले? यह घटना इस बात की ओर इशारा करती है कि आज की तेज़ रफ्तार जिंदगी में परिवार के भीतर भी भावनात्मक संतुलन बनाए रखना कितना जरूरी है।
गुरुग्राम की यह घटना समाज को एक गहरी चोट दे गई है। राधिका यादव जैसी प्रतिभाशाली युवती की इस तरह हत्या होना न केवल दुखद है, बल्कि यह हमारे सामाजिक ढांचे, पारिवारिक संबंधों और मानसिक स्वास्थ्य पर भी प्रश्नचिह्न लगाता है। अब यह जरूरी हो गया है कि ऐसे मामलों में केवल कानूनी कार्रवाई ही नहीं, बल्कि समाज को भी आत्मचिंतन करने की जरूरत है।