
लालू यादव को सुप्रीम कोर्ट से झटका, ‘लैंड फॉर जॉब स्कैम’ में चलेगा मुकदमा! क्या पड़ेगा असर 2025 के बिहार चुनाव पर?
नई दिल्ली | 31 जुलाई 2025
राष्ट्रीय जनता दल (RJD) प्रमुख और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। ‘लैंड फॉर जॉब’ घोटाले में दायर उनकी याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। इसका सीधा मतलब है कि अब उनके खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलेगा। यह फैसला न सिर्फ कानूनी दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसका सीधा असर बिहार की 2025 की राजनीति, खासकर विधानसभा चुनावों पर भी पड़ सकता है।
क्या है ‘लैंड फॉर जॉब’ घोटाला?
यह घोटाला उस समय का है जब लालू यादव रेल मंत्री थे। उन पर आरोप है कि रेल मंत्रालय में नौकरियां देने के बदले में कुछ लोगों से पटना और अन्य जगहों पर जमीनें बेहद कम कीमतों पर लिखवा ली गईं। सीबीआई और ईडी ने इस मामले की जांच की और हाल ही में लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटे तेजस्वी यादव सहित कई लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला: राहत की जगह मुश्किल
लालू यादव ने इस केस को खारिज कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिसमें उन्होंने तर्क दिया था कि उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं हैं और उन्हें राजनीति से प्रेरित होकर फंसाया जा रहा है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को खारिज करते हुए निचली अदालत में मुकदमा चलाने की मंजूरी दी है।
क्या होगा अगला कदम?
अब सीबीआई कोर्ट में मुकदमा चलेगा। चूंकि यह केस आर्थिक अपराध और राजनीतिक पद के दुरुपयोग से जुड़ा है, इसलिए यह केस तेज़ी से आगे बढ़ सकता है। अगर आरोप साबित होते हैं, तो लालू यादव को फिर से जेल जाना पड़ सकता है। यह स्थिति उनके परिवार और पार्टी के लिए गंभीर चुनौती बन सकती है।
2025 के बिहार चुनाव पर असर?
यह सवाल अब हर किसी के मन में है कि क्या इस केस का असर 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव पर पड़ेगा? आइए देखते हैं विभिन्न पहलुओं को:
1. तेजस्वी यादव की छवि पर प्रभाव:
तेजस्वी यादव, जो वर्तमान में RJD के प्रमुख चेहरा हैं, उनके लिए यह एक बड़ा नैतिक और राजनीतिक संकट हो सकता है। विपक्ष इसे ‘भ्रष्टाचार की विरासत’ कहकर जनता के सामने पेश करेगा।
2. RJD की चुनावी रणनीति पर असर:
लालू यादव भले ही सक्रिय राजनीति से दूर हों, लेकिन आज भी पार्टी के लिए एक मजबूत जनाधार का प्रतीक हैं। उनके खिलाफ मुकदमे की सुनवाई चुनाव से पहले तेज़ होती है तो RJD को बैकफुट पर आना पड़ सकता है।
3. एनडीए को मौका:
बीजेपी और उसके सहयोगी दल इस केस को चुनावी मुद्दा बना सकते हैं और इसे ‘भ्रष्टाचार बनाम विकास’ की लड़ाई कहकर पेश करेंगे।
4. जनता की धारणा:
बिहार की जनता भ्रष्टाचार के मुद्दों पर संवेदनशील है, खासकर तब जब बेरोजगारी और महंगाई जैसे मुद्दे भी हावी हों। ऐसे में लालू परिवार पर कानूनी शिकंजा चुनावी गणित को पूरी तरह बदल सकता है।
RJD का पक्ष
RJD ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि यह “राजनीतिक प्रतिशोध” है और लालू यादव को जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है। पार्टी नेताओं का कहना है कि कोर्ट में वे अपना पक्ष मजबूती से रखेंगे और पूरा विश्वास है कि वे निर्दोष साबित होंगे।
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले ने बिहार की राजनीति में नई बहस को जन्म दिया है। चुनाव नजदीक हैं और ऐसे में यह मामला राजनीतिक दलों की रणनीति को नई दिशा देगा। क्या यह मामला RJD के लिए नुकसानदेह साबित होगा या लालू यादव इससे ‘पीड़ित नेता’ की छवि बनाकर सहानुभूति लेंगे? यह देखने वाली बात होगी।