
Dhanbad: झरिया पुनर्वास योजना को मिली बड़ी मंजूरी: 5940 करोड़ रुपए से 1.4 लाख से अधिक परिवारों को मिलेगा नया जीवन।
धनबाद। झारखंड के धनबाद जिले के झरिया क्षेत्र में वर्षों से कोयला खनन के चलते जहरीली गैस, ज़मीन धंसान और अग्निकांड जैसी समस्याओं से जूझ रहे हजारों परिवारों के लिए एक राहत भरी खबर सामने आई है। केंद्र और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयास से झरिया पुनर्वास योजना को नई गति दी जा रही है। इस योजना के तहत लगभग 1.4 लाख से अधिक परिवारों का पुनर्वास किया जाएगा, जिसमें कुल 5940 करोड़ रुपए की लागत से विस्तृत विकास कार्य किए जाएंगे।
झरिया, जो कि भारत का प्रमुख कोयला क्षेत्र रहा है, दशकों से कोयला खदानों में लगी आग, ज़हरीली गैसों और भूमि धंसने जैसी गंभीर समस्याओं से प्रभावित रहा है। हजारों परिवार आज भी वहां खतरनाक परिस्थितियों में जीवन यापन करने को मजबूर हैं। अब इस योजना के जरिए उन्हें सुरक्षित और बेहतर जीवन देने की दिशा में सार्थक प्रयास किए जा रहे हैं।
पुनर्वास योजना की प्रमुख बातें:
कुल बजट: ₹5940 करोड़
लाभार्थी परिवार: 1,40,000 से अधिक
प्रमुख कार्य: सुरक्षित आवास निर्माण, मूलभूत सुविधाएं, सड़क, जल आपूर्ति, स्कूल, स्वास्थ्य केंद्र आदि का विकास
लाभार्थी क्षेत्रों: झरिया और आसपास के प्रभावित इलाके
प्रमुख उद्देश्य: खतरनाक और असुरक्षित इलाकों से परिवारों को हटाकर सुरक्षित स्थानों पर बसाना
इस पुनर्वास योजना के तहत न केवल आवास उपलब्ध कराए जाएंगे, बल्कि लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं, शिक्षा, पेयजल, सड़क और रोजगार के साधन भी मुहैया कराए जाएंगे। इसके लिए सरकारी एजेंसियां और निजी कंपनियां मिलकर कार्य करेंगी।
राज्य सरकार का कहना है कि यह योजना न केवल झरिया क्षेत्र के पर्यावरण और जीवन स्तर में सुधार लाएगी, बल्कि आने वाले समय में धनबाद को प्रदूषण मुक्त और सुरक्षित कोयला उत्पादन क्षेत्र के रूप में विकसित करने में भी मदद करेगी।
क्या होगा लाभ?
परिवारों को असुरक्षित और धंसती हुई जमीन से मुक्ति
कोयला खनन से निकलती जहरीली गैसों से राहत
सामाजिक और आर्थिक पुनर्विकास का मौका
भविष्य की पीढ़ियों के लिए सुरक्षित और बेहतर जीवन
झरिया पुनर्वास योजना वर्षों से लंबित रही है, लेकिन अब इसके तेजी से लागू होने की उम्मीदें बढ़ गई हैं। धनबाद और झरिया के लोगों के लिए यह योजना नई शुरुआत और सुरक्षित जीवन की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो सकती है।