
आजकल बदलती जीवनशैली और अनियमित खानपान के चलते यूरिक एसिड बढ़ने की समस्या आम होती जा रही है। लेकिन समस्या तब गंभीर बन जाती है जब लोग इसके दर्द और शुरुआती संकेतों को पहचान नहीं पाते। यूरिक एसिड का स्तर जब सामान्य से अधिक हो जाता है, तो यह शरीर में जोड़ों के बीच क्रिस्टल के रूप में जमने लगता है, जिससे तेज़ दर्द, सूजन और जलन की स्थिति पैदा होती है। यदि समय रहते इसे पहचाना न जाए, तो यह गठिया (गाउट) जैसी गंभीर बीमारी का रूप ले सकता है।
यूरिक एसिड क्या होता है?
यूरिक एसिड शरीर में मौजूद प्यूरीन नामक तत्व के टूटने से बनने वाला एक अपशिष्ट पदार्थ है। यह सामान्य रूप से मूत्र के जरिए बाहर निकल जाता है, लेकिन जब इसकी मात्रा अधिक हो जाती है या शरीर इसे ठीक से बाहर नहीं निकाल पाता, तो यह रक्त में जमा होने लगता है।
किन हिस्सों में होता है दर्द?
यूरिक एसिड के बढ़ने पर निम्नलिखित अंगों और जोड़ों में दर्द महसूस होता है:
1. पैर के अंगूठे का जोड़ – यह सबसे सामान्य और शुरुआती लक्षण होता है, जिसे गाउट अटैक भी कहा जाता है। अंगूठे का जोड़ सूज जाता है और तेज़ दर्द होता है।
2. टखने और एड़ी के जोड़ – चलने या सीढ़ी चढ़ने में तकलीफ होने लगती है।
3. घुटने – सूजन और लालिमा के साथ घुटनों में जकड़न महसूस होती है।
4. कलाई और उंगलियां – काम करने में परेशानी होती है, खासकर सुबह के समय जकड़न ज्यादा होती है।
5. कंधे और कोहनी – कुछ मामलों में यहां भी दर्द और सूजन हो सकती है।
कैसे करें पहचान?
यूरिक एसिड के बढ़ने की पहचान करने के लिए इन लक्षणों को नज़रअंदाज न करें:
अचानक किसी जोड़ में तेज़ दर्द होना, विशेष रूप से रात में
प्रभावित जोड़ पर सूजन, गर्माहट और लालिमा
जोड़ों में हल्की-हल्की चुभन या जलन महसूस होना
सुबह उठने पर अंगुलियों या टखनों में जकड़न
चलने-फिरने या वजन उठाने में तकलीफ
प्रमुख कारण
अधिक मात्रा में प्रोटीनयुक्त भोजन (जैसे मांस, मछली, अंडा)
फास्ट फूड और प्रोसेस्ड फूड का अत्यधिक सेवन
शराब, खासकर बियर का सेवन
कम पानी पीना, जिससे यूरिक एसिड बाहर नहीं निकल पाता
तनाव और अनियमित नींद
कुछ दवाइयाँ (जैसे मूत्रवर्धक दवाएं)
कैसे करें बचाव?
खूब पानी पिएं, जिससे यूरिक एसिड पेशाब के जरिए बाहर निकल सके
फलों और हरी सब्जियों का सेवन बढ़ाएं
रेड मीट और शराब से दूरी बनाए रखें
अधिक नमक और शक्कर से परहेज़ करें
नियमित रूप से व्यायाम करें
वजन को नियंत्रित रखें
यूरिक एसिड की समस्या को नजरअंदाज करना आगे चलकर आपके जोड़ों और जीवनशैली को प्रभावित कर सकता है। यदि आपको ऊपर बताए गए लक्षण दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें और ब्लड टेस्ट कराएं। समय रहते पहचान और जीवनशैली में सुधार करके इस समस्या से बचा जा सकता है।
Disclaimer: यह लेख सामान्य जानकारी पर आधारित है। किसी भी लक्षण के आधार पर स्वयं उपचार न करें, विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।