
बिहार में शर्मनाक कांड: पुजारी ने मंदिर के पास बुलाकर नाबालिग का 3 महीने तक किया शोषण, फरार होने से पहले ही पकड़ा गया
बिहार के एक छोटे से कस्बे में घटी यह घटना पूरे इलाके को हिला कर रख देने वाली है। एक ऐसे व्यक्ति पर आरोप लगा है, जिसे समाज में सबसे ज्यादा आदर और सम्मान से देखा जाता है—एक मंदिर के पुजारी पर। जानकारी के मुताबिक, पुजारी ने अपने धार्मिक पद का दुरुपयोग करते हुए एक नाबालिग लड़की को लंबे समय तक शोषण का शिकार बनाया। यह सिलसिला लगभग तीन महीने तक चलता रहा और जब आरोपी पुजारी को लगा कि मामला खुलने वाला है, तो वह भागने की कोशिश करने लगा, लेकिन ग्रामीणों की सजगता और पुलिस की तत्परता ने उसे भागने से पहले ही पकड़ लिया।
कैसे हुआ पूरा मामला
घटना बिहार की है, जहां स्थित एक प्राचीन मंदिर में आरोपी पुजारी पिछले कई वर्षों से सेवा कर रहा था। मंदिर में रोजाना पूजा-पाठ करने और भक्तों के बीच धार्मिक प्रवचन देने के कारण उसकी छवि एक ‘सज्जन’ व्यक्ति की बनी हुई थी। इसी आड़ में उसने एक मासूम लड़की को अपने जाल में फंसा लिया।
स्थानीय लोगों के मुताबिक, पुजारी ने पहली बार पीड़िता को मंदिर के पास किसी बहाने बुलाया। कभी ‘प्रसाद’ देने के नाम पर, तो कभी घर में किसी देवी-देवता की पूजा कराने का बहाना बनाकर वह लड़की को मंदिर के आसपास बुलाने लगा। धीरे-धीरे वह उसे डर और लालच दोनों का शिकार बनाता गया। पीड़िता के परिजनों को इस बारे में लंबे समय तक कोई भनक नहीं लगी, क्योंकि आरोपी ने धमकी दी थी कि अगर उसने किसी को बताया तो उसके परिवार को बुरा अंजाम भुगतना पड़ेगा।
तीन महीने का दर्दनाक सिलसिला
पुलिस की जांच में सामने आया है कि पुजारी ने लगातार तीन महीनों तक नाबालिग का यौन शोषण किया। इस दौरान उसने लड़की की मानसिक और शारीरिक स्थिति पर गहरा असर डाला। वह पीड़िता को विश्वास दिलाता रहा कि वह ‘धार्मिक कर्म’ के नाम पर यह सब कर रहा है और किसी को भी बताने पर उसके परिवार पर विपत्ति आ जाएगी। डर और शर्म की वजह से पीड़िता चुप रही, लेकिन हाल ही में उसकी तबीयत बिगड़ने और मानसिक रूप से टूटने के बाद उसने अपनी मां को सब कुछ बता दिया।
परिवार और ग्रामीणों की कार्रवाई
बेटी के साथ हुए इस घिनौने कृत्य के बारे में सुनकर परिवार सन्न रह गया। उन्होंने तुरंत स्थानीय ग्रामीणों को इसकी जानकारी दी। ग्रामीणों ने भी मामले को गंभीरता से लिया और आरोपी पुजारी को पकड़ने के लिए योजना बनाई। जैसे ही उन्हें पता चला कि पुजारी फरार होने की कोशिश कर रहा है, उन्होंने उसे मंदिर परिसर से ही पकड़ लिया और पुलिस के हवाले कर दिया।
पुलिस का बयान
थाना प्रभारी ने बताया, “आरोपी पुजारी को गिरफ्तार कर लिया गया है। पीड़िता का मेडिकल परीक्षण कराया गया है और उसके बयान दर्ज कर लिए गए हैं। आरोपी के खिलाफ पॉक्सो एक्ट (POCSO Act) और भारतीय दंड संहिता (IPC) की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। मामले की गहन जांच जारी है।”
स्थानीय लोगों में आक्रोश
घटना के बाद पूरे इलाके में आक्रोश फैल गया है। लोग यह सोचकर हैरान हैं कि जो व्यक्ति पूजा-पाठ और धर्म के नाम पर लोगों का मार्गदर्शन करता था, वही इतना बड़ा पाप कर सकता है। महिलाओं और युवतियों ने मांग की है कि आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए, ताकि भविष्य में कोई भी ऐसा कुकृत्य करने से पहले सौ बार सोचे।
धार्मिक संस्थानों पर सवाल
इस घटना ने धार्मिक संस्थानों और मंदिरों में नियुक्त पुजारियों की विश्वसनीयता पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे पदों पर कार्यरत लोगों की पृष्ठभूमि की पूरी जांच होनी चाहिए और मंदिर समितियों को समय-समय पर निगरानी रखनी चाहिए।
सरकार और समाज की भूमिका
ऐसे मामलों को रोकने के लिए केवल कानून ही नहीं, बल्कि समाज की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। बच्चों को अच्छे और बुरे स्पर्श (Good Touch-Bad Touch) की शिक्षा देना, परिवार का उनसे खुला संवाद रखना और धार्मिक या सामाजिक प्रतिष्ठानों पर नियमित निगरानी रखना बेहद जरूरी है।
पीड़िता की हालत
फिलहाल पीड़िता अपने परिवार के साथ सुरक्षित है, लेकिन मानसिक रूप से वह बेहद आहत है। सामाजिक संगठनों ने पीड़िता के पुनर्वास और मानसिक स्वास्थ्य के लिए परामर्श देने का प्रस्ताव रखा है।
यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि अपराधी किसी भी रूप और वेश में हो सकते हैं। हमें सतर्क रहकर अपने बच्चों को सुरक्षित रखना होगा और अपराधियों को उनके किए की सजा दिलानी होगी। आरोपी पुजारी का यह कृत्य न केवल कानूनन अपराध है, बल्कि मानवता और धर्म दोनों के नाम पर कलंक है।