
झारखंड में फिर सक्रिय हुआ मॉनसून: 28 जिलों में वज्रपात के साथ भारी बारिश की चेतावनी जारी ।
मौसम विभाग का अलर्ट: अगले 48 घंटों तक विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत, प्रशासन अलर्ट मोड में
रांची। झारखंड में एक बार फिर मॉनसून ने पूरी तरह से सक्रिय रूप ले लिया है। बंगाल की खाड़ी से उठे निम्न दबाव के क्षेत्र के प्रभाव से राज्य के अधिकतर हिस्सों में भारी बारिश की शुरुआत हो चुकी है। इसके साथ ही भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने राज्य के 28 जिलों में वज्रपात के साथ भारी वर्षा की चेतावनी जारी की है। यह हालात अगले दो से तीन दिनों तक बने रहने की संभावना जताई गई है।
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, मॉनसून की यह गतिविधि राज्य के कृषि क्षेत्र के लिए लाभदायक हो सकती है, लेकिन वज्रपात और अचानक जलभराव जैसी आपदाओं के कारण आम जनता को सतर्क रहने की आवश्यकता है। ग्रामीण इलाकों के लोगों, विशेषकर किसानों और स्कूली बच्चों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
कहां-कहां भारी बारिश का अलर्ट?
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग, रांची केंद्र द्वारा जारी बुलेटिन के अनुसार राज्य के जिन जिलों में भारी बारिश और वज्रपात का खतरा अधिक है, उनमें निम्नलिखित शामिल हैं:
रांची
जमशेदपुर (पूर्वी सिंहभूम)
पश्चिमी सिंहभूम
खूंटी
सिमडेगा
गुमला
लोहरदगा
लातेहार
चतरा
हजारीबाग
रामगढ़
धनबाद
बोकारो
गिरिडीह
कोडरमा
देवघर
दुमका
गोड्डा
साहिबगंज
पाकुड़
पलामू
गढ़वा
जामताड़ा
सरायकेला-खरसावां
गुमला
जामताड़ा
दुमका
सिमडेगा
इन जिलों में 40 से 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं, वहीं कहीं-कहीं मेघगर्जन और आकाशीय बिजली गिरने की भी संभावना जताई गई है।
क्यों सक्रिय हुआ मॉनसून?
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दबाव के क्षेत्र ने झारखंड में नमी युक्त हवाओं की आपूर्ति बढ़ा दी है। इस कारण वायुमंडलीय दबाव में बदलाव हुआ है, जिससे झारखंड में मानसून की धारा दोबारा तेज हो गई है। पिछले सप्ताह तक जो बारिश कम हो गई थी, अब वह फिर से तेज हो गई है।
इस समय दक्षिण-पश्चिम मॉनसून की ट्रफ लाइन झारखंड से होकर गुजर रही है, जिससे विशेषकर दक्षिणी और मध्य झारखंड में भारी वर्षा की स्थिति बनी हुई है।
प्रशासन अलर्ट पर, स्कूलों में एहतियात
राज्य आपदा प्रबंधन विभाग और संबंधित जिलों के प्रशासन को भी मौसम विभाग की चेतावनी भेज दी गई है। जिला उपायुक्तों को निर्देश दिए गए हैं कि वे संवेदनशील क्षेत्रों में निगरानी रखें, और वज्रपात की घटनाओं से बचाव के लिए लोगों को जागरूक करें।
वहीं कुछ जिलों में खराब मौसम की आशंका को देखते हुए स्कूलों को एहतियातन बंद रखने या समय में बदलाव के निर्देश दिए गए हैं। विशेषकर ग्रामीण इलाकों में छोटे बच्चों को बिना जरूरत के बाहर न निकलने की सलाह दी गई है।
किसानों को राहत लेकिन सतर्कता जरूरी
बारिश की यह स्थिति खरीफ फसलों की बुवाई के लिए अनुकूल मानी जा रही है। पहले मॉनसून की धीमी रफ्तार के कारण धान और अन्य फसलों की रोपनी में देरी हो रही थी, लेकिन अब लगातार बारिश से खेतों में पर्याप्त नमी आ गई है, जिससे किसान अब तेजी से खेती कार्यों में जुटे हैं।
हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि जलभराव और तेज बारिश से फसलों को नुकसान भी हो सकता है। अतः किसान समय-समय पर मौसम की जानकारी लेते रहें और निचले इलाकों में जलनिकासी की व्यवस्था रखें।
वज्रपात से बचाव के उपाय
पिछले वर्षों के आंकड़ों के अनुसार झारखंड में हर साल आकाशीय बिजली गिरने से सैकड़ों लोगों की जान जाती है। इस बार भी मौसम विभाग ने वज्रपात की गंभीर चेतावनी जारी की है। ऐसे में लोगों को निम्नलिखित एहतियात बरतने की अपील की गई है:
बारिश के दौरान खुले मैदानों और पेड़ों के नीचे खड़े न हों
मोबाइल चार्ज करते समय या बिजली के उपकरणों से दूर रहें
खेतों या ऊँची जगहों पर काम कर रहे लोग तुरंत सुरक्षित स्थान पर जाएं
घरों में सुरक्षित रहकर खिड़की-दरवाजे बंद रखें
किसी भी आपदा की स्थिति में स्थानीय प्रशासन से संपर्क करें
राज्य आपदा प्रबंधन विभाग की तैयारी
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) ने बताया कि सभी जिलों में कंट्रोल रूम को सक्रिय कर दिया गया है। जलभराव, पेड़ गिरने या बिजली गिरने जैसी घटनाओं से निपटने के लिए NDRF और SDRF की टीमें भी हाई अलर्ट पर हैं। सोशल मीडिया और रेडियो के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है।
नागरिकों से अपील
राज्य सरकार ने नागरिकों से अपील की है कि वे अनावश्यक रूप से घर से बाहर न निकलें। मौसम विभाग की चेतावनियों को नजरअंदाज न करें और आपदा की किसी भी स्थिति में प्रशासनिक सहयोग लें। बिजली गिरने की आशंका हो तो तुरंत सुरक्षित जगह पर शरण लें और मोबाइल या टीवी का उपयोग न करें।
विस्तृत अपडेट और आपात जानकारी के लिए झारखंड सरकार की आधिकारिक वेबसाइट या मौसम विभाग की वेबसाइट पर नज़र रखें।