
Deoghar News: देवघर का गौरव बढ़ाने वाले आयुष संतोषी ने पावर लिफ्टिंग में किया डबल गोल्ड पर कब्ज़ा।
देवघर। खेल जगत में देवघर ने एक बार फिर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। जिले के उभरते हुए पावर लिफ्टर आयुष संतोषी ने रामगढ़ में आयोजित रामगढ़ ओपन डिस्ट्रिक्ट पावर लिफ्टिंग, बेंच प्रेस एंड डेडलिफ्ट प्रतियोगिता 2025 में शानदार प्रदर्शन करते हुए दो-दो स्वर्ण पदक जीतकर जिले ही नहीं, पूरे राज्य का नाम रोशन किया।
यह प्रतियोगिता रामगढ़ जिला के चातर मांडू दुर्गा मंदिर परिसर में पावर लिफ्टिंग इंडिया के नेतृत्व में और दा जिम शेरा फिटनेस के तत्वावधान में भव्य रूप से आयोजित की गई। तीन राज्यों — बिहार, बंगाल और झारखंड — से करीब 100 पावर लिफ्टर इस प्रतियोगिता में उतरे थे, जिनमें से कई अनुभवी और दमदार प्रतिद्वंदी थे।
सब-जूनियर और जूनियर दोनों में मारी बाजी
आयुष संतोषी ने सबसे पहले सब-जूनियर कैटेगरी के 74 किलोग्राम बेंच प्रेस में हिस्सा लिया। इस श्रेणी में कुल 15 प्रतिभागी मैदान में थे, लेकिन आयुष ने बेहतरीन ताकत और तकनीक का प्रदर्शन करते हुए सभी को पछाड़ दिया और प्रथम स्थान हासिल किया। इसके बाद वे जूनियर कैटेगरी के 74 किलोग्राम बेंच प्रेस में भी उतरे और यहां भी अपना जलवा कायम रखते हुए गोल्ड मेडल जीत लिया।
इस शानदार उपलब्धि के साथ आयुष ने न केवल अपनी व्यक्तिगत सफलता का परचम लहराया, बल्कि देवघर और झारखंड की खेल प्रतिभा को भी नई पहचान दी।
कठिन परिश्रम और अनुशासन का नतीजा
आयुष की सफलता यूं ही नहीं मिली। वे अपने खेल का अभ्यास महावीर अखाड़ा में निरंतर करते हैं। उनके कोच राजेश रंजन और स्मार्ट जिम के प्रशिक्षक संजय सिंह ने उनके प्रशिक्षण में अहम भूमिका निभाई। दोनों ने उन्हें सही तकनीक, डाइट और मानसिक मजबूती के गुर सिखाए, जिसका नतीजा आज जीत के रूप में सामने आया।
आयुष का कहना है कि वे रोजाना तय समय पर अभ्यास करते हैं और अपने खेल को निखारने के लिए किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरतते। उनके अनुसार, पावर लिफ्टिंग केवल ताकत का नहीं, बल्कि धैर्य, आत्मविश्वास और निरंतरता का खेल है।
माता-पिता और गुरुजनों को दिया श्रेय
जीत के बाद अपनी खुशी जाहिर करते हुए आयुष ने कहा, “यह जीत मेरे माता-पिता, गुरुजनों और पूरे देवघर जिले को समर्पित है। मुझे हमेशा परिवार से सहयोग और प्रेरणा मिली है। मैं भविष्य में भी ऐसे ही बेहतर प्रदर्शन करने की कोशिश करूंगा, ताकि राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश और राज्य का नाम रोशन कर सकूं।”
आयुष ने अपने समर्थकों और शुभचिंतकों का भी आभार जताया और कहा कि बिना लोगों की दुआ और विश्वास के यह सफलता संभव नहीं थी।
जिले में खुशी का माहौल
आयुष की इस उपलब्धि से देवघर में खुशी की लहर दौड़ गई है। स्थानीय खेल प्रेमियों, मित्रों और शुभचिंतकों ने उन्हें बधाई दी। देवघर जिला ओलंपिक संघ के अध्यक्ष डॉ. सुनील खवाड़े ने फोन पर आयुष को शुभकामनाएं देते हुए कहा, “आयुष ने साबित कर दिया है कि अगर लगन और मेहनत हो तो छोटे शहर का खिलाड़ी भी बड़े मंच पर अपना लोहा मनवा सकता है। हम उम्मीद करते हैं कि आने वाले समय में वह राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भी पदक जीतेंगे।”
पावर लिफ्टिंग में देवघर की पहचान
पिछले कुछ वर्षों में देवघर के युवा खेल के विभिन्न क्षेत्रों में अपनी पहचान बना रहे हैं। खासकर पावर लिफ्टिंग में यहां के खिलाड़ियों ने राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर कई उपलब्धियां हासिल की हैं। आयुष संतोषी की सफलता ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि देवघर के खिलाड़ी किसी से कम नहीं।
स्थानीय खेल प्रशिक्षकों का मानना है कि अगर खिलाड़ियों को बेहतर प्रशिक्षण, पोषण और आधुनिक उपकरण उपलब्ध कराए जाएं, तो वे बड़े-बड़े टूर्नामेंट में हिस्सा लेकर देश को गौरवान्वित कर सकते हैं।
भविष्य की तैयारी
आयुष अब अगले चरण की तैयारी में जुट गए हैं। उनका लक्ष्य आने वाले महीनों में होने वाली राज्य स्तरीय और राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेकर और भी पदक जीतना है। वे कहते हैं कि हर जीत के बाद जिम्मेदारी और बढ़ जाती है, इसलिए मेहनत का स्तर भी बढ़ाना पड़ता है।
खेल प्रेमी और कोच दोनों ही मानते हैं कि आयुष जैसे युवा खिलाड़ियों को सरकारी और निजी स्तर पर अधिक सहयोग मिलना चाहिए, ताकि वे आर्थिक बोझ से मुक्त होकर पूरी तरह खेल पर ध्यान दे सकें।
आयुष संतोषी की जीत केवल एक खिलाड़ी की व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि पूरे देवघर और झारखंड की जीत है। यह सफलता युवाओं के लिए प्रेरणा है कि अगर मन में लक्ष्य और मेहनत का जुनून हो, तो कोई भी मंजिल दूर नहीं। देवघर वासी गर्व से कह सकते हैं कि उनके बीच से निकला एक युवा अब राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाने की राह पर है।