
झारखंड के देवघर जिले में मंगलवार की सुबह हुई दर्दनाक सड़क दुर्घटना को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गहरा शोक व्यक्त किया है। इस हृदयविदारक हादसे में बाबा बैद्यनाथ धाम से लौट रहे श्रद्धालुओं की जान चली गई, जिससे पूरे क्षेत्र में शोक की लहर फैल गई है।
प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की ओर से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है,
“झारखंड के देवघर में हुई सड़क दुर्घटना अत्यंत दुखद है। इसमें जिन श्रद्धालुओं को अपनी जान गंवानी पड़ी है, उनके परिजनों के प्रति मेरी गहरी शोक संवेदनाएं हैं। ईश्वर उन्हें इस पीड़ा को सहने की शक्ति दे। इसके साथ ही मैं सभी घायलों के जल्द से जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं।”
प्रधानमंत्री मोदी का यह संवेदनात्मक संदेश न केवल मृतकों के परिजनों के लिए एक भावनात्मक सहारा है, बल्कि यह दर्शाता है कि केंद्र सरकार इस दर्दनाक घटना को लेकर पूरी तरह गंभीर है।
हादसे की पृष्ठभूमि
यह भीषण हादसा उस समय हुआ जब कावंरियों से भरी एक बस बाबा बैद्यनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना कर बासुकीनाथ लौट रही थी। मोहनपुर के नवापुर इलाके में बस ड्राइवर को झपकी लगने के कारण वह नियंत्रण खो बैठा और बस सड़क किनारे खड़े गैस सिलेंडर से लदे ट्रक से टकरा गई। इस दुर्घटना में 6 लोगों की मौत हो गई, जबकि 23 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए।
PMO की नजर बनी हुई है
सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) लगातार झारखंड प्रशासन से संपर्क में है और राहत एवं बचाव कार्यों पर निगरानी रखे हुए है। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि घायलों को तुरंत और बेहतर चिकित्सा सुविधा मिले तथा मृतकों के परिजनों को हरसंभव सहायता दी जाए।
राष्ट्र का संवेदनशील नेतृत्व
प्रधानमंत्री मोदी अक्सर राष्ट्रीय आपदाओं, हादसों या जनहानि की घटनाओं पर त्वरित प्रतिक्रिया देते हैं। देवघर हादसे पर उनकी प्रतिक्रिया एक बार फिर यह सिद्ध करती है कि देश के नागरिकों की पीड़ा को वे व्यक्तिगत रूप से महसूस करते हैं और संकट की घड़ी में उनके साथ खड़े रहते हैं।
मांग: सड़क सुरक्षा व्यवस्था हो मजबूत
इस दुखद घटना ने एक बार फिर झारखंड के प्रमुख धार्मिक मार्गों, विशेषकर देवघर-बासुकीनाथ कावंर रूट की सुरक्षा व्यवस्थाओं को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रधानमंत्री की संवेदना के साथ-साथ यह भी उम्मीद की जा रही है कि भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के लिए राज्य और केंद्र सरकार मिलकर पुख्ता इंतजाम करेंगी।
यह हादसा न केवल श्रद्धालुओं के लिए एक त्रासदी है, बल्कि पूरे देश के लिए चेतावनी भी है कि सड़क सुरक्षा, खासकर धार्मिक यात्रा मार्गों पर, प्राथमिकता बननी चाहिए। प्रधानमंत्री की संवेदना इस दिशा में ठोस कदम उठाने की प्रेरणा बन सकती है।