भारत-पाकिस्तान मैच पर सियासत गरम, एशिया कप 14 सितंबर का मुकाबला विवादों में

 

नई दिल्ली। एशिया कप 2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच 14 सितंबर को होने वाला हाई-वोल्टेज मुकाबला अब सिर्फ एक क्रिकेट मैच नहीं रह गया है। यह मैच राजनीतिक बहस और विरोध का कारण बन गया है। कई सियासी दल और सामाजिक संगठनों ने इस मैच को लेकर नाराजगी जताई है और इसे सरकार तथा बीसीसीआई की “राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर विफलता” बताया है।

विरोध के सुर तेज, विपक्षी दल हमलावर

इस मैच को लेकर सबसे ज्यादा विरोध उन राजनीतिक दलों से सामने आ रहा है जो पाकिस्तान के साथ किसी भी प्रकार के द्विपक्षीय या बहुपक्षीय रिश्तों के विरोध में रहे हैं। उनका कहना है कि जब सीमा पार से आतंकी घटनाएं थम नहीं रही हैं, ऐसे में पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलना देश की शहीद जनता और सेना का अपमान है।

विपक्षी नेताओं ने यह भी आरोप लगाया है कि सरकार दोहरा मापदंड अपना रही है — एक ओर वह पाकिस्तान को आतंकवाद के लिए जिम्मेदार ठहराती है और दूसरी ओर बीसीसीआई को उसके साथ मैच खेलने की अनुमति दे रही है। इसे उन्होंने सरकार की “कूटनीतिक विफलता” और “राजनीतिक मजबूरी” बताया।

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भावनाएं और उग्र

हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में हुए आतंकी हमले में भारतीय जवान शहीद हुए थे। इस घटना के बाद आम जनता में गुस्सा है और यही गुस्सा अब क्रिकेट मैच पर फूट पड़ा है। सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने “#NoCricketWithPakistan” हैशटैग के साथ विरोध जताया है।

बीसीसीआई की सफाई: एशिया कप है बहुपक्षीय टूर्नामेंट

बीसीसीआई अधिकारियों ने इस विरोध पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि एशिया कप एक बहुपक्षीय टूर्नामेंट है, जिसे एशियन क्रिकेट काउंसिल (ACC) आयोजित करता है। इसमें सभी सदस्य देश हिस्सा लेते हैं और भारत-पाक मैच को टालना संभव नहीं है।

बीसीसीआई सूत्रों का कहना है कि भारत ने अब भी पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय क्रिकेट संबंध नहीं बहाल किए हैं। यह मैच एक टूर्नामेंट के तहत खेला जाएगा, और इसका राजनीतिक या कूटनीतिक पहलू से कोई संबंध नहीं है।

सरकार की प्रतिक्रिया का इंतजार

विरोध बढ़ने के बावजूद अब तक केंद्र सरकार की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। हालांकि कुछ सत्तारूढ़ दल के सांसदों ने अनौपचारिक तौर पर कहा है कि खेल और राजनीति को अलग रखना चाहिए।

कुछ नेताओं ने यह भी तर्क दिया कि भारत को इस मंच पर पाकिस्तान को हराकर एक “खेल-कूटनीतिक जवाब” देना चाहिए, जैसा कि कई बार पहले हो चुका है।

आम जनता बंटी हुई राय में

जनता के बीच इस मैच को लेकर मिली-जुली राय है। एक वर्ग मानता है कि खेल को राजनीति से नहीं जोड़ना चाहिए और यह मुकाबला केवल खेल भावना के तहत देखा जाना चाहिए। वहीं, दूसरा वर्ग इसे राष्ट्रहित के खिलाफ मानता है और पाकिस्तान से किसी भी तरह के संबंधों के पक्ष में नहीं है, चाहे वो खेल के ही क्यों न हों।

पिछले रिकॉर्ड और रोमांचक इतिहास

भारत और पाकिस्तान के बीच मुकाबले हमेशा से क्रिकेट प्रेमियों के लिए खास रहे हैं। आंकड़ों के मुताबिक, भारत ने एशिया कप में पाकिस्तान के खिलाफ अधिकतर मैचों में जीत हासिल की है। इसके बावजूद यह मुकाबला हर बार नए रोमांच, तनाव और भावनाओं की लहर लेकर आता है।

सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रखने की तैयारी

मैच की संवेदनशीलता को देखते हुए आयोजन स्थल की सुरक्षा व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक, स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों ने मिलकर विस्तृत सुरक्षा प्लान तैयार किया है। मैच के दौरान कड़ी निगरानी रखी जाएगी ताकि किसी भी तरह की अप्रिय घटना से बचा जा सके।

क्या भारत-पाक मैच खेला जाना चाहिए?

इस सवाल का कोई सीधा उत्तर नहीं है। जहां एक ओर यह मैच खेल प्रेमियों के लिए एक बड़े उत्सव की तरह है, वहीं दूसरी ओर देश की सुरक्षा, राजनीति और संवेदनशीलता के मद्देनज़र यह एक जटिल मुद्दा बन चुका है।

सरकार और बीसीसीआई को अब यह तय करना होगा कि कूटनीति और क्रिकेट के बीच संतुलन कैसे बनाया जाए, ताकि ना केवल खेल का सम्मान बना रहे बल्कि देश की भावनाएं भी आहत न हों।

 

  • Related Posts

    अनिल अंबानी के घर पर CBI की छापेमारी, 17,000 करोड़ के बैंक फ्रॉड केस में दर्ज हुई FIR

    ContentsFIR दर्ज, बैंकों के कंसोर्टियम से लिया गया लोनकिन बैंकों का पैसा फंसा?अनिल अंबानी और रिलायंस ग्रुप की मुश्किलेंCBI की छापेमारी की रणनीतिअनिल अंबानी की प्रतिक्रियाबैंकिंग सेक्टर पर असरक्या है…

    राजनेता जेल में बैठकर सचिवालय नहीं चला सकते’: पूर्व Solicitor General हरीश साल्वे ने 130वें संविधान संशोधन विधेयक का समर्थन किया”

    Contents1. विधेयक क्या कहता है?2. हरीश साल्वे का दृष्टिकोण3. विपक्ष का आरोप और तर्क4. विधेयक का राजनीतिक और संवैधानिक महत्व कांग्रेस के वरिष्ठ अधिवक्ता व पूर्व Solicitor General ऑफ इंडिया,…

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *