
सवाई माधोपुर में तबाही के हालात, खेत जलमग्न, घर-दुकानें ढहीं
सवाई माधोपुर। राजस्थान में लगातार हो रही भारी बारिश ने तबाही मचा दी है। जिले के सुरवाल बांध के ओवरफ्लो होने से जड़ावता गांव के पास बड़ा हादसा हो गया। बांध से निकले पानी ने आसपास के खेतों को डुबो दिया और 55 फीट गहरी खाई बन गई। इस घटना के कारण दो घर, दो दुकानें और दो मंदिर क्षतिग्रस्त हो गए। ग्रामीणों में दहशत का माहौल है और प्रशासन ने राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिए हैं।
कैसे हुआ हादसा?
लगातार तीन दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश ने बांध का जलस्तर बढ़ा दिया। रविवार देर रात सुरवाल बांध ओवरफ्लो हो गया। पानी का दबाव इतना बढ़ गया कि जड़ावता गांव के पास की जमीन अचानक धंस गई। ग्रामीणों के मुताबिक, घटना रात करीब 2 बजे की है, जब जोरदार धमाके के साथ खेतों में बड़ी दरारें पड़ गईं और देखते ही देखते लगभग 2 किलोमीटर लंबी और 55 फीट गहरी खाई बन गई।
स्थानीय प्रशासन ने क्या कदम उठाए?
घटना की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन दल मौके पर पहुंच गया। प्रभावित क्षेत्र को खाली कराया जा रहा है। ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है और आसपास के इलाकों में अलर्ट जारी किया गया है। जल संसाधन विभाग ने सुरवाल बांध की निगरानी बढ़ा दी है और आगे किसी बड़े नुकसान को रोकने के लिए अतिरिक्त गेट खोलने की तैयारी कर रहा है।
कितना नुकसान हुआ?
55 फीट गहरी और 2 किलोमीटर लंबी खाई बनी
दो घर ढहे, दो दुकानें पूरी तरह नष्ट
दो मंदिर क्षतिग्रस्त
आसपास की लगभग 50 बीघा कृषि भूमि जलमग्न
फसलें बर्बाद होने से किसानों को भारी आर्थिक नुकसान
ग्रामीणों का क्या कहना है?
जड़ावता गांव के निवासी राजेश मीणा बताते हैं, “रात करीब दो बजे जोरदार आवाज आई। हम बाहर निकले तो देखा कि खेत की जमीन धंस रही थी। कुछ ही घंटों में खाई बन गई। हमारी दुकान और घर बह गए।”
एक अन्य ग्रामीण सीता देवी ने कहा, “हमने पहले भी प्रशासन को बांध की स्थिति के बारे में जानकारी दी थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब हमारी जमीन और घर दोनों चले गए।”
राज्य सरकार की प्रतिक्रिया
राजस्थान के जल संसाधन मंत्री ने घटना पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि प्रभावित लोगों को मुआवजा दिया जाएगा और बांध की तकनीकी जांच करवाई जाएगी। मुख्यमंत्री ने आपदा प्रबंधन विभाग को हालात पर लगातार नजर रखने के निर्देश दिए हैं।
क्या हो सकता है आगे?
विशेषज्ञों के अनुसार, अगर बारिश का दौर जारी रहा तो खाई और बढ़ सकती है और आसपास के गांवों के लिए खतरा बढ़ जाएगा। भू-वैज्ञानिकों की टीम को इलाके में बुलाया गया है, ताकि जमीन धंसने के कारणों का पता लगाया जा सके।
राहत और बचाव कार्य जारी
प्रशासन की 5 टीमें मौके पर
ग्रामीणों को अस्थायी शिविरों में रखा गया
राहत सामग्री और खाने-पीने की व्यवस्था
डॉक्टरों और एम्बुलेंस की तैनाती
लोगों के लिए सावधानियां
प्रशासन ने ग्रामीणों से अपील की है कि वे खाई के आसपास न जाएं और सुरक्षित स्थानों पर रहें। बरसात के चलते इलाके में विद्युत आपूर्ति भी रोक दी गई है ताकि कोई हादसा न हो।