
Deoghar: वन भूमि की पहचान को लेकर उपायुक्त की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समिति की बैठक आयोजित वन अधिकारों की मान्यता और संरक्षण पर विशेष जोर।
देवघर। वन भूमि की पहचान, सीमांकन एवं वन अधिकारों की मान्यता को लेकर आज समाहरणालय सभागार में उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी नमन प्रियेश लकड़ा की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समिति की एक अहम बैठक आयोजित की गई। बैठक में वन भूमि की पहचान से संबंधित मुद्दों पर गहन चर्चा की गई एवं संबंधित विभागीय अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए।
बैठक के दौरान उपायुक्त श्री लकड़ा ने कहा कि वन भूमि की स्पष्ट पहचान और सीमांकन से न केवल वन संरक्षण में मदद मिलेगी, बल्कि इसके जरिए पारंपरिक रूप से वनों पर निर्भर समुदायों को भी उनका कानूनी अधिकार दिया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया वन पट्टों के वितरण में पारदर्शिता लाने और संबंधित लाभुकों तक योजनाओं का लाभ पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
वन अधिकारों की समीक्षा और दिशा-निर्देश
बैठक में वन पट्टा वितरण की वर्तमान स्थिति की भी समीक्षा की गई। उपायुक्त ने संबंधित अधिकारियों से प्राप्त रिपोर्टों का अवलोकन करते हुए उन स्थानों की पहचान करने का निर्देश दिया जहाँ वन भूमि को लेकर विवाद या अस्पष्टता बनी हुई है। उन्होंने कहा कि वन अधिकार अधिनियम के तहत पात्र लाभुकों की पहचान और उन्हें अधिकार पत्र देने की प्रक्रिया को गति दी जाए।
प्रस्तावों पर चर्चा और आपसी समन्वय का आह्वान
बैठक में वन भूमि के विभिन्न उपयोगों को लेकर प्रस्तुत प्रस्तावों पर भी विस्तृत चर्चा की गई। उपायुक्त ने कहा कि किसी भी प्रकार का निर्णय लेते समय यह सुनिश्चित किया जाए कि पर्यावरणीय संतुलन और वन संरक्षण प्रभावित न हो। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वन भूमि के उपयोग संबंधी किसी भी प्रस्ताव पर निर्णय लेने से पूर्व सभी आवश्यक कानूनी एवं पर्यावरणीय पहलुओं की गहन समीक्षा की जाए।
वन संरक्षण को लेकर संकल्प
उपायुक्त ने कहा कि वन भूमि प्रबंधन का उद्देश्य केवल प्रशासनिक प्रक्रिया नहीं है, बल्कि इसका सीधा संबंध जलवायु संतुलन, जैव विविधता की सुरक्षा और जनजातीय समुदायों के जीवनयापन से है। ऐसे में वन भूमि के बेहतर प्रबंधन और उपयोग के लिए सभी विभागों के बीच आपसी समन्वय अत्यंत आवश्यक है।
बैठक में मौजूद अधिकारी
इस अवसर पर वन प्रमंडल पदाधिकारी, अपर समाहर्ता, अनुमंडल पदाधिकारी मधुपुर, भूमि सुधार उप समाहर्ता, जिला खनन पदाधिकारी, कार्यपालक अभियंता जल संसाधन विभाग, सहायक जनसंपर्क पदाधिकारी सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी एवं कर्मी उपस्थित थे। सभी अधिकारियों ने अपने-अपने विभागों की स्थिति की जानकारी दी एवं सुझाव साझा किए।
समापन
बैठक के अंत में उपायुक्त ने सभी अधिकारियों से कहा कि वन भूमि से संबंधित कार्यों में पारदर्शिता, त्वरित कार्रवाई और जनहित को प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि संयुक्त प्रयासों से वन भूमि का समुचित प्रबंधन और संरक्षण संभव हो सकेगा, जिससे जिला स्तर पर एक सकारात्मक उदाहरण स्थापित किया जा सकेगा।