
गांदरबल (जम्मू-कश्मीर)। जम्मू-कश्मीर के गांदरबल जिले से मंगलवार सुबह एक बेहद दर्दनाक और चिंताजनक खबर सामने आई। इंडो-तिब्बतन बॉर्डर पुलिस (ITBP) के जवानों को ले जा रही एक बस सिंध नदी में गिर गई। हादसे की यह घटना कुल्लान इलाके में भारी बारिश के बीच घटी, जब बस का संतुलन बिगड़ गया और वह सीधे नदी में जा गिरी।
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, बस में आईटीबीपी के कई जवान सवार थे। बस बर्फीले और फिसलन भरे रास्ते से गुजर रही थी, तभी अचानक वाहन नियंत्रण से बाहर हो गया और नदी में जा समाई। जैसे ही हादसे की सूचना मिली, स्थानीय प्रशासन, पुलिस, सेना और आपदा प्रबंधन की टीमों ने तत्काल राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया।
कैसे हुआ हादसा
सूत्रों के मुताबिक, यह दुर्घटना गांदरबल जिले के कुल्लान क्षेत्र में हुई, जहां आईटीबीपी की बस खराब मौसम और सड़क की फिसलन के कारण सिंध नदी में जा गिरी। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि बस काफी तेज रफ्तार में थी और अचानक मोड़ पर ड्राइवर ने नियंत्रण खो दिया। बस नदी की ओर लुड़कती चली गई और कुछ ही पलों में लापता हो गई।
बचाव अभियान युद्धस्तर पर
हादसे के तुरंत बाद रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। सेना, पुलिस और एसडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंच चुकी हैं और जवानों की तलाश में नदी के आसपास के क्षेत्र को खंगाला जा रहा है। गोताखोरों की मदद से नदी में डूबे जवानों की तलाश की जा रही है। अब तक कुछ जवानों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है, लेकिन कुछ अब भी लापता बताए जा रहे हैं।
ITBP और अन्य सुरक्षा एजेंसियों ने बचाव कार्य में कोई कसर नहीं छोड़ी है। प्रशासन ने बताया है कि बारिश और तेज बहाव के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में काफी मुश्किलें आ रही हैं, लेकिन पूरी मुस्तैदी के साथ प्रयास जारी हैं।
मुख्यमंत्री और गृहमंत्री ने जताया दुख
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इस हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, “गांदरबल में हुए आईटीबीपी बस हादसे से दुखी हूं। रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है और हम हरसंभव सहायता देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
गृह मंत्री अमित शाह ने भी इस घटना पर चिंता जताई और जवानों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए। उन्होंने संबंधित अधिकारियों से तत्काल रिपोर्ट मांगी है।
स्थानीय लोगों ने दिखाई इंसानियत
हादसे के बाद सबसे पहले स्थानीय ग्रामीण मौके पर पहुंचे और जवानों की मदद के लिए नदी में कूद गए। उन्होंने रेस्क्यू टीमों के साथ मिलकर कई जवानों को बाहर निकाला। इन ग्रामीणों की बहादुरी और तत्परता की चारों ओर सराहना हो रही है।
पहाड़ों पर बढ़ा खतरा
गौरतलब है कि बीते कुछ दिनों से जम्मू-कश्मीर के कई हिस्सों में भारी बारिश हो रही है, जिससे भूस्खलन और सड़क दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ गया है। पहाड़ी इलाकों में यात्रा करना जोखिम भरा हो गया है, और कई बार ऐसी दुर्घटनाएं सामने आ चुकी हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि पर्यटक और सुरक्षाबल इन मौसमीय खतरों को लेकर और ज्यादा सतर्कता बरतें।
बस का मलबा निकालने की कोशिश जारी
रेस्क्यू टीमों द्वारा सिंध नदी में गिरी बस के मलबे को निकालने की कोशिश की जा रही है। भारी उपकरणों और क्रेनों की मदद से नदी के तेज बहाव में फंसी बस को खोजने और बाहर लाने का कार्य किया जा रहा है। बचावकर्मी जवानों के निजी सामान और हथियार भी बरामद कर रहे हैं।
पीड़ित जवानों के परिवारों से संपर्क
प्रशासन द्वारा पीड़ित जवानों के परिवारों से संपर्क किया जा रहा है। उन्हें हर जरूरी जानकारी दी जा रही है और मानसिक सहयोग भी प्रदान किया जा रहा है। आईटीबीपी की ओर से एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है, ताकि परिवारजनों को जानकारी मिल सके।
हादसों से सबक लेने की जरूरत
यह घटना एक बार फिर से हमारी तैयारियों पर सवाल खड़े करती है। आईटीबीपी जैसी प्रमुख सुरक्षा एजेंसी के जवानों को ले जा रहे वाहन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त उपाय क्यों नहीं किए गए? इस पर गंभीर मंथन और भविष्य की योजना आवश्यक है।
गांदरबल की यह घटना सिर्फ एक सड़क दुर्घटना नहीं है, यह उन हजारों सुरक्षाकर्मियों की चुनौतीपूर्ण ड्यूटी को रेखांकित करती है, जो हर हालात में देश की सुरक्षा में लगे रहते हैं। उम्मीद है कि सभी जवानों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाएगा और इस हादसे की गहन जांच कर जिम्मेदारी तय की जाएगी।