
Radhika Yadav murder case: पिता की थ्योरी पर उठे सवाल, सोशल मीडिया से सबूत गायब, मां की चुप्पी भी रहस्य बनी।
गुरुग्राम में स्टेट लेवल टेनिस खिलाड़ी राधिका यादव की हत्या ने पूरे देश को झकझोर दिया है। 10 जुलाई की दोपहर जब देश की बेटियां ओलंपिक के सपनों को पंख दे रही थीं, एक बाप ने अपनी ही होनहार बेटी को तीन गोलियां मारकर मौत की नींद सुला दिया।
आरोपी पिता दीपक यादव, जो कि एक रिटायर्ड सरकारी अधिकारी हैं, ने शुरू में दावा किया कि राधिका गलत संगत में पड़ चुकी थी और उनका आपसी विवाद बढ़ गया था, लेकिन जैसे-जैसे मामले की परतें खुल रही हैं, उनकी यह थ्योरी सवालों के घेरे में आ गई है।
सोशल मीडिया अकाउंट डिलीट: सबूत मिटाने की कोशिश?
हत्या के कुछ ही घंटों बाद राधिका का इंस्टाग्राम और फेसबुक अकाउंट डिलीट पाया गया।
पुलिस सूत्रों का कहना है कि राधिका सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव थी और उसके कुछ पोस्ट्स हाल ही में पिता से जुड़े मतभेदों की ओर इशारा कर रहे थे। सवाल ये उठता है कि क्या ये अकाउंट खुद उसने डिलीट किया था या किसी ने जानबूझकर सबूत मिटाए?
तकनीकी टीम अब यह पता लगाने में जुटी है कि अकाउंट किस डिवाइस से और किस समय डिलीट किया गया।
मां की चुप्पी और रहस्य
राधिका की मां जो घटना के समय घर में ही थीं, अब तक मीडिया और पुलिस के सामने पूरी तरह चुप हैं।
उन्होंने न तो बेटी के अंतिम संस्कार में कोई सार्वजनिक बयान दिया और न ही पति के खिलाफ कोई आरोप।
उनकी यह चुप्पी एक रहस्य बनती जा रही है। सवाल यह है कि क्या वे किसी दबाव में हैं, या उनके पास भी कोई ऐसा सच है जिसे वे उजागर नहीं करना चाहतीं?
पुलिस जांच में क्या खुला?
हत्या में इस्तेमाल रिवॉल्वर लाइसेंसी थी, जो पिता के नाम पर थी।
गोली सीधे सिर और सीने में मारी गई, जिससे यह साफ है कि इरादा सिर्फ डराने का नहीं, हत्या का था।
पुलिस ने पिता को गिरफ्तार कर लिया है और कस्टडी रिमांड पर पूछताछ जारी है।
सीसीटीवी फुटेज और कॉल रिकॉर्ड खंगाले जा रहे हैं ताकि हत्या से पहले के विवाद और मानसिक स्थिति का विश्लेषण हो सके।
समाज के लिए सवाल:
एक पढ़ी-लिखी, प्रतिभाशाली बेटी को उसके ही पिता ने क्यों मारा?
क्या यह ‘ऑनर किलिंग’ की एक और दर्दनाक मिसाल है?
बेटियों की आज़ादी अब भी क्या घर की चारदीवारी में कैद है।
राधिका यादव का मर्डर केस एक सिर्फ क्राइम स्टोरी नहीं, बल्कि समाज के उस दोगले चेहरे को दिखाता है जो बेटियों को आगे बढ़ाने की बात तो करता है लेकिन जब वे अपने फैसले खुद लेने लगती हैं, तो उनका अंत कर देता है।
अब ज़रूरत है सच्चाई सामने लाने की — ताकि राधिका को न्याय मिले और दूसरी राधिकाएं सुरक्षित रहें।