
रांची। झारखंड की राजधानी रांची में एक बड़ी कार्रवाई के तहत राज्य की एटीएस (Anti-Terrorist Squad) टीम अजरबैजान से फरार आरोपी सुनील सिंह मीणा उर्फ मयंक सिंह को लेकर वापस लौटी है। यह कार्रवाई लंबे समय से फरार आरोपी को पकड़ने के लिए चलाए जा रहे अंतरराष्ट्रीय स्तर के अभियान का हिस्सा रही। आरोपी के खिलाफ कई गंभीर मामले दर्ज हैं और उसकी तलाश में पुलिस व एटीएस की टीम लंबे समय से जुटी हुई थी।
कौन है सुनील सिंह मीणा उर्फ मयंक सिंह?
सुनील सिंह मीणा, जिसे मयंक सिंह के नाम से भी जाना जाता है, पर कई आपराधिक मामलों में संलिप्त होने के आरोप हैं। पुलिस के अनुसार, वह झारखंड और आसपास के राज्यों में संगठित अपराध से जुड़ा हुआ था और पिछले कुछ समय से फरार चल रहा था। आरोप है कि उसने अजरबैजान में छिपकर कई अवैध गतिविधियों को संचालित करने की कोशिश की। एटीएस की टीम को उसकी लोकेशन का पता लगाने में महीनों लग गए और इंटरपोल के सहयोग से उसे हिरासत में लिया गया।
अजरबैजान से कैसे हुई गिरफ्तारी?
एटीएस ने इंटरपोल और अजरबैजान की स्थानीय एजेंसियों की मदद से इस आरोपी को गिरफ्तार किया। इसके लिए कई देशों के बीच खुफिया जानकारी का आदान-प्रदान किया गया। अजरबैजान से रांची लाने के लिए कानूनी प्रक्रिया का पालन किया गया। एटीएस के अधिकारियों के अनुसार, यह एक जटिल और लंबी प्रक्रिया थी क्योंकि इसमें अंतरराष्ट्रीय कानून और प्रत्यर्पण प्रक्रिया शामिल थी।
रांची में क्यों लाया गया?
रांची में सुनील सिंह मीणा के खिलाफ कई पुराने मामले दर्ज हैं। इनमें संगठित अपराध, धोखाधड़ी, और अवैध गतिविधियों से जुड़ी गंभीर धाराएं शामिल हैं। रांची पुलिस अब उससे पूछताछ कर उसकी आपराधिक नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की जानकारी जुटाने की कोशिश करेगी।
एटीएस की सफलता और आगे की कार्यवाही
झारखंड एटीएस की इस कार्रवाई को बड़ी सफलता माना जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि आरोपी के खिलाफ पर्याप्त सबूत जुटाए जा चुके हैं और अब उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा। साथ ही, उसकी गिरफ्तारी के बाद उसके नेटवर्क के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी भी हो सकती है।
स्थानीय और राष्ट्रीय सुरक्षा पर असर
एटीएस का मानना है कि इस गिरफ्तारी से राज्य में अपराधी नेटवर्क पर बड़ा असर पड़ेगा। लंबे समय से फरार आरोपी की वापसी से कई पुराने मामलों की गुत्थियां भी सुलझ सकती हैं। राज्य की सुरक्षा एजेंसियां अब इस गिरफ्तारी को एक उदाहरण के रूप में देख रही हैं, ताकि भविष्य में भी ऐसे अपराधियों को आसानी से पकड़ा जा सके।
लोगों की प्रतिक्रिया और प्रशासन की सख्ती
रांची में लोगों ने एटीएस की इस कार्रवाई की सराहना की है। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि इस तरह की सख्त कार्रवाई से अपराधियों के हौसले पस्त होंगे। वहीं, प्रशासन ने भी संकेत दिया है कि भविष्य में इस तरह के अपराधियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।
सुनील सिंह मीणा उर्फ मयंक सिंह की गिरफ्तारी न केवल रांची बल्कि पूरे झारखंड के लिए एक बड़ी खबर है। यह दिखाता है कि राज्य की सुरक्षा एजेंसियां कितनी सतर्क हैं और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपराधियों को पकड़ने में सक्षम हैं। आने वाले दिनों में इस मामले से जुड़े और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं।