
अहमदाबाद में दिल दहला देने वाली घटना: मां-बेटी ने की आत्महत्या, वीडियो आया सामने।
मां का शव पानी में बहता रहा, बेटी मां की छाती से चिपकी मिली; CPR देने से बची बच्ची की जान
अहमदाबाद। गुजरात के अहमदाबाद में शुक्रवार को एक दर्दनाक घटना सामने आई जिसने हर किसी को झकझोर कर रख दिया। मां-बेटी की आत्महत्या का 5 सेकेंड का वीडियो सामने आया है। इस वीडियो में मां का शव पानी में बह रहा था और उसकी छोटी बच्ची मां की छाती से चिपकी हुई तैर रही थी। घटना को देखकर लोग दंग रह गए। स्थानीय लोगों ने जब बच्ची को बाहर निकाला और CPR दिया तो उसकी सांसें लौट आईं। इस घटना ने पूरे शहर में सनसनी फैला दी है।
घटना का पूरा विवरण
मामला साबरमती नदी किनारे का है। बताया जा रहा है कि महिला ने अपनी मासूम बेटी के साथ नदी में छलांग लगाकर आत्महत्या की। महिला का शव पानी में बहता रहा जबकि बच्ची मां की छाती से चिपकी रही। कुछ लोगों ने यह दृश्य देखा और तुरंत वीडियो बना लिया। वीडियो मात्र 5 सेकेंड का है लेकिन इसमें दिख रहा है कि महिला का शव नदी की लहरों में बह रहा है और बच्ची उसकी छाती पर बैठी है। यह दृश्य इतना भयावह और मार्मिक था कि जिसने भी देखा उसकी आंखें नम हो गईं।
लोगों की सूझबूझ से बची मासूम की जान
जब स्थानीय लोगों ने बच्ची को देखा तो तुरंत उसे बाहर निकाला। बच्ची बेहोश थी और उसकी सांसें रुक चुकी थीं। मौके पर मौजूद लोगों ने CPR देना शुरू किया। लगातार कोशिशों के बाद बच्ची ने सांस लेना शुरू कर दिया। इसके बाद उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे खतरे से बाहर बताया। बच्ची के जिंदा बचने की खबर ने लोगों को राहत दी लेकिन उसकी मां की मौत से माहौल गमगीन रहा।
महिला की पहचान और पारिवारिक पृष्ठभूमि
पुलिस ने बताया कि मृत महिला की पहचान शहर के निकटवर्ती इलाके की रहने वाली [नाम छिपाया गया] के रूप में हुई है। वह अपने पति और परिवार के साथ रहती थी। शुरुआती जांच में पता चला है कि महिला पिछले कई दिनों से तनाव में थी। घरेलू कलह और मानसिक परेशानी की वजह से उसने यह कदम उठाया। हालांकि पुलिस ने कहा है कि मामले की पूरी जांच की जा रही है और परिवार से पूछताछ भी जारी है।
वीडियो ने खड़ा किया सवाल
सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस छोटे से वीडियो ने समाज में कई सवाल खड़े कर दिए हैं। आखिर एक मां इतनी मजबूर क्यों हो जाती है कि वह अपनी जान के साथ मासूम बच्ची की जान दांव पर लगा दे? परिवार और रिश्तेदारों ने कहा कि महिला ने कभी ऐसी स्थिति का अंदेशा नहीं दिया था, लेकिन वह मानसिक दबाव में जरूर थी।
पुलिस और प्रशासन की भूमिका
घटना के बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लिया और पंचनामा कर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। पुलिस अधिकारी ने बताया कि बच्ची फिलहाल सुरक्षित है और उसे परिजनों के हवाले किया गया है। साथ ही, महिला के आत्महत्या करने के पीछे के कारणों की पड़ताल की जा रही है।
विशेषज्ञों की राय
मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि यह घटना मानसिक स्वास्थ्य की अनदेखी का नतीजा हो सकती है। कई बार महिलाएं घरेलू दबाव, सामाजिक अपेक्षाओं और मानसिक तनाव को झेल नहीं पातीं और आत्मघाती कदम उठा लेती हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे मामलों से बचने के लिए परिवार को संवेदनशील होना चाहिए और समय रहते मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल करनी चाहिए।
आसपास के लोगों की प्रतिक्रिया
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह घटना उनके लिए जीवनभर याद रहने वाली है। एक व्यक्ति ने बताया कि जब उन्होंने बच्ची को मां की छाती से चिपका देखा तो उनके रोंगटे खड़े हो गए। सब लोग सोच रहे थे कि बच्ची शायद मर चुकी है लेकिन CPR देने पर जब उसने सांस ली तो वहां मौजूद सभी लोग भावुक हो गए।
समाज के लिए सीख
यह घटना केवल एक आत्महत्या नहीं बल्कि समाज के लिए चेतावनी है। मानसिक स्वास्थ्य, पारिवारिक सहयोग और रिश्तों में संवाद की कमी किसी को भी इस हद तक धकेल सकती है कि वह अपनी और अपने बच्चों की जान लेने तक मजबूर हो जाए।
अहमदाबाद की यह घटना हर किसी के लिए आंखें खोलने वाली है। एक मां ने अपनी जिंदगी खत्म कर दी लेकिन बच्ची को नया जीवन मिल गया। सवाल यह है कि क्या समाज और परिवार समय रहते ऐसी परिस्थितियों को समझकर रोक नहीं सकते? यह मामला केवल पुलिस की जांच का नहीं बल्कि समाज के लिए आत्ममंथन का विषय है।