
देवघर। मानवता की मिसाल पेश करते हुए देवघर के प्रसिद्ध दंत चिकित्सक डॉ. राजीव रंजन ने आज जरूरतमंद मरीज के लिए रक्तदान किया।
डॉ. राजीव रंजन ने रक्तदान के बाद अपनी खुशी साझा करते हुए कहा – “आज फिर से रक्तदान करके वास्तव में बहुत अच्छा लगा। रक्तदान न केवल किसी की जिंदगी बचाने का जरिया है, बल्कि यह हमारे अपने स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है। आगे भी ऐसे मानवता भरे कार्यों में योगदान देता रहूंगा।”
रक्तदान का यह प्रेरणादायी कदम उस समय सामने आया जब एक मरीज को तत्काल रक्त की आवश्यकता थी। जैसे ही सूचना डॉ. राजीव रंजन तक पहुंची, उन्होंने बिना देर किए रक्तदान करने का निर्णय लिया और अस्पताल पहुंचकर मरीज के लिए जीवनदायी सहयोग दिया। उनके इस कार्य से न केवल मरीज के परिजनों को राहत मिली, बल्कि समाज में भी सकारात्मक संदेश गया।
डॉ. राजीव रंजन लंबे समय से सामाजिक कार्यों में सक्रिय रहते हैं। एक चिकित्सक होने के नाते वे न केवल अपने पेशेवर दायित्व का पालन करते हैं, बल्कि समय-समय पर रक्तदान, स्वास्थ्य जागरूकता अभियान और निःशुल्क परामर्श शिविरों के माध्यम से भी समाज की सेवा करते हैं। उन्होंने कहा कि हर स्वस्थ व्यक्ति को नियमित अंतराल पर रक्तदान करना चाहिए, क्योंकि इससे शरीर में नई रक्त कोशिकाओं का निर्माण होता है और कई बीमारियों का खतरा कम होता है।
अस्पताल के स्टाफ और मौजूद लोगों ने भी डॉ. रंजन के इस कदम की सराहना की। कई लोगों ने इसे प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि अगर हर व्यक्ति इस भावना के साथ आगे आए तो रक्त की कमी से किसी की जान नहीं जाएगी। चिकित्सकों का मानना है कि भारत में अब भी बड़ी संख्या में मरीज समय पर रक्त उपलब्ध न होने के कारण संकट में आ जाते हैं। ऐसे में समाज के जागरूक नागरिकों और युवा वर्ग को रक्तदान के महत्व को समझते हुए आगे आना चाहिए।
डॉ. राजीव रंजन ने युवाओं से अपील करते हुए कहा कि रक्तदान में किसी भी प्रकार का डर या संकोच नहीं होना चाहिए। यह पूरी तरह सुरक्षित प्रक्रिया है, जिसे प्रशिक्षित चिकित्सा कर्मियों की देखरेख में किया जाता है। उन्होंने कहा – “मैंने कई बार रक्तदान किया है और हर बार मन को एक अलग संतोष मिलता है। किसी की जिंदगी बचाने से बड़ा पुण्य कार्य कोई नहीं।”
इस मौके पर उपस्थित अन्य चिकित्सकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी रक्तदान को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि समाज में अभी भी कई लोग गलत धारणाओं के कारण रक्तदान से कतराते हैं, जबकि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से यह पूरी तरह सुरक्षित और स्वास्थ्यवर्धक है।
डॉ. राजीव रंजन के इस कदम ने यह संदेश दिया है कि इंसान की असली पहचान उसके मानवीय मूल्यों से होती है। उनकी यह पहल न केवल मरीज के लिए जीवनदायी साबित हुई, बल्कि यह समाज के अन्य लोगों के लिए भी प्रेरणा बन गई है।