DGCA का सख्त निर्देश: सभी एयरलाइनों को बोइंग विमानों के फ्यूल स्विच लॉकिंग सिस्टम की जांच का आदेश।

DGCA का सख्त निर्देश: सभी एयरलाइनों को बोइंग विमानों के फ्यूल स्विच लॉकिंग सिस्टम की जांच का आदेश।

नई दिल्ली। देश की हवाई सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने सोमवार को भारत की सभी प्रमुख विमानन कंपनियों को बोइंग एयरक्राफ्ट के फ्यूल कंट्रोल स्विच लॉकिंग सिस्टम की तत्काल जांच करने का आदेश दिया है।

यह निर्देश उस रिपोर्ट के बाद आया है जिसमें यह संकेत मिला कि कुछ विमानों में फ्यूल कंट्रोल स्विच का लॉकिंग मैकेनिज़्म ठीक से काम नहीं कर रहा था, जिससे उड़ान सुरक्षा पर खतरा उत्पन्न हो सकता है। DGCA ने इसे “सुरक्षा से जुड़ा गंभीर मामला” मानते हुए त्वरित कार्रवाई के निर्देश जारी किए हैं।

किन विमानों पर होगी जांच?

DGCA के अनुसार यह आदेश मुख्य रूप से बोइंग-737 और बोइंग-787 जैसे एयरक्राफ्ट पर लागू होता है, जिनका उपयोग भारत में इंडिगो, एयर इंडिया, स्पाइसजेट, विस्तारा और एयर इंडिया एक्सप्रेस जैसी प्रमुख एयरलाइनों द्वारा किया जा रहा है। इन विमानों के फ्यूल स्विच सिस्टम में यदि कोई तकनीकी खामी पाई जाती है, तो उस विमान को उड़ान से तुरंत हटाया जाएगा जब तक सुधार कार्य पूर्ण न हो जाए।

आदेश में क्या कहा गया?

DGCA ने सभी एयरलाइनों को एक विस्तृत सर्कुलर जारी करते हुए कहा:

> “सभी एयरलाइन ऑपरेटर्स यह सुनिश्चित करें कि उनके बेड़े में मौजूद बोइंग एयरक्राफ्ट के फ्यूल कंट्रोल स्विच का लॉकिंग सिस्टम सही ढंग से कार्य कर रहा हो। किसी भी प्रकार की गड़बड़ी पाए जाने पर रिपोर्ट तुरंत DGCA को सौंपी जाए।”

क्या है फ्यूल कंट्रोल स्विच की भूमिका?

फ्यूल कंट्रोल स्विच किसी भी एयरक्राफ्ट के इंजन को ईंधन आपूर्ति के लिए केंद्रीय नियंत्रण प्रणाली होता है। यदि यह सिस्टम ठीक से लॉक न हो, तो उड़ान के दौरान ईंधन सप्लाई में रुकावट आ सकती है, जिससे इंजन फेल होने जैसी गंभीर स्थिति बन सकती है।

विमानन कंपनियों की प्रतिक्रिया

DGCA के इस आदेश पर एयरलाइनों ने तत्काल प्रतिक्रिया देते हुए अपने तकनीकी विभागों को जांच कार्य में लगा दिया है। एक एयरलाइन अधिकारी ने बताया कि,

> “हम सुरक्षा से कोई समझौता नहीं करते। DGCA के निर्देशानुसार सभी विमानों की तकनीकी जांच की जा रही है और आवश्यकता होने पर पुर्ज़ों की मरम्मत या प्रतिस्थापन भी किया जा रहा है।”

अंतरराष्ट्रीय उड्डयन मानकों के अनुरूप कदम

DGCA का यह निर्णय FAA (Federal Aviation Administration, USA) की हालिया रिपोर्ट के बाद सामने आया है जिसमें अमेरिका में भी कुछ बोइंग विमानों में इस तरह की तकनीकी समस्या पाई गई थी। भारत ने उसी दिशा में कदम उठाते हुए एहतियाती उपाय लागू किए हैं।

DGCA का यह आदेश भारत की विमानन सुरक्षा प्रणाली की सतर्कता और जवाबदेही को दर्शाता है। यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने वाली यह पहल भविष्य में किसी संभावित तकनीकी खराबी या हादसे को रोकने में कारगर साबित हो सकती है। यात्रियों को घबराने की आवश्यकता नहीं है, बल्कि यह भरोसे का संकेत है कि भारत का विमानन तंत्र संभावित खतरों के प्रति सजग है और समय पर कार्रवाई कर रहा है।

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