
छक्कों का चौंकाने वाला रिकॉर्ड: टेस्ट क्रिकेट में पंत ने वीरू को दी टक्कर, जानिए कैसे!
भारतीय क्रिकेट में जब बात विस्फोटक बल्लेबाज़ों की होती है, तो वीरेंद्र सहवाग का नाम सबसे पहले आता है। लेकिन अब इस लिस्ट में एक और नाम तेजी से ऊपर आया है—ऋषभ पंत। टेस्ट क्रिकेट में सहवाग के 91 छक्कों के रिकॉर्ड की बराबरी ऋषभ पंत ने 90 छक्के लगाकर कर ली है। इस आंकड़े ने क्रिकेट प्रेमियों को हैरानी में डाल दिया है कि आखिर एक विकेटकीपर-बल्लेबाज़ ने इतनी तेज़ी से यह मुकाम कैसे हासिल किया?
टेस्ट क्रिकेट को आमतौर पर धैर्य और तकनीकी कौशल का खेल माना जाता है। लेकिन कुछ खिलाड़ी ऐसे होते हैं जो इस पारंपरिक सोच को चुनौती देते हैं। वीरेंद्र सहवाग ने अपने दौर में यही किया—ओपनिंग करते हुए आक्रामक अंदाज़ में रन बनाना और गेंदबाज़ों पर हावी रहना। उन्होंने 104 टेस्ट मैचों में कुल 91 छक्के लगाए थे।
अब लगभग एक दशक बाद, एक नया नाम उसी रास्ते पर चलता दिखाई दे रहा है—ऋषभ पंत। यह दिल्ली के युवा खिलाड़ी ने महज 38 टेस्ट मैचों में 90 छक्के लगाकर सहवाग के रिकॉर्ड के बेहद करीब पहुंचकर सभी को चौंका दिया है। यह उपलब्धि खास इसलिए भी है क्योंकि पंत एक विकेटकीपर हैं, जो आमतौर पर मिडल ऑर्डर में बल्लेबाज़ी करते हैं और फिर भी उन्होंने इतनी तेजी से छक्कों की संख्या में उछाल दिखाया।
क्यों खास है यह रिकॉर्ड?
वीरेंद्र सहवाग ने अपने टेस्ट करियर में 8586 रन बनाए, जिसमें दो तिहरे शतक भी शामिल हैं। उनका स्ट्राइक रेट हमेशा चर्चा में रहा। पंत का स्ट्राइक रेट भी टेस्ट क्रिकेट में 70 से ऊपर है, जो इस फॉर्मेट में किसी भी मिडल ऑर्डर बल्लेबाज़ के लिए बेहद दुर्लभ है।
पंत के इस रिकॉर्ड के मायने इसलिए भी बढ़ जाते हैं क्योंकि वह ऐसे दौर में खेले जब टेस्ट क्रिकेट की रणनीतियां और गेंदबाज़ी दोनों ही कहीं अधिक सख्त हो चुकी हैं। इसके बावजूद उनका आत्मविश्वास, आक्रामक शैली और जोखिम लेने की क्षमता उन्हें इस मुकाम तक लेकर आई है।
रिकॉर्ड की तुलना:
खिलाड़ी टेस्ट मैच छक्के छक्के प्रति मैच
वीरेंद्र सहवाग 104 91 0.87
ऋषभ पंत 38 90 2.36
यह तुलना खुद ही बता रही है कि पंत कितनी तेज़ी से आगे बढ़े हैं। उन्होंने सहवाग की तुलना में औसतन लगभग तीन गुना अधिक छक्के प्रति टेस्ट मैच लगाए हैं।
क्रिकेट विशेषज्ञों की राय:
पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर का कहना है, “पंत एक दुर्लभ खिलाड़ी हैं। वो टेस्ट क्रिकेट में जो जोखिम लेते हैं, वो आमतौर पर सीमित ओवरों में देखने को मिलता है। उनकी शैली ने टेस्ट मैचों की परिभाषा बदली है।”
वहीं, हरभजन सिंह ने कहा, “पंत का आत्मविश्वास और अटैकिंग अप्रोच आज के युवाओं को प्रेरित करता है। वो सिर्फ रिकॉर्ड्स नहीं तोड़ रहे, टेस्ट क्रिकेट को एक नया रंग दे रहे हैं।”
राह आसान नहीं रही पंत के लिए:
ऋषभ पंत के करियर की शुरुआत काफी उतार-चढ़ाव भरी रही। शुरुआत में उनकी विकेटकीपिंग और shot-selection पर सवाल उठे। लेकिन उन्होंने खुद को हर बार बेहतर साबित किया। ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के खिलाफ उनकी पारियां आज भी चर्चा का विषय रहती हैं।
2023 में एक सड़क दुर्घटना के बाद पंत के करियर पर विराम सा लग गया था। लेकिन अब वो फिर से मैदान में लौटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं और यह रिकॉर्ड इस बात की गवाही देता है कि उनकी वापसी कितनी धमाकेदार हो सकती है।
फ्यूचर क्या कहता है?
अब जब पंत महज एक छक्के दूर हैं सहवाग के रिकॉर्ड की बराबरी करने से, यह कहना गलत नहीं होगा कि वह आने वाले वर्षों में इस लिस्ट में टॉप पर होंगे। टेस्ट क्रिकेट में छक्कों के मामले में दुनिया के शीर्ष बल्लेबाज़ों में शामिल होना एक बड़ी उपलब्धि है।
वीरेंद्र सहवाग ने जिस राह की नींव रखी थी, ऋषभ पंत अब उसी राह को और भी दूर तक लेकर जा रहे हैं। छक्कों के मामले में पंत ने न सिर्फ वीरू को टक्कर दी है, बल्कि यह भी साबित कर दिया है कि टेस्ट क्रिकेट में आक्रामकता और आकर्षण दोनों एक साथ चल सकते हैं। अब सभी की निगाहें उनके अगले मैच पर होंगी—क्या वो वीरू को पीछे छोड़ देंगे?