
Ranchi News : मुख्यमंत्री एक्सीलेंस स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी को लेकर झारखंड अभिभावक संघ ने सौंपा मुख्यमंत्री को ज्ञापन
रांची। झारखंड के विभिन्न जिलों में संचालित मुख्यमंत्री एक्सीलेंस स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी को लेकर आज झारखंड अभिभावक संघ (Jharkhand Parents Association) ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को एक विस्तृत ज्ञापन ईमेल के माध्यम से सौंपा। संघ के अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि मुख्यमंत्री एक्सीलेंस स्कूलों की परिकल्पना राज्य में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, लेकिन शिक्षकों की गंभीर कमी के कारण यह सपना अधूरा रह जाने का खतरा है।
अजय राय ने कहा कि “राज्य सरकार ने इन स्कूलों को सीबीएसई (CBSE) पैटर्न पर तैयार कर ग्रामीण और वंचित तबके के बच्चों को बेहतर शिक्षा देने की महत्वाकांक्षी योजना बनाई है। स्कूल आधुनिक भवन, स्मार्ट क्लास, लैब और पुस्तकालय जैसी सुविधाओं से सुसज्जित हैं, लेकिन विषय-विशेषज्ञ शिक्षकों की भारी कमी से इन स्कूलों में पढ़ाई की स्थिति अत्यंत दयनीय होती जा रही है।”
स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी – अभिभावक संघ की रिपोर्ट
झारखंड अभिभावक संघ द्वारा राज्य के कई जिलों में किए गए सर्वेक्षण में कई चौंकाने वाली बातें सामने आईं –
कई स्कूलों में गणित, विज्ञान, अंग्रेज़ी और कॉमर्स जैसे विषयों के लिए प्रशिक्षित शिक्षक ही नहीं हैं।
कुछ विद्यालयों में केवल 1 या 2 शिक्षकों के भरोसे पूरी कक्षा 6 से 12वीं तक की पढ़ाई चल रही है।
सीबीएसई पैटर्न होने के बावजूद कई स्कूलों में प्रयोगशाला (लैब), पुस्तकालय और ICT (सूचना एवं संचार तकनीक) संसाधनों की भारी कमी है।
प्लस टू (कक्षा 11-12) के छात्र पढ़ाई के संकट और मानसिक दबाव का सामना कर रहे हैं।
अभिभावक संघ की प्रमुख मांगें
झारखंड अभिभावक संघ ने मुख्यमंत्री को भेजे गए ज्ञापन में कई अहम मांगें रखी हैं, जिनमें –
विषयवार नियमित शिक्षकों की शीघ्र नियुक्ति।
नियुक्ति पूरी होने तक विषय-विशेषज्ञ अतिथि शिक्षकों की अस्थायी व्यवस्था।
हर मुख्यमंत्री एक्सीलेंस स्कूल में शिक्षकों की स्थिति की पारदर्शी सूची जारी करना।
प्लस टू विद्यार्थियों के लिए साप्ताहिक शैक्षणिक समीक्षा प्रणाली लागू करना।
सभी स्कूलों में प्रयोगशाला, पुस्तकालय और ICT आधारित शिक्षण प्रणाली की गारंटी।
जिला प्रशासन को स्कूलों की शैक्षणिक गुणवत्ता पर मासिक रिपोर्ट देने के लिए बाध्य करना।
अजय राय ने कहा कि “राज्य के कई मुख्यमंत्री एक्सीलेंस स्कूलों में छात्र उचित मार्गदर्शन के अभाव में भविष्य को लेकर चिंतित हैं। अगर शिक्षकों की समस्या का त्वरित समाधान नहीं हुआ तो इन स्कूलों की परिकल्पना कमजोर पड़ जाएगी।”
सरकार नहीं चेती तो अभिभावक संघ का आंदोलन
अजय राय ने साफ कहा कि यदि सरकार ने इस विषय पर शीघ्र और सकारात्मक पहल नहीं की, तो झारखंड अभिभावक संघ राज्यव्यापी जन-जागरूकता अभियान और अभिभावक संवाद श्रृंखला शुरू करेगा। उन्होंने कहा –
“सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना को सफल बनाने के लिए योग्य और प्रशिक्षित शिक्षकों की नियुक्ति ही सबसे जरूरी कदम है। हम चाहते हैं कि गांव और दूरदराज के बच्चों को भी बेहतर शिक्षा मिले और झारखंड की नई पीढ़ी मजबूत नींव के साथ आगे बढ़े।”
क्यों अहम हैं मुख्यमंत्री एक्सीलेंस स्कूल?
मुख्यमंत्री एक्सीलेंस स्कूल झारखंड सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण और वंचित बच्चों को आधुनिक शिक्षा प्रणाली से जोड़ना है।
ये स्कूल सीबीएसई पैटर्न पर कक्षा 6 से 12 तक की पढ़ाई कराते हैं।
आधुनिक भवन, स्मार्ट क्लास, पुस्तकालय, लैब और ICT संसाधनों से सुसज्जित हैं।
इन स्कूलों में प्रवेश पाने वाले छात्र सामान्य सरकारी स्कूलों की तुलना में बेहतर माहौल में पढ़ाई कर सकते हैं।
लेकिन अभिभावक संघ के अनुसार, “संसाधन होने के बावजूद शिक्षकों की कमी इस योजना की सबसे बड़ी बाधा बन चुकी है।”
मुख्यमंत्री से अभिभावक संघ की अपील
झारखंड अभिभावक संघ ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से अपील की है कि इस अत्यंत संवेदनशील विषय पर तुरंत संज्ञान लिया जाए।
जल्द से जल्द विषयवार शिक्षकों की नियुक्ति हो।
शिक्षा व्यवस्था को स्थिर और गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
अजय राय ने कहा, “यदि सरकार ने समय रहते निर्णय नहीं लिया तो ग्रामीण इलाकों के बच्चों का भविष्य अंधकार में चला जाएगा। मुख्यमंत्री से हमारी उम्मीद है कि वे इस पर तुरंत कार्रवाई करेंगे।”
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