
झारखंड के 17 जांबाज पुलिसकर्मियों को राष्ट्रपति वीरता और सेवा पदक से सम्मानित किया जाएगा ।
रांची। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर झारखंड पुलिस के लिए गर्व का पल आया है। राज्य के 17 बहादुर पुलिसकर्मियों का चयन राष्ट्रपति वीरता और सेवा पदक के लिए किया गया है। इन पुलिसकर्मियों को यह सम्मान उनके साहसिक कार्य, उत्कृष्ट सेवा और अदम्य जज्बे के लिए दिया जा रहा है। गृह मंत्रालय ने इन नामों की घोषणा कर दी है, जिससे पुलिस महकमे और उनके परिवारों में खुशी की लहर दौड़ गई है।
झारखंड पुलिस के डीजीपी अजय कुमार सिंह ने इसे राज्य के लिए गौरव का क्षण बताते हुए कहा कि यह सम्मान केवल व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि पूरे पुलिस बल की मेहनत, त्याग और सेवा भावना की पहचान है। उन्होंने कहा कि इन अधिकारियों और जवानों ने न केवल कानून-व्यवस्था बनाए रखने में अहम भूमिका निभाई, बल्कि नक्सल प्रभावित इलाकों में भी अपने साहस और रणनीति से कई कठिन अभियानों को सफलतापूर्वक अंजाम दिया।
सूत्रों के अनुसार, जिन पुलिसकर्मियों का चयन हुआ है, उनमें से कुछ ने कुख्यात नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशनों में महत्वपूर्ण योगदान दिया, तो कुछ ने संवेदनशील क्षेत्रों में शांति बहाल करने में अद्वितीय प्रयास किए हैं। इसके अलावा, कई पुलिसकर्मियों ने आम नागरिकों की सुरक्षा, बचाव अभियानों, सड़क दुर्घटनाओं और प्राकृतिक आपदाओं के समय अद्वितीय सेवा भाव का परिचय दिया है।
वीरता पदक का महत्व
राष्ट्रपति वीरता पदक देश के सबसे बड़े पुलिस सम्मानों में से एक है। इसे उन पुलिसकर्मियों को दिया जाता है जिन्होंने ड्यूटी के दौरान असाधारण साहस, जोखिम उठाने की क्षमता और अदम्य इच्छाशक्ति का प्रदर्शन किया हो। वहीं, सेवा पदक उन कर्मियों को दिया जाता है जो अपने लंबे कार्यकाल में निरंतर उत्कृष्ट सेवा और ईमानदारी का परिचय देते रहे हों। इन पदकों का चयन गृह मंत्रालय द्वारा विस्तृत प्रक्रिया और जांच के बाद किया जाता है।
सम्मानित होने वाले पुलिसकर्मी
गृह मंत्रालय द्वारा जारी सूची के अनुसार, झारखंड के विभिन्न जिलों से कुल 17 पुलिसकर्मी इस वर्ष सम्मानित होंगे। इनमें कुछ वरिष्ठ अधिकारी, निरीक्षक, सब-इंस्पेक्टर, हवलदार और कॉन्स्टेबल भी शामिल हैं। इस चयन में राज्य के अलग-अलग हिस्सों में तैनात कर्मियों की उपलब्धियों और योगदान को ध्यान में रखा गया है।
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में बहादुरी
झारखंड के कई पुलिसकर्मी वर्षों से नक्सल प्रभावित जिलों में कार्यरत हैं, जहां हर दिन खतरे से सामना होता है। इस सूची में शामिल कई जांबाजों ने ऐसे अभियानों में हिस्सा लिया, जहां न केवल जान जोखिम में थी बल्कि दुश्मन से सीधा सामना भी हुआ। कुछ ने मुठभेड़ों में नक्सलियों को मार गिराया, तो कुछ ने उन्हें सरेंडर करने के लिए तैयार किया। ऐसे अभियानों के दौरान, कई बार पुलिसकर्मी बिना अपनी जान की परवाह किए ग्रामीणों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं।
परिवारों में खुशी और गर्व
सम्मान की घोषणा के बाद इन पुलिसकर्मियों के परिवारों में खुशी का माहौल है। कई परिजनों ने कहा कि उनके बेटे, पति या पिता का नाम इस सूची में शामिल होना गर्व का विषय है। यह सम्मान उन्हें और ज्यादा जिम्मेदारी से काम करने के लिए प्रेरित करेगा।
झारखंड पुलिस की छवि पर सकारात्मक असर
विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के राष्ट्रीय सम्मान राज्य पुलिस की छवि को मजबूत करते हैं और जवानों में मनोबल बढ़ाते हैं। इससे न केवल पुलिस बल को प्रेरणा मिलती है, बल्कि आम जनता का भरोसा भी बढ़ता है।
स्वतंत्रता दिवस पर मिलेगा सम्मान
इन सभी 17 पुलिसकर्मियों को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर औपचारिक समारोह में राष्ट्रपति वीरता और सेवा पदक प्रदान किया जाएगा। समारोह में राज्यपाल, मुख्यमंत्री, गृह सचिव, वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और कई गणमान्य लोग उपस्थित रहेंगे।
झारखंड पुलिस के इन 17 जांबाजों की कहानी न केवल बहादुरी का उदाहरण है, बल्कि यह भी बताती है कि कठिन परिस्थितियों में भी कर्तव्यनिष्ठा और सेवा भावना से काम करने वाले कर्मियों को देश कभी भूलता नहीं। यह सम्मान उनके त्याग और समर्पण की आधिकारिक पहचान है।