
Deoghar News: सांसद निशिकांत दुबे समेत छह पर एफआईआर दर्ज,
पंडा धर्मरक्षिणी सभा के पूर्व महामंत्री के बयान पर बाबा मंदिर थाना में दर्ज हुआ मामला,
धार्मिक परंपराओं में हस्तक्षेप का आरोप
देवघर स्थित विश्वविख्यात बाबा बैद्यनाथधाम मंदिर एक बार फिर विवादों के केंद्र में आ गया है। बीते 2 अगस्त को बाबा मंदिर के निकास द्वार से जबरन प्रवेश करने के मामले में गोड्डा के सांसद डॉ. निशिकांत दुबे, उत्तर पूर्वी दिल्ली से सांसद और भोजपुरी अभिनेता मनोज तिवारी, कनिष्कांत दुबे, शेषाद्री दुबे, मनोज तिवारी के सचिव और अभयानंद झा के खिलाफ देवघर के बाबा मंदिर थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई है।
यह एफआईआर पंडा धर्मरक्षिणी सभा के पूर्व महामंत्री कार्तिकनाथ ठाकुर के बयान पर दर्ज की गई है। प्राथमिकी में धार्मिक परंपरा में छेड़छाड़, शासकीय कार्य में बाधा, और पुलिसकर्मियों के साथ दुर्व्यवहार जैसी गंभीर धाराओं का उल्लेख किया गया है।
क्या है पूरा मामला?
बताया जा रहा है कि 2 अगस्त की शाम सांसद निशिकांत दुबे और मनोज तिवारी अपने समर्थकों के साथ बाबा मंदिर दर्शन के लिए पहुंचे थे। उस दौरान मंदिर में भीड़ नियंत्रित करने हेतु प्रशासन द्वारा स्पष्ट रूप से निकास द्वार से प्रवेश पर रोक लगाई गई थी। बावजूद इसके, सांसद दुबे समेत अन्य लोगों पर आरोप है कि उन्होंने ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों के मना करने के बावजूद जबरन धक्का-मुक्की की और निकास गेट से प्रवेश कर गए।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, मौके पर ड्यूटी पर मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोकने का प्रयास किया, लेकिन कथित रूप से सांसद और उनके साथ आए लोगों ने उनकी बात नहीं मानी। यह घटनाक्रम मंदिर परिसर में मौजूद सीसीटीवी कैमरों में भी रिकॉर्ड हुआ बताया जा रहा है, जिसे अब जांच में शामिल किया जाएगा।
एफआईआर में लगाए गए आरोप
प्राथमिकी में धारा 295 (धार्मिक आस्थाओं को ठेस पहुंचाना), 353 (सरकारी कार्य में बाधा डालना), 188 (सरकारी आदेश की अवहेलना), और अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। पंडा धर्मरक्षिणी सभा के पूर्व महामंत्री कार्तिकनाथ ठाकुर ने आरोप लगाया है कि यह कृत्य बाबा मंदिर की पारंपरिक और धार्मिक मर्यादाओं का उल्लंघन है। उन्होंने इसे स्थानीय धार्मिक व्यवस्था के प्रति असम्मानजनक रवैया करार दिया।
पुलिस ने शुरू की जांच
देवघर पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज होने के बाद मामले की जांच शुरू कर दी है। देवघर एसपी की निगरानी में एक विशेष टीम का गठन किया गया है, जो घटनास्थल से जुड़े वीडियो फुटेज, प्रत्यक्षदर्शियों के बयान और ड्यूटी पर मौजूद पुलिसकर्मियों की रिपोर्ट के आधार पर पूरे मामले की पड़ताल कर रही है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है, लेकिन सभी आरोपियों को नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है।
सांसद दुबे और तिवारी की प्रतिक्रिया
इस पूरे मामले में अभी तक सांसद निशिकांत दुबे या मनोज तिवारी की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। हालांकि दुबे इससे पूर्व अपने सोशल मीडिया पोस्ट्स में कई बार प्रशासन और मंदिर प्रबंधन पर निशाना साध चुके हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि एफआईआर दर्ज होने के बाद वे क्या प्रतिक्रिया देते हैं।
राजनीतिक हलकों में हलचल
घटना के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल मची हुई है। भाजपा के आंतरिक सूत्रों का कहना है कि पार्टी मामले की जांच पूरी होने तक कोई स्पष्ट टिप्पणी नहीं करेगी। वहीं विपक्ष ने इस घटना को लेकर सत्तारूढ़ दल पर धार्मिक स्थलों की मर्यादा भंग करने का आरोप लगाया है।
धार्मिक संगठनों में नाराजगी
देवघर के पंडा समाज और कई धार्मिक संगठनों ने घटना को लेकर नाराजगी जाहिर की है। पंडा धर्मरक्षिणी सभा के वरिष्ठ पदाधिकारियों का कहना है कि बाबा मंदिर की हजारों वर्षों पुरानी परंपरा को किसी भी कीमत पर तोड़ने नहीं दिया जाएगा। उनका आरोप है कि वीआईपी दर्शन के नाम पर बार-बार मंदिर की मर्यादा से खिलवाड़ हो रहा है।
आगे की कार्रवाई पर नजर
अब सभी की निगाहें पुलिस की अगली कार्रवाई पर टिकी हैं। क्या आरोपी नेताओं से पूछताछ होगी? क्या वीडियो फुटेज से स्पष्ट प्रमाण सामने आएंगे? क्या यह मामला राजनीतिक रंग लेगा या प्रशासन कानून के तहत कार्रवाई करेगा? इन सभी सवालों का जवाब आने वाले दिनों में मिलेगा।
देवघर जिला प्रशासन ने आम श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे मंदिर की व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग करें और किसी भी अफवाह से बचें। वहीं, पुलिस ने यह भी साफ किया है कि मामले की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित की जाएगी और दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।