एक क्लिक और फोन हैक! भारत में फैला नया स्कैम, जानें बचने के उपाय।

नई दिल्ली। आज के डिजिटल युग में इंटरनेट हमारी रोजमर्रा की जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है। लेकिन इसी सुविधा का फायदा उठाकर साइबर अपराधी लोगों को ठगने में लगे हुए हैं। हाल ही में भारत में एक नया फोन हैकिंग स्कैम सामने आया है, जिसमें मात्र एक क्लिक से आपका पूरा मोबाइल फोन हैक हो सकता है। साइबर विशेषज्ञों का कहना है कि यह स्कैम तेजी से फैल रहा है और इसका शिकार आम यूजर्स से लेकर बिजनेस प्रोफेशनल्स तक बन रहे हैं।

कैसे होता है यह नया फोन हैकिंग स्कैम?

इस स्कैम में हैकर्स पीड़ित को संदिग्ध लिंक या अटैचमेंट भेजते हैं। ये लिंक अक्सर मैसेज, ईमेल, या व्हाट्सएप जैसे चैटिंग ऐप्स पर आते हैं। जैसे ही यूजर इस लिंक पर क्लिक करता है, हैकर का बनाया हुआ मैलवेयर फोन में इंस्टॉल हो जाता है।

फोन में इंस्टॉल होते ही मैलवेयर आपकी निजी जानकारी, बैंकिंग डिटेल्स, सोशल मीडिया अकाउंट्स और पासवर्ड्स को हैक कर लेता है।
कई मामलों में हैकर्स फोन के कैमरा और माइक्रोफोन का भी इस्तेमाल करने लगते हैं।
एक बार डिवाइस संक्रमित हो जाने के बाद, यूजर को पता भी नहीं चलता और उसका पूरा डेटा चोरी हो जाता है।

क्यों खतरनाक है यह स्कैम?

1. बैंक अकाउंट खाली हो सकता है – हैकर्स आपके UPI पिन, नेटबैंकिंग पासवर्ड और कार्ड डिटेल्स चुरा लेते हैं।

2. सोशल मीडिया अकाउंट्स हैक – फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप अकाउंट्स को कब्जे में लेकर फ्रॉड किया जा सकता है।

3. प्राइवेट डेटा लीक – फोटो, वीडियो और कॉन्टैक्ट्स हैकर्स के हाथ लग जाते हैं।

4. रैनसमवेयर अटैक – कुछ मामलों में हैकर्स डेटा लॉक कर फिरौती तक मांगते हैं।

भारत में बढ़ रहे हैं साइबर क्राइम के मामले

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक भारत में पिछले तीन वर्षों में साइबर फ्रॉड के मामलों में 40% से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है। डिजिटल पेमेंट्स और ऑनलाइन शॉपिंग बढ़ने के साथ साइबर क्राइम भी तेजी से फैल रहा है।
विशेषज्ञ मानते हैं कि यूजर्स की लापरवाही और जागरूकता की कमी इसका बड़ा कारण है।

कैसे बचें इस स्कैम से?

साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों ने कुछ अहम टिप्स दिए हैं, जिनका पालन कर आप इस तरह के स्कैम से बच सकते हैं:

अनजान लिंक पर क्लिक न करें – किसी भी संदिग्ध मैसेज या ईमेल लिंक से बचें।

ओटीपी/बैंक डिटेल साझा न करें – बैंक कभी फोन या मैसेज पर ओटीपी नहीं मांगता।

एंटीवायरस का इस्तेमाल करें – फोन और लैपटॉप पर सिक्योरिटी सॉफ़्टवेयर इंस्टॉल करें।

सॉफ्टवेयर अपडेट रखें – पुराना सिस्टम हैकर्स के लिए आसान टारगेट होता है।

पब्लिक वाई-फाई से सावधान रहें – इन नेटवर्क्स पर हैकिंग का खतरा ज्यादा रहता है।

टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) ऑन करें – सोशल मीडिया और बैंकिंग ऐप्स में यह अनिवार्य करें।

साइबर सुरक्षा एजेंसियों की चेतावनी

भारतीय साइबर क्राइम सेल और CERT-In (Computer Emergency Response Team India) ने हाल ही में अलर्ट जारी किया है। इन संस्थानों ने कहा है कि अगर कोई संदिग्ध लिंक या मैसेज मिलता है तो तुरंत रिपोर्ट करें और क्लिक करने से बचें।

अगर आपका फोन पहले से ही संक्रमित हो गया है:

तुरंत इंटरनेट कनेक्शन बंद करें।

अपने सभी पासवर्ड बदलें।

नजदीकी साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराएं।

डिजिटल सावधानी ही सुरक्षा की कुंजी

डिजिटल इंडिया के दौर में जहां एक क्लिक से सब कुछ आसान हो गया है, वहीं यही क्लिक खतरनाक भी साबित हो सकता है। आज जरूरत है कि हर इंटरनेट यूजर सतर्क रहे और बिना जांचे-परखे किसी भी लिंक पर क्लिक न करे। याद रखें – “सावधानी ही सुरक्षा है।”

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