
भाजपा‑नेतृत्व में राजग संसदीय दल की बैठक: ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की कामयाबी पर PM मोदी को एनडीए सांसदों ने किया सम्मानित
नई दिल्ली, 5 अगस्त 2025 – संसदीय भवन के पुस्तकालय भवन (Parliament Library Building) में भाजपा‑नेतृत्व वाली राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) संसदीय दल की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को “ऑपरेशन सिंदूर” की सफलता के लिए विशेष रूप से सम्मानित किया गया। यह बैठक मानसून सत्र के दौरान संसदीय गतिरोध की पृष्ठभूमि में हुई और एनडीए की रणनीति व संदेश को स्पष्ट करने के लिए अहम रही।
बैठक का उद्देश्य और पृष्ठभूमि
यह संसदीय दल की मौजूदा सत्र में दूसरी बैठक थी, जिसमें सभी NDA सांसदों ने हिस्सा लिया। बैठक का मकसद संसद में विपक्षी चुनौती और विधायी गतिरोध के बीच NDA की रणनीति स्पष्ट करना था।
संसद में अभी तक एक भी विधेयक पारित नहीं हुआ है, जबकि विपक्ष बिहार में विशेष गहन निर्वाचन सूची (SIR) को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दे रहा है। इस स्थिति में NDA ने अपनी एकता और उद्देश्य को मजबूत संदेश देने की जरूरत समझी।
प्रधानमंत्री का संबोधन
पीएम मोदी ने विपक्ष पर तीखा हमला करते हुए कहा:
_“Jo apni kabr khodein, unhein hum kyon rokein?”_ – यानि “जो अपनी कब्र खोदते हैं, उन्हें हम क्यों रोकें?” मोदी ने आरोप लगाया कि विपक्ष लगातार घर में घुसकर संसद की कार्यवाही में बाधाएँ डाल रहा है और अपनी ही हार का खुद को निमंत्रण दे रहा है।
उन्होंने कहा कि विपक्ष “खुद के पैर पर पत्थर मार रहा है” और इससे उनका राजनीतिक आत्मविश्वास क्षति हुआ है। मोदी ने यह भी जोर देकर कहा कि वे संसद में “भारत का पक्ष” रखने आए हैं, जबकि विपक्ष विरोधात्मक रूप से देश को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपमानित कर रहा है।
मोदी ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा राहुल गांधी को दिए गए फटकार का हवाला देते हुए कहा कि ऐसे विचार दर्शाते हैं कि कोई “सच्चा भारतीय” नहीं हो सकता।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ और ‘ऑपरेशन महादेव’ की सराहना
NDA संसदीय दल ने ऑपरेशन सिंदूर व ऑपरेशन महादेव की सफलता के लिए प्रधानमंत्री मोदी एवं भारतीय सुरक्षा बलों की सराहना करते हुए एक संकल्प पास किया। यह संकल्प आतंकवाद के जवाब में भारत की सशक्त प्रतिक्रिया को दर्शाता है।
मंत्रिमंडलीय नेताओं, सांसदों और अन्य NDA सहयोगियों ने मोदी को हार, वेलकम गार्लैंड और मोदी का नाम लेकर जय‑जयकार करते हुए स्वागत किया — “जय श्री राम” और “हर हर महादेव” जैसे उद्घोषों के साथ।
संकल्प की प्रमुख बातें
1. सशस्त्र बलों की वीरता
NDA ने भारतीय सेना के अनूठे साहस और समर्पण का विशेष उल्लेख किया, जिन्होंने Operation Sindoor एवं Operation Mahadev के दौरान अदम्य पराक्रम दिखाया।
2. **‘नयी सामान्य’ नीति का पालन**
संविधान सभा में पारित संकल्प ने तीन प्रमुख सिद्धांतों को रेखांकित किया:
अगर भारत पर हमला होता है, उसका जवाब उसी शर्त पर दिया जाएगा।
भारत परमाणु ब्लैकमेल को बर्दाश्त नहीं करेगा।
आतंकवाद को समर्थन देने वाली सरकार और गहरे उत्तरदाताओं में कोई अंतर नहीं किया जाएगा।
3. नारी शक्ति एवं सांस्कृतिक प्रतीकवाद
Operation Sindoor का नाम सांस्कृतिक महत्व से ओत‑प्रोत है — क्योंकि “सिंदूर” हमारी संस्कृति में विवाहित महिला की प्रतिष्ठा का प्रतीक है, जिसे आतंकवाद ने छीना था। बलों ने इसे वापस लौटाया। NDA ने इस मिशन को “महिलाओं के सम्मान की रक्षा” का स्वरूप दिया।
4. रक्षा सुधार एवं स्वदेशी क्षमताएँ
NDA ने पीएम मोदी के नेतृत्व में रक्षा सुधारों, ड्रोन क्रांति और संयुक्त सेना रणनीति की भी सराहना की, जिसने सीमापार सटीक कार्रवाइयों को संभव बनाया। यह सब “आत्मनिर्भर भारत” नीति के तहत आया।
5. वैश्विक वैश्विक समर्थन और कूटनीति
संकल्प में यह भी उल्लेख है कि PM मोदी ने 59 सांसदों को 32 देशों में भेजकर अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की स्थिति स्पष्ट की। संयुक्त राष्ट्र, BRICS समेत कई मंचों पर समर्थन मिला। TRF को यूएस एजेंसियों ने ‘Foreign Terrorist Organisation’ घोषित किया।
विपक्षी प्रतिक्रिया और प्रमुख चुनौतियाँ
भारत के विपक्षी नेताओं, विशेषकर राहुल गांधी ने Operation Sindoor पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इसे PM की स्वयं की छवि की रक्षा के इर्द‑गिर्द केंद्रित बताया, और सवाल उठाया कि क्या यह सैन्य कार्रवाई राजनीतिक उद्देश्यों से प्रेरित थी।
राहुल गांधी ने सरकार पर आरोप लगाया कि लड़ाई को ‘कट‑और‑पेस्ट’ रणनीति के तहत चलाया गया, जिसमें बलों को सीमित अधिकार दिए गए और चेतावनी दी कि यह पाकिस्तान‑चीन मिल कर भारत के खिलाफ एक नया गठबंधन बना रहे हैं। उन्होंने ट्रंप से जुड़े चरम आरोप भी उठाए।
इस बैठक ने एक स्पष्ट राजनीतिक संदेश दिया: NDA एकजुट है, संसद गतिरोध के बावजूद अपना एजेंडा आगे बढ़ना चाहता है और Operation Sindoor जैसे मामलों में सरकार की मजबूत कट्टरता को जनता के सामने प्रस्तुत करना चाहता है। प्रधानमंत्री मोदी की अपील थी कि नेताओं को अपनी ऊर्जा वापस कानून निर्माण और संसदीय कार्यों में लगानी चाहिए, न कि खुद को कमजोरी में उलझाना चाहिए।
अपने संबोधन में मोदी ने बार‑बार यह भरोसा दिलाया कि NDA सांसदों को तनाव में नहीं रहना चाहिए — क्योंकि खिलाड़ियाँ विपक्ष खुद अपनी दुर्गति खड़ी कर रहा है। NDA की सामूहिक प्रतिक्रिया संसद में विपक्ष के निरंतर विरोध के बीच एक सशक्त जवाब थी।