
Nepal: जनसंख्या गिरावट से चिंतित नेपाल सरकार, अपनाई तीन बच्चों की नीति; प्रजनन दर में लगातार गिरावट बना रही है संकट।
नेपाल। नेपाल सरकार ने देश में तेजी से घटती जनसंख्या वृद्धि दर को देखते हुए एक अहम कदम उठाया है। सरकार ने अब आधिकारिक रूप से “तीन बच्चे पैदा करने की राष्ट्रीय नीति” लागू कर दी है, ताकि देश के भविष्य में श्रमशक्ति, आर्थिक विकास और सामाजिक संतुलन प्रभावित न हो।
यह नीति ऐसे समय में लाई गई है, जब नेपाल की कुल जनसंख्या लगभग 2.97 करोड़ है, लेकिन इसके बावजूद वहां की प्राकृतिक जनसंख्या वृद्धि दर (birth rate) में चिंताजनक गिरावट देखी जा रही है।
जन्म दर में तेजी से गिरावट
नेपाल की जन्म दर वर्ष 2013 में जहां 19.6 प्रति 1,000 लोग थी, वहीं 2025 तक यह घटकर 17 तक पहुंचने का अनुमान है। इस गिरावट ने नीति निर्माताओं और जनसांख्यिकी विशेषज्ञों की चिंता बढ़ा दी है।
सरकार का मानना है कि अगर यह रुझान जारी रहा तो आने वाले वर्षों में देश में कामकाजी उम्र की जनसंख्या तेजी से घटेगी, जिससे अर्थव्यवस्था पर दबाव, वृद्ध जनसंख्या की निर्भरता और सामाजिक असंतुलन उत्पन्न हो सकता है।
फर्टिलिटी रेट में गिरावट भी चिंता का विषय
नेपाल में केवल जन्म दर ही नहीं, बल्कि फर्टिलिटी रेट (प्रजनन दर) भी लगातार घट रही है।
वर्ष 2013 में फर्टिलिटी रेट था: 2.36
वर्ष 2023 में घटकर रह गया: 1.98
अनुमान है कि 2025 तक यह और गिरकर 1.8 तक पहुंच जाएगा
यह दर उस स्तर से भी नीचे है जो किसी भी देश को जनसंख्या स्थिरता बनाए रखने के लिए आवश्यक होती है।
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, जनसंख्या को स्थिर बनाए रखने के लिए एक महिला द्वारा औसतन 2.1 बच्चों को जन्म देना आवश्यक माना जाता है।
नीति का उद्देश्य और संभावित प्रभाव
नेपाल सरकार की नई नीति का उद्देश्य लोगों को तीन बच्चों को जन्म देने के लिए प्रेरित करना है, ताकि अगली पीढ़ी में जनसंख्या में स्थिरता लाई जा सके। इस नीति के अंतर्गत सरकार आने वाले समय में आर्थिक प्रोत्साहन, मैटरनिटी सुविधाओं में सुधार, और शिक्षा-स्वास्थ्य में सहायता जैसे कदम भी उठा सकती है।
हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि केवल नीति लाना पर्याप्त नहीं होगा, इसके साथ सामाजिक सोच में बदलाव, महिलाओं की शिक्षा, और आर्थिक स्थायित्व जैसे पहलुओं पर भी ध्यान देना होगा।
नेपाल की यह नई जनसंख्या नीति देश की भविष्य की सामाजिक और आर्थिक चुनौतियों को देखते हुए एक समयानुकूल और दूरदर्शी कदम है। परंतु इसकी सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि सरकार किस हद तक लोगों को इसके पीछे का उद्देश्य समझा पाती है और विश्वास व सुविधाएं प्रदान कर पाती है।
कम होती जन्म दर और घटती प्रजनन दर केवल नेपाल ही नहीं, बल्कि कई विकासशील और विकसित देशों के लिए भी एक चेतावनी है।