भारत ने सफलतापूर्वक किया अग्नि-5 मिसाइल का परीक्षण:

 

भुवनेश्वर/नई दिल्ली।
भारत ने ओडिशा के चांदीपुर परीक्षण केंद्र से अपनी सबसे शक्तिशाली स्वदेशी विकसित अग्नि-5 मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल (Agni-5 Ballistic Missile) का सफल परीक्षण कर लिया है। इस मिसाइल परीक्षण के साथ ही भारत ने वैश्विक स्तर पर अपनी रक्षा क्षमता और सामरिक शक्ति का मजबूत प्रदर्शन किया है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित यह मिसाइल भारत की डिटरेंस स्ट्रैटेजी (Deterrence Strategy) को और अधिक प्रभावी बनाएगी।

अग्नि-5 मिसाइल की खासियत

अग्नि-5 मिसाइल भारत की सबसे उन्नत और शक्तिशाली मल्टी-स्टेज बैलिस्टिक मिसाइल है, जो इंटरकांटिनेंटल रेंज में आने वाली मिसाइलों की श्रेणी में गिनी जाती है।

रेंज: 5,000 किलोमीटर से अधिक

भार वहन क्षमता: लगभग 1,500 किलोग्राम तक

वारहेड क्षमता: पारंपरिक और परमाणु दोनों प्रकार के हथियार ले जाने में सक्षम

गति: सुपरसोनिक स्पीड, जो वायुमंडल से बाहर जाकर भी लक्ष्य साध सकती है

नेविगेशन: एडवांस्ड इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम (INS) और रिंग लेज़र जाइरोस्कोप से लैस

लॉन्चिंग प्लेटफॉर्म: सड़क और रेल लॉन्चिंग सिस्टम दोनों से दागी जा सकती है।

सामरिक दृष्टि से महत्व

भारत लंबे समय से अपनी न्यूक्लियर ट्रायड क्षमता (Nuclear Triad Capability) को मजबूत करने में जुटा है। अग्नि-5 के सफल परीक्षण से भारत ने यह साबित कर दिया है कि वह लॉन्ग रेंज मिसाइल स्ट्राइक करने में सक्षम है। यह मिसाइल एशिया, यूरोप और अफ्रीका तक के रणनीतिक ठिकानों को टारगेट कर सकती है।

इसका सीधा संदेश उन देशों को है जो भारत की सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता को चुनौती देने की कोशिश करते हैं। रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह परीक्षण भारत की चीन और पाकिस्तान दोनों के खिलाफ रणनीतिक ताकत को बढ़ाता है।

DRDO और भारतीय सेना की भूमिका

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने इस मिसाइल को विकसित किया है। DRDO के वैज्ञानिकों ने बताया कि यह मिसाइल पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक पर आधारित है और इसमें किसी भी तरह की बाहरी तकनीक पर निर्भरता नहीं है।
भारतीय सेना में इसके शामिल होने से देश की स्ट्रैटेजिक फोर्स कमांड (SFC) को और मजबूती मिलेगी।

प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री की प्रतिक्रिया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिसाइल परीक्षण को ऐतिहासिक उपलब्धि बताते हुए DRDO वैज्ञानिकों और भारतीय सेना को बधाई दी। उन्होंने कहा – “अग्नि-5 का सफल परीक्षण भारत की आत्मनिर्भर रक्षा नीति की दिशा में बड़ा कदम है। यह परीक्षण हमारी सामरिक ताकत को नई ऊंचाई देगा।”

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी इस उपलब्धि को भारत की मेक इन इंडिया डिफेंस स्ट्रैटेजी का उदाहरण बताया।

वैश्विक संदेश

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के इस परीक्षण को क्षेत्रीय शक्ति संतुलन का हिस्सा माना जा रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार, अग्नि-5 परीक्षण से भारत ने यह दिखा दिया है कि वह न केवल अपनी सीमाओं की रक्षा कर सकता है बल्कि किसी भी परिस्थिति में प्रतिक्रिया देने के लिए पूरी तरह तैयार है।

अग्नि-5 मिसाइल का सफल परीक्षण भारत के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। यह न केवल देश की सुरक्षा को मजबूत करता है बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की सामरिक साख (Strategic Credibility) को भी बढ़ाता है।
यह परीक्षण यह साबित करता है कि भारत आने वाले समय में भी अपनी डिफेंस टेक्नोलॉजी में आत्मनिर्भर बनेगा और किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार है।

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