
Deoghar: बस संचालकों, स्कूल प्रतिनिधियों व ट्रांसपोर्ट व्यवसायियों की बैठक सम्पन्न – 8 घंटे कार्य अवधि व न्यूनतम मजदूरी भुगतान पर दिया गया निर्देश।
देवघर। उपायुक्त सह जिला दण्डाधिकारी नमन प्रियेश लकड़ा के निर्देशानुसार आज दिनांक 11 जुलाई 2025 को जिला श्रम कार्यालय में एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक की अध्यक्षता श्रम अधीक्षक शैलेन्द्र कुमार साह ने की। बैठक में देवघर जिला बस ऑनर एसोसिएशन के अध्यक्ष दिनेशानंद झा, आर्शीवाद बस के नियोजक आनंद प्रकाश, विभिन्न प्राइवेट स्कूलों के प्रतिनिधि तथा जिले के ट्रांसपोर्ट व्यवसायी उपस्थित रहे।
बैठक का मुख्य उद्देश्य मोटर परिवहन कर्मकार अधिनियम, 1961 तथा न्यूनतम मजदूरी अधिनियम, 1948 के प्रावधानों के प्रभावी क्रियान्वयन को सुनिश्चित करना था। बैठक में उपस्थित सभी बस मालिकों, स्कूल प्रतिनिधियों एवं ट्रांसपोर्ट व्यवसायियों को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए निर्देशों के आलोक में कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर अवगत कराया गया तथा आवश्यक निर्देश दिए गए।
8 घंटे से अधिक काम नहीं
श्रम अधीक्षक ने स्पष्ट रूप से कहा कि मोटर परिवहन कर्मकार अधिनियम, 1961 के अंतर्गत किसी भी चालक, खलासी या अन्य कर्मी से प्रतिदिन आठ घंटे से अधिक कार्य नहीं लिया जा सकता। सभी बस मालिकों व ट्रांसपोर्ट व्यवसायियों से इस निर्देश का सख्ती से पालन करने की अपील की गई। इस संदर्भ में सभी संबंधित पक्षों से एक अंडरटेकिंग (प्रतिज्ञा-पत्र) पर हस्ताक्षर भी लिए गए, जिसमें उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि उनके द्वारा नियोजित कर्मियों से आठ घंटे से अधिक कार्य नहीं कराया जाएगा।
न्यूनतम मजदूरी का पालन अनिवार्य
बैठक में उपस्थित सभी ट्रांसपोर्ट संचालकों व विद्यालय प्रतिनिधियों को न्यूनतम मजदूरी अधिनियम, 1948 के तहत राज्य सरकार द्वारा निर्धारित दरों के अनुसार ही मजदूरी भुगतान करने का निर्देश दिया गया। यह भी निर्देशित किया गया कि प्रत्येक कर्मी को हर माह की 7 तारीख तक समय पर मजदूरी दी जाए। इसमें किसी भी प्रकार की देरी को श्रम कानून का उल्लंघन माना जाएगा।
बैंक के माध्यम से भुगतान अनिवार्य
श्रम अधीक्षक ने यह भी स्पष्ट किया कि सभी प्रकार के मजदूरी भुगतान केवल बैंक खाता अथवा चेक के माध्यम से ही किए जाएं। नकद भुगतान की अनुमति नहीं दी जाएगी, ताकि भुगतान प्रक्रिया पारदर्शी हो और मजदूरों को उनके अधिकार समय पर मिल सकें।
निबंधन एवं बाल श्रम निषेध
बैठक में यह भी निर्देश दिया गया कि सभी ट्रांसपोर्ट उपक्रम मोटर परिवहन कर्मकार अधिनियम, 1961 के अंतर्गत निबंधन कराएं। यह न केवल कानूनी प्रक्रिया है बल्कि कर्मियों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए भी आवश्यक है।
साथ ही, सभी बस मालिकों व ट्रांसपोर्ट व्यवसायियों को यह भी सख्त निर्देश दिया गया कि वे अपने संस्थानों में किसी भी प्रकार के बाल श्रमिक या अल्पवयस्क को नियोजित न करें। बाल श्रम न केवल कानूनन अपराध है, बल्कि यह बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ के समान है।
अधिकारियों की अपील
श्रम अधीक्षक शैलेन्द्र कुमार साह ने बैठक के समापन पर कहा कि जिले में कार्यरत सभी परिवहन उपक्रमों को कानून के अनुसार कार्य करना अनिवार्य है। मजदूरों के अधिकारों की रक्षा करना शासन की प्राथमिकता है और इसके लिए हर स्तर पर सख्त निगरानी की जाएगी। उन्होंने सभी प्रतिनिधियों से सहयोग की अपेक्षा रखते हुए कहा कि यदि भविष्य में किसी प्रकार की शिकायत प्राप्त होती है तो संबंधित संस्थान पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
सामाजिक उत्तरदायित्व पर जोर
बैठक में उपस्थित सभी विद्यालय प्रतिनिधियों और ट्रांसपोर्ट व्यवसायियों ने जिला प्रशासन को विश्वास दिलाया कि वे मजदूरों के हितों की रक्षा के लिए सभी निर्देशों का पालन करेंगे। उन्होंने श्रमिकों के कल्याण को प्राथमिकता देते हुए बेहतर कार्य परिवेश सुनिश्चित करने की बात भी कही।