
राहुल गांधी ने छेड़ी ‘वोट चोरी’ के खिलाफ मुहिम, लॉन्च की नई वेबसाइट – लोगों से जुड़ने की अपील
नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष (LoP) राहुल गांधी ने चुनावी प्रक्रिया में कथित गड़बड़ियों के खिलाफ एक बड़ा अभियान शुरू किया है। इसके तहत उन्होंने रविवार को एक विशेष वेबसाइट लॉन्च की, जिसका उद्देश्य ‘वोट चोरी’ के खिलाफ जागरूकता फैलाना और लोगों को इस लड़ाई में शामिल करना है। राहुल गांधी ने सोशल मीडिया और जनसभाओं के माध्यम से देशभर के नागरिकों से अपील की है कि वे इस अभियान में सक्रिय रूप से जुड़ें और लोकतंत्र की रक्षा में योगदान दें।
वेबसाइट के जरिए जोड़ेंगे लोगों को
राहुल गांधी द्वारा लॉन्च की गई इस वेबसाइट पर लोग अपने अनुभव साझा कर सकते हैं, शिकायत दर्ज करा सकते हैं और ‘वोट चोरी’ के खिलाफ चल रहे कैंपेन में पंजीकरण कर सकते हैं। कांग्रेस का दावा है कि इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से जनता की आवाज सीधे पार्टी और जिम्मेदार संस्थाओं तक पहुंचेगी। वेबसाइट पर विभिन्न राज्यों में हुई कथित चुनावी अनियमितताओं से जुड़े आंकड़े, रिपोर्ट और वीडियो भी उपलब्ध कराए जाएंगे, जिससे लोगों को वास्तविक स्थिति की जानकारी मिल सके।
चुनावी गड़बड़ियों पर निशाना
राहुल गांधी ने इस मौके पर कहा कि लोकतंत्र में हर वोट की कीमत होती है और अगर वोट चोरी होता है, तो यह जनता के अधिकारों की खुली लूट है। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले कुछ वर्षों में देश के अलग-अलग हिस्सों में चुनावी प्रक्रिया के दौरान गड़बड़ियां हुई हैं, जिनकी अनदेखी नहीं की जा सकती। राहुल ने कहा कि अब वक्त आ गया है कि लोग खामोश न रहें और सच्चाई के लिए खड़े हों।
कांग्रेस की रणनीति
पार्टी सूत्रों के अनुसार, इस अभियान को राष्ट्रीय स्तर पर आगे बढ़ाया जाएगा। कांग्रेस कार्यकर्ता गांव-गांव और शहर-शहर जाकर लोगों को वेबसाइट से जोड़ेंगे। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी #StopVoteChori और #SaveDemocracy जैसे हैशटैग के जरिए मुहिम को वायरल किया जाएगा। राहुल गांधी खुद देशभर में सभाएं और प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस अभियान को गति देंगे।
जनता से सीधी अपील
राहुल गांधी ने कहा, “यह सिर्फ कांग्रेस का अभियान नहीं है, बल्कि हर उस नागरिक का आंदोलन है जो लोकतंत्र में विश्वास करता है।” उन्होंने युवाओं, महिलाओं, किसानों और मजदूरों से अपील की कि वे अपनी बात रखें और किसी भी तरह की चुनावी गड़बड़ी के सबूत मिलने पर तुरंत रिपोर्ट करें।
विपक्षी दलों का समर्थन
सूत्रों के मुताबिक, कई विपक्षी दल भी इस अभियान के समर्थन में आ सकते हैं। माना जा रहा है कि इंडिया गठबंधन (INDIA Bloc) के तहत विपक्ष इस मुद्दे पर एकजुट हो सकता है और चुनाव आयोग पर दबाव बना सकता है कि वह पारदर्शी और निष्पक्ष चुनाव कराए।
बीजेपी का पलटवार
हालांकि, बीजेपी ने राहुल गांधी के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। पार्टी प्रवक्ताओं का कहना है कि कांग्रेस को हार का डर सताने लगा है, इसलिए वह पहले से ही चुनावी प्रक्रिया पर सवाल उठाकर माहौल खराब कर रही है। बीजेपी का दावा है कि देश का चुनावी सिस्टम पूरी तरह पारदर्शी और मजबूत है, और इसमें किसी तरह की धांधली की गुंजाइश नहीं है।
राजनीतिक महत्व
विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम कांग्रेस की चुनावी रणनीति का अहम हिस्सा है। ‘वोट चोरी’ जैसे संवेदनशील मुद्दे पर जोर देकर पार्टी जनता की भावनाओं को जाग्रत करना चाहती है। इससे न केवल कांग्रेस समर्थक बल्कि वे लोग भी प्रभावित हो सकते हैं जो पारदर्शी चुनावी प्रक्रिया में विश्वास रखते हैं।
आगे की राह
कांग्रेस की योजना है कि चुनावी साल में इस मुद्दे को लगातार सुर्खियों में रखा जाए। पार्टी कानूनी लड़ाई के साथ-साथ जन आंदोलन को भी तेज करेगी। वहीं, राहुल गांधी के करीबी नेताओं का मानना है कि यह अभियान आने वाले लोकसभा चुनाव में बड़ा असर डाल सकता है।
राहुल गांधी का यह कदम भारतीय राजनीति में एक नया मोर्चा खोलता है। ‘वोट चोरी’ के खिलाफ यह मुहिम आने वाले दिनों में राजनीतिक बहस का केंद्र बन सकती है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि जनता इस पर कैसी प्रतिक्रिया देती है और क्या यह अभियान विपक्षी एकजुटता को मजबूती देता है या सिर्फ कांग्रेस के राजनीतिक एजेंडे तक सीमित रहता है।