
एयर इंडिया पायलटों ने उड़ाया 10 घंटे से ज्यादा प्लेन: DGCA की चेतावनी, एयरलाइंस ने दी सफाई।
नई दिल्ली। देश की राष्ट्रीय विमानन कंपनी एयर इंडिया एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार मामला उसके पायलटों की लंबी ड्यूटी को लेकर है। डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने एयरलाइन को सख्त चेतावनी दी है कि पायलटों की फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिट (Flight Duty Time Limit – FDTL) का उल्लंघन दोबारा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मामला तब सामने आया जब एयर इंडिया के कुछ पायलटों ने निर्धारित समय से काफी अधिक, यानी 10 घंटे से भी ज्यादा समय तक विमान उड़ाया।
क्या कहता है नियम?
DGCA के नियमों के मुताबिक, किसी भी पायलट को एक उड़ान में अधिकतम 8 से 9 घंटे तक ही विमान उड़ाने की अनुमति होती है, जबकि इंटरनेशनल फ्लाइट्स के लिए भी यह सीमा तय होती है ताकि थकान से जुड़े जोखिम कम किए जा सकें। नियम यह भी कहते हैं कि एक निश्चित अवधि में उड़ान के बाद पायलट को पर्याप्त आराम देना जरूरी है। पायलट की थकान या सतर्कता में कमी सीधे तौर पर विमान और यात्रियों की सुरक्षा को प्रभावित कर सकती है।
कैसे हुआ नियम उल्लंघन?
सूत्रों के मुताबिक, एयर इंडिया के एक इंटरनेशनल रूट पर उड़ान भरने वाले पायलटों की ड्यूटी 10 घंटे से अधिक हो गई। यह स्थिति तब बनी जब गंतव्य देश के एयरस्पेस में अचानक एयर ट्रैफिक प्रतिबंध या एयर स्पेस बंद होने जैसी परिस्थितियां पैदा हो गईं, जिससे विमान को लंबा रूट लेना पड़ा। इस कारण तय समय से ज्यादा उड़ान का दबाव पायलटों पर आ गया।
DGCA की सख्त प्रतिक्रिया
DGCA ने एयर इंडिया को पत्र लिखकर कहा कि पायलटों की ड्यूटी टाइम लिमिट का पालन करना एयरलाइन की जिम्मेदारी है। सुरक्षा से जुड़े नियमों में किसी भी तरह की ढिलाई यात्रियों की जान को खतरे में डाल सकती है। DGCA ने चेतावनी दी कि भविष्य में इस तरह की गलती दोहराने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी, जिसमें जुर्माना, लाइसेंस पर रोक, या फ्लाइट ऑपरेशन में प्रतिबंध भी शामिल हो सकता है।
एयर इंडिया ने दी सफाई
एयर इंडिया की ओर से इस मामले पर सफाई देते हुए कहा गया कि यह घटना विशेष परिस्थिति में हुई। एयरलाइन के मुताबिक, गंतव्य के एयरस्पेस में अस्थायी रूप से पाबंदी लग गई थी, जिसके चलते पायलटों को लंबा रूट लेना पड़ा। एयर इंडिया का कहना है कि उन्होंने DGCA के सभी दिशानिर्देशों को ध्यान में रखकर ऑपरेशन किया और यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई।
पायलटों की थकान का खतरा
एविएशन एक्सपर्ट्स के अनुसार, थकान पायलटों की निर्णय क्षमता और प्रतिक्रिया समय को कम कर देती है, जिससे उड़ान के दौरान गलत फैसले लेने का जोखिम बढ़ जाता है। इंटरनेशनल स्तर पर कई हादसों की जांच में पाया गया है कि पायलट की थकान एक प्रमुख कारण रही है। इसी वजह से दुनिया भर की एविएशन अथॉरिटीज़ पायलटों के उड़ान समय और आराम के घंटे पर कड़ा नियंत्रण रखती हैं।
यात्रियों की सुरक्षा सबसे पहले
DGCA और एयरलाइन दोनों का मानना है कि यात्रियों की सुरक्षा सर्वोपरि है। DGCA ने एयर इंडिया को यह भी निर्देश दिया है कि वह अपने क्रू शेड्यूलिंग सिस्टम की समीक्षा करे ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति न आए। साथ ही, फ्लाइट रूट प्लानिंग में भी वैकल्पिक उपाय पहले से तय किए जाएं।
पिछली घटनाएं
यह पहली बार नहीं है जब एयर इंडिया या अन्य एयरलाइंस पर FDTL नियमों के उल्लंघन का आरोप लगा हो। 2023 में भी DGCA ने कुछ घरेलू एयरलाइंस को पायलटों की ड्यूटी सीमा पार करने के मामलों में नोटिस जारी किया था। तब भी मुख्य कारण फ्लाइट में देरी, मौसम की खराबी, और एयरस्पेस प्रतिबंध बताए गए थे।
आगे क्या?
DGCA ने कहा है कि वह इस घटना की विस्तृत जांच करेगा और रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई तय की जाएगी। एयर इंडिया ने भी भरोसा दिलाया है कि वह DGCA के साथ पूरी तरह सहयोग करेगी और अपने क्रू मैनेजमेंट में सुधार करेगी।
यह मामला फिर से याद दिलाता है कि विमानन क्षेत्र में समय और सुरक्षा नियमों का पालन कितना जरूरी है। एक छोटी सी चूक न सिर्फ पायलट और क्रू बल्कि सैकड़ों यात्रियों की जान को जोखिम में डाल सकती है। ऐसे में एयरलाइंस के लिए जरूरी है कि वे ऑपरेशन में लचीलापन रखें लेकिन सुरक्षा मानकों से समझौता कभी न करें।