राखी: वाराणसी की मुस्लिम महिलाओं ने भेजा स्नेह और संदेश

रक्षा बंधन पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की राखी: मुस्लिम बहनों का प्रधानमंत्री मोदी को पैगाम
वाराणसी: इस बार रक्षा बंधन से पहले एक भावुक और सामाजिक सौहार्द से भरी पहल ने देश का ध्यान अपनी ओर खींचा है। वाराणसी की मुस्लिम महिलाओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक विशेष राखी भेजी है, जिसे उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर राखी’ नाम दिया है। इस राखी के साथ जो संदेश जुड़ा है, वह सिर्फ एक भाई को बहन की शुभकामनाएं नहीं, बल्कि महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और धार्मिक एकता का प्रतीक बन गया है।
क्या है ‘ऑपरेशन सिंदूर’?
‘ऑपरेशन सिंदूर’ एक प्रतीकात्मक अभियान है, जो मुस्लिम महिलाओं द्वारा शुरू किया गया है। इस पहल का उद्देश्य महिलाओं की सुरक्षा, विवाह में बराबरी और धार्मिक स्वतंत्रता को उजागर करना है। खास बात यह है कि यह राखी सिर्फ रेशम का धागा नहीं, बल्कि उसमें महिलाओं की उम्मीदें और प्रधानमंत्री से अपेक्षाएं भी पिरोई गई हैं।
मुस्लिम महिलाओं की पहल क्यों है खास?
वाराणसी की इन महिलाओं ने न केवल एक राष्ट्रीय पर्व को अपने तरीके से मनाया, बल्कि एक ऐसा संदेश भी दिया जो भारत की गंगा-जमुनी तहजीब को मजबूती देता है।
उनका कहना है कि –
> “हम प्रधानमंत्री मोदी को भाई मानती हैं और चाहते हैं कि वे देश की महिलाओं के लिए ऐसे कानून बनाएं जो उन्हें धार्मिक भेदभाव से मुक्ति दिलाएं।”
इन महिलाओं ने ‘तीन तलाक’ पर लिए गए फैसले को साहसिक कदम बताया और आशा जताई कि आगे भी मुस्लिम महिलाओं की आवाज़ को केंद्र सरकार सुनती रहेगी।
राखी के साथ भेजा गया भावनात्मक संदेश
इस मुहिम के तहत राखी के साथ एक हस्तलिखित पत्र भी भेजा गया है, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी से आग्रह किया गया है कि वे ‘निकाह हलाला’ और बहुविवाह जैसी प्रथाओं पर भी कठोर कानून बनवाएं। पत्र में लिखा गया:
> “आपने तीन तलाक से हमें राहत दी, अब हमारी राखी का यह धागा आपको हमारे अन्य संघर्षों से अवगत कराए।”
राजनीति से ऊपर सामाजिक संदेश
इस पहल को राजनीतिक चश्मे से देखने के बजाय सामाजिक बदलाव के रूप में देखा जा रहा है। मुस्लिम महिलाओं की यह पहल दिखाती है कि देश की महिलाएं अब अपने अधिकारों को लेकर जागरूक हो रही हैं और वे सशक्तिकरण की राह पर हैं।
कई सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस कदम का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि यह राखी सांप्रदायिक सद्भाव का प्रतीक है, जिसमें भाईचारे और समानता की भावना समाई हुई है।
पीएम मोदी की वाराणसी से जुड़ाव को लेकर भावनाएं
चूंकि वाराणसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है, ऐसे में इस पहल को और भी विशेष माना जा रहा है। यहां की महिलाओं का मानना है कि मोदी न सिर्फ उनके सांसद हैं, बल्कि उन्होंने हमेशा महिलाओं की आवाज को प्राथमिकता दी है।
राखी की डिजाइन भी है प्रतीकात्मक
इस ऑपरेशन सिंदूर राखी की डिजाइन भी खास है। इसमें सिंदूर, कलावा और भारत के झंडे के रंगों का उपयोग किया गया है। यह डिजाइन महिलाओं की पारंपरिक मान्यताओं, राष्ट्रीय गर्व और सांप्रदायिक सौहार्द को एक साथ दर्शाता है।
सामाजिक संगठनों और मुस्लिम समुदाय में मिलाजुला रिस्पॉन्स
इस पहल पर मुस्लिम समुदाय में जहां कुछ लोगों ने इसे ‘आवाज उठाने का हक’ बताया, वहीं कुछ कट्टरपंथी वर्गों ने इसकी आलोचना भी की। हालांकि, महिलाओं का कहना है कि वे किसी राजनीतिक एजेंडे से नहीं, बल्कि अपने हक के लिए आवाज़ उठा रही हैं।
सरकार से अपेक्षाएं और भविष्य की राह
मुस्लिम महिलाओं की इस पहल से साफ है कि अब वे चुप रहने वाली नहीं हैं। वे बदलाव चाहती हैं – नारेबाज़ी में नहीं, बल्कि नीति और कानूनों में।
उनकी अपेक्षा है कि:
निकाह हलाला जैसी कुप्रथाओं पर पाबंदी लगे
बहुविवाह पर कानूनी रोक लगे
मुस्लिम महिलाओं को एक समान सिविल अधिकार दिए जाएं
राखी सिर्फ धागा नहीं, बदलाव की डोर है
‘ऑपरेशन सिंदूर राखी’ एक नई शुरुआत है। यह पहल दिखाती है कि कैसे भारत की महिलाएं धर्म, जाति, या परंपरा की सीमाओं को पार कर अपने अधिकारों के लिए आवाज़ उठा रही हैं। पीएम मोदी के लिए भेजी गई ये राखी केवल एक परंपरा का निर्वहन नहीं, बल्कि महिलाओं की तरफ से एक भरोसे का प्रतीक है – कि उनका ‘भाई’ उनकी सुन रहा है और उनके साथ खड़ा है।
