
नोएडा डे-केयर में मासूम से हैवानियत, CCTV में कैद हुई खौफनाक वारदात
नोएडा से आई एक खौफनाक घटना ने पूरे इलाके को दहला दिया है। यहां एक डे-केयर सेंटर में मासूम बच्चे के साथ हैवानियत का मामला सामने आया है, जिसे सेंटर में लगे सीसीटीवी कैमरों ने कैद कर लिया। फुटेज में जो दिखा, उसने हर किसी का दिल दहला दिया और माता-पिता में गुस्सा व डर की लहर दौड़ गई है।
घटना का खुलासा
जानकारी के मुताबिक, नोएडा के सेक्टर-XX स्थित एक नामी डे-केयर सेंटर में यह शर्मनाक घटना हुई। बच्चे के परिजनों ने बताया कि कुछ दिनों से वे अपने बच्चे के व्यवहार में बदलाव देख रहे थे—वह चुपचाप रहने लगा था, डरकर सिमट जाता और कई बार रोते-रोते सो जाता था। संदेह होने पर परिजनों ने डे-केयर प्रबंधन से सीसीटीवी फुटेज की मांग की।
सीसीटीवी में दिखा खौफनाक सच
जब रिकॉर्डिंग देखी गई तो सामने आया कि डे-केयर में तैनात एक कर्मचारी ने मासूम के साथ अमानवीय हरकत की। यह सब कैमरे में साफ नजर आ रहा था। फुटेज में आरोपी को बच्चे के साथ गलत तरीके से पेश आते देखा गया। वीडियो वायरल होने के बाद यह मामला सोशल मीडिया और स्थानीय समूहों में तेजी से फैल गया।
माता-पिता में दहशत, प्रशासन हरकत में
मामले की जानकारी मिलते ही माता-पिता डे-केयर के बाहर इकट्ठा हो गए और आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करने लगे। प्रशासन और पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और आरोपी को हिरासत में ले लिया। साथ ही, डे-केयर सेंटर को सील करने की कार्रवाई भी शुरू कर दी गई।
पुलिस की कार्रवाई
पुलिस ने पॉक्सो एक्ट और अन्य गंभीर धाराओं के तहत मामला दर्ज कर आरोपी से पूछताछ शुरू कर दी है। अधिकारियों ने बताया कि बच्चे के मेडिकल परीक्षण के लिए उसे अस्पताल भेजा गया है। नोएडा पुलिस आयुक्त ने कहा, “हम इस मामले में जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाएंगे। दोषी को कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जाएगी।”
डे-केयर प्रबंधन पर सवाल
इस घटना ने डे-केयर सेंटरों की सुरक्षा व्यवस्थाओं और स्टाफ की स्क्रीनिंग को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे संस्थानों में काम करने वालों का बैकग्राउंड चेक और मनोवैज्ञानिक परीक्षण जरूरी होना चाहिए, ताकि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
स्थानीय निवासी अंजना वर्मा ने कहा, “हम अपने बच्चों को सुरक्षित माहौल के भरोसे डे-केयर भेजते हैं, लेकिन अगर वहां भी ऐसे अपराध हो रहे हैं तो यह बेहद चिंताजनक है।” कई अभिभावकों ने मांग की है कि शहर के सभी डे-केयर की अचानक जांच हो और जिनके पास उचित लाइसेंस व सुरक्षा मानक नहीं हैं, उन्हें तुरंत बंद किया जाए।
सोशल मीडिया पर गुस्सा
घटना सामने आने के बाद #JusticeForNoidaKid ट्रेंड करने लगा। लोग अपने गुस्से का इजहार करते हुए कठोरतम सजा की मांग कर रहे हैं। कई ने यह भी कहा कि ऐसे मामलों में फास्ट-ट्रैक कोर्ट के जरिए जल्द फैसला होना चाहिए, ताकि पीड़ित और उसके परिवार को न्याय मिल सके।
बच्चों की सुरक्षा के लिए सुझाव
चाइल्ड प्रोटेक्शन विशेषज्ञों के मुताबिक, अभिभावकों को समय-समय पर अपने बच्चों से खुलकर बात करनी चाहिए, उनके व्यवहार में आने वाले बदलाव पर ध्यान देना चाहिए, और डे-केयर या स्कूल का चयन करते समय वहां की सुरक्षा नीतियों और स्टाफ की पृष्ठभूमि की गहन जांच करनी चाहिए।
नोएडा की यह घटना सिर्फ एक अपराध नहीं, बल्कि हमारे समाज के लिए चेतावनी है कि बच्चों की सुरक्षा को लेकर हमें कितने सतर्क रहने की जरूरत है। जिम्मेदारी सिर्फ कानून या प्रशासन की नहीं, बल्कि हर अभिभावक, शिक्षक और नागरिक की है। मासूमों की सुरक्षा के लिए कठोर कानूनों के साथ-साथ संवेदनशीलता और सतर्कता भी उतनी ही जरूरी है।