
अब दुश्मन की खैर नहीं! भारत को मिली अपाचे हेलीकॉप्टर की पहली खेप
भारतीय सेना की ताकत में एक और क्रांतिकारी इजाफा हुआ है। अमेरिका से आए अत्याधुनिक अपाचे AH-64E हेलीकॉप्टर का पहला बैच भारत पहुंच चुका है। इन जानलेवा युद्धक हेलीकॉप्टरों के शामिल होने से भारतीय सेना की आक्रमण क्षमता और भी घातक हो जाएगी। रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, अपाचे हेलीकॉप्टर भारत के दुश्मनों के लिए किसी काल से कम नहीं होंगे।
भारतीय सेना ने हाल ही में सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी दी है कि अमेरिका से मंगवाए गए अपाचे AH-64E हेलीकॉप्टर की पहली खेप भारत पहुंच गई है। ये हेलीकॉप्टर भारतीय सेना के बेड़े में जल्द ही आधिकारिक रूप से शामिल किए जाएंगे। सेना के मुताबिक, ये हेलीकॉप्टर रणनीतिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण हैं और सीमाई इलाकों में दुश्मन की हरकतों का मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम होंगे।
पहले बैच में कुल 6 हेलीकॉप्टर शामिल हैं, जो अमेरिका के एरिजोना स्थित बोइंग प्रोडक्शन सेंटर से भारत भेजे गए हैं। 2020 में भारतीय वायुसेना के लिए 22 अपाचे हेलीकॉप्टर की डील पूरी होने के बाद, अब भारतीय थल सेना के लिए भी 6 और हेलीकॉप्टर की डिलीवरी शुरू हुई है।
क्या है अपाचे हेलीकॉप्टर की खासियत?
अपाचे AH-64E हेलीकॉप्टर को दुनिया के सबसे उन्नत अटैक हेलीकॉप्टरों में गिना जाता है। यह हेलीकॉप्टर दिन और रात, हर मौसम में दुश्मन पर हमला करने में सक्षम है। इसकी प्रमुख विशेषताएं इस प्रकार हैं:
1. ऑल-वेदर अटैक कैपेबिलिटी: अपाचे हेलीकॉप्टर में अत्याधुनिक नाइट-विज़न सिस्टम, इन्फ्रारेड सेंसर और लेजर टारगेटिंग सिस्टम लगे हैं। ये किसी भी मौसम में उड़ान भरकर दुश्मन को निशाना बना सकते हैं।
2. बेहतर स्टेल्थ और सुरक्षा: अपाचे हेलीकॉप्टर की बनावट ऐसी है कि यह दुश्मन की रडार पकड़ में नहीं आता। साथ ही इसमें बुलेटप्रूफ कॉकपिट और मिसाइल डिफेंस सिस्टम भी लगा है।
3. आक्रामक हथियार प्रणाली: यह हेलीकॉप्टर हेलफायर मिसाइल, हाइड्रा रॉकेट और 30 मिमी की चेन गन से लैस होता है। यह टैंक, बंकर, ट्रक और अन्य सैन्य ठिकानों को चंद मिनटों में तबाह कर सकता है।
4. रफ्तार और रेंज: अपाचे की अधिकतम रफ्तार 365 किमी/घंटा है और यह 480 किमी की दूरी तय कर सकता है। यह इसे सीमावर्ती इलाकों में त्वरित प्रतिक्रिया के लिए बेहद उपयोगी बनाता है।
भारत के लिए रणनीतिक महत्व:
अपाचे हेलीकॉप्टर भारत के लिए केवल एक सैन्य संसाधन नहीं, बल्कि रणनीतिक संतुलन का एक अहम हिस्सा है। भारत की उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं पर पाकिस्तान और चीन के साथ लंबे समय से चले आ रहे तनाव को देखते हुए, ये हेलीकॉप्टर गेम-चेंजर साबित हो सकते हैं।
विशेष रूप से लद्दाख, अरुणाचल और राजस्थान के सीमावर्ती इलाकों में इनका तैनात होना भारत को त्वरित कार्रवाई और हवाई प्रभुत्व की क्षमता प्रदान करेगा।
भारतीय सेना की तैयारी:
भारतीय थल सेना अपाचे हेलीकॉप्टरों को पूर्वी सेक्टर (चीन सीमा) और पश्चिमी सेक्टर (पाकिस्तान सीमा) में तैनात करने की योजना पर काम कर रही है। अपाचे को वायुसेना के बाद अब थलसेना में शामिल करना एक महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि इससे जमीनी अभियानों में हवाई समर्थन बेहतर मिलेगा।
भारतीय सेना के प्रवक्ता ने बताया, “अपाचे हेलीकॉप्टर हमारे लिए बेहद जरूरी थे। इनकी मारक क्षमता और तकनीक हमें युद्ध के मैदान में बढ़त देती है।”
भारत-अमेरिका रक्षा संबंधों में मील का पत्थर:
अपाचे हेलीकॉप्टर की डील भारत और अमेरिका के बढ़ते रक्षा संबंधों का प्रतीक है। यह सौदा बोइंग कंपनी के साथ भारत सरकार ने किया था। इसमें ‘मेक इन इंडिया’ के तहत भारत में भी कुछ कलपुर्जों का निर्माण हो रहा है।
हेलीकॉप्टरों के रखरखाव और स्पेयर पार्ट्स की सप्लाई के लिए हैदराबाद में एक सपोर्ट सेंटर भी बनाया गया है, जिससे देश में ही इनकी सेवा और मरम्मत की जा सकेगी।
आगे की योजना:
पहले बैच के 6 हेलीकॉप्टर भारत में आ चुके हैं। आने वाले महीनों में बाकी अपाचे हेलीकॉप्टर भी भारत पहुंचेंगे। इसके साथ ही भारत का हवाई हमला तंत्र और भी प्रभावशाली हो जाएगा।
बताया जा रहा है कि इन हेलीकॉप्टरों को जल्द ही फील्ड ट्रायल के बाद बॉर्डर पर तैनात किया जाएगा।
अपाचे AH-64E हेलीकॉप्टर भारत की रक्षा क्षमताओं में एक ऐतिहासिक इजाफा है। यह न सिर्फ भारत की सैन्य रणनीति को मजबूत करेगा, बल्कि यह हमारे सशस्त्र बलों को दुनिया की सबसे आधुनिक तकनीक से लैस भी करेगा। आने वाले समय में ये हेलीकॉप्टर दुश्मन के मन में खौफ और देशवासियों के मन में गर्व पैदा करेंगे।