
सुबह-सुबह धमकी से दहला नागपुर, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के घर पहुंचा बम स्क्वॉड! शराबी आरोपी गिरफ्तार
नागपुर, 3 अगस्त: शनिवार सुबह महाराष्ट्र के नागपुर शहर में हड़कंप मच गया जब केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के घर बम होने की सूचना मिली। जैसे ही यह खबर नागपुर पुलिस कंट्रोल रूम तक पहुंची, सुरक्षा एजेंसियों में हड़कंप मच गया। तुरंत बम स्क्वॉड, डॉग स्क्वॉड और स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची। पूरे इलाके को घेर लिया गया और गडकरी के आवास की गहन तलाशी ली गई।
हालांकि बाद में जांच में यह सूचना झूठी साबित हुई। पुलिस ने इस मामले में एक शराब के नशे में धुत युवक को गिरफ्तार किया है, जिसने कंट्रोल रूम में फोन कर यह फर्जी सूचना दी थी। घटना के बाद से नागपुर के सुरक्षा इंतजामों को और भी सख्त कर दिया गया है।
क्या है पूरा मामला?
शनिवार सुबह करीब 10:30 बजे नागपुर पुलिस कंट्रोल रूम को एक फोन कॉल आया। कॉलर ने कहा कि नितिन गडकरी के घर में बम रखा गया है और वह जल्द ही धमाका करने वाला है। कॉल मिलते ही पुलिस तुरंत हरकत में आई और गडकरी के नागपुर स्थित आवास की ओर रवाना हुई। पुलिस ने इलाके को सील कर दिया और बम निरोधक दस्ते (Bomb Disposal Squad) को बुलाया गया।
डॉग स्क्वॉड के साथ पूरे घर की तलाशी ली गई। मौके पर वरिष्ठ अधिकारी भी पहुंचे और सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। जांच में कोई भी विस्फोटक या संदिग्ध वस्तु नहीं पाई गई। इस पर पुलिस ने तुरंत फोन कॉल की लोकेशन ट्रेस करनी शुरू की और कुछ ही घंटों में आरोपी को हिरासत में ले लिया।
आरोपी की पहचान और मकसद
पुलिस के अनुसार, आरोपी की पहचान संदीप (बदला हुआ नाम) के रूप में हुई है, जिसकी उम्र लगभग 30 साल है। प्रारंभिक पूछताछ में पता चला है कि आरोपी नशे की हालत में था और बिना किसी खास मकसद के यह हरकत कर बैठा। पुलिस का कहना है कि आरोपी का मानसिक संतुलन ठीक है लेकिन वह अक्सर शराब के नशे में गैर-जिम्मेदाराना हरकतें करता है।
फिलहाल आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 506 (धमकी देना), 182 (झूठी सूचना देना) समेत कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है कि कहीं उसने पहले भी इस तरह की हरकत तो नहीं की।
गडकरी परिवार की प्रतिक्रिया
इस घटना के बाद नितिन गडकरी या उनके परिवार की तरफ से कोई सार्वजनिक बयान तो नहीं आया है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक वे पूरी तरह सुरक्षित हैं और उन्होंने सुरक्षा एजेंसियों पर भरोसा जताया है। गडकरी अक्सर नागपुर स्थित अपने आवास पर समय बिताते हैं और वहां आम लोगों से भी मिलते रहते हैं। ऐसे में सुरक्षा व्यवस्था पहले से ही मजबूत होती है, लेकिन इस घटना के बाद उसे और कड़ा कर दिया गया है।
सुरक्षा व्यवस्था और पुलिस की तत्परता
घटना के तुरंत बाद नागपुर पुलिस और ATS (Anti-Terrorism Squad) की तत्परता काबिले तारीफ रही। सूचना मिलते ही महज 10 मिनट के भीतर पुलिस मौके पर पहुंच गई थी। बम स्क्वॉड और डॉग स्क्वॉड की मदद से पूरे परिसर की जांच की गई और यह सुनिश्चित किया गया कि कोई खतरा न हो।
नागपुर पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने मीडिया को बताया कि, “हम किसी भी तरह की धमकी को हल्के में नहीं लेते। चाहे सूचना झूठी ही क्यों न निकले, हमारी प्राथमिकता लोगों की और नेताओं की सुरक्षा है। इस मामले में भी हमने तत्काल एक्शन लिया और आरोपी को पकड़ लिया गया है।”
फेक कॉल पर सख्त कार्रवाई की जरूरत
यह कोई पहला मामला नहीं है जब किसी नेता को इस तरह की झूठी धमकी मिली हो। इससे पहले भी देश के कई बड़े नेताओं को फर्जी बम धमकी दी गई है। ऐसे मामलों में न सिर्फ सुरक्षा एजेंसियों का वक्त और संसाधन बर्बाद होता है, बल्कि आम जनता में भी दहशत फैलती है।
विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी हरकतें देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा बन सकती हैं। इसलिए जरूरत है कि ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई की जाए और फेक कॉल करने वालों को कड़ी सजा मिले ताकि भविष्य में कोई इस तरह की हरकत करने से पहले सौ बार सोचे।
नितिन गडकरी के नागपुर आवास को लेकर बम की झूठी धमकी ने एक बार फिर सुरक्षा व्यवस्था की संवेदनशीलता को उजागर किया है। हालांकि पुलिस और अन्य एजेंसियों ने तत्परता दिखाते हुए बड़ी घटना को टाल दिया और आरोपी को पकड़ भी लिया, लेकिन यह घटना एक चेतावनी है कि सुरक्षा से कभी भी समझौता नहीं किया जा सकता।