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पटना। बिहार सरकार ने राज्य में औद्योगिक विकास को नई दिशा देने के लिए बड़ा फैसला लिया है। मंत्रिपरिषद की बैठक में 26 महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई, जिनमें सबसे अहम है 32 नए औद्योगिक पार्कों के लिए 14600 एकड़ भूमि का अधिग्रहण। कैबिनेट विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने जानकारी दी कि यह निर्णय राज्य को औद्योगिक निवेश और रोजगार सृजन में नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के उद्देश्य से लिया गया है।
सात शहरों में नए औद्योगिक क्षेत्र
मंत्रिमंडल की बैठक में बताया गया कि यह औद्योगिक भूमि पटना, गया, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, दरभंगा, पूर्णिया और बेगूसराय समेत सात प्रमुख शहरों में विकसित की जाएगी। इन इलाकों को चुने जाने के पीछे राज्य सरकार का लक्ष्य है कि उद्योगों के लिए अनुकूल वातावरण और बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान की जा सके।
उद्योगों को मिलेगा प्रोत्साहन
सरकार का कहना है कि इस योजना से न केवल राज्य के उद्योगपतियों को फायदा होगा, बल्कि बाहरी निवेशकों को भी बिहार में अपने प्रोजेक्ट स्थापित करने के लिए आकर्षित किया जाएगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि यह कदम राज्य में रोजगार के नए अवसर पैदा करेगा और युवाओं को स्थानीय स्तर पर ही नौकरी उपलब्ध होगी।
सलाहकारों की सैलरी बढ़ी
कैबिनेट ने उद्योग विकास के साथ-साथ विभिन्न विभागों में कार्यरत सलाहकारों की सैलरी बढ़ाने का भी निर्णय लिया है। नए संशोधन के तहत सलाहकारों को बेहतर मानदेय और भत्ते दिए जाएंगे, ताकि वे अपनी सेवाएं और अधिक प्रभावी ढंग से दे सकें।
26 प्रस्तावों को मिली मंजूरी
बैठक में जिन 26 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई, उनमें बुनियादी ढांचा विकास, शिक्षा सुधार, स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार और ऊर्जा परियोजनाओं के लिए फंड आवंटन जैसे मुद्दे भी शामिल हैं। इन निर्णयों से राज्य के विकास को गति मिलने की उम्मीद है।
उद्योगों के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया
राज्य सरकार ने भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया को पारदर्शी और त्वरित बनाने के लिए विशेष दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं। स्थानीय किसानों और भूमिधारकों को मुआवजा समय पर दिया जाएगा और पुनर्वास के लिए विशेष पैकेज की व्यवस्था होगी।
बिहार में निवेश के नए अवसर
विशेषज्ञों का मानना है कि बिहार लंबे समय से औद्योगिक पिछड़ेपन की समस्या से जूझ रहा था, लेकिन इस तरह के बड़े फैसले से स्थिति बदल सकती है। उद्योग संगठन और व्यापार मंडल ने भी इस कदम का स्वागत किया है।
उद्योग और रोजगार का रोडमैप
राज्य सरकार ने संकेत दिया है कि आने वाले तीन वर्षों में इन औद्योगिक पार्कों के विकसित होने से हजारों युवाओं को रोजगार मिलेगा और राज्य की अर्थव्यवस्था में 15 से 20 हजार करोड़ रुपये का निवेश आने की संभावना है।
विपक्ष की प्रतिक्रिया
विपक्ष ने इस निर्णय पर सवाल भी उठाए हैं। उनका कहना है कि पिछले कई वर्षों में औद्योगिक परियोजनाओं की घोषणा तो हुई, लेकिन जमीन पर काम धीमी गति से हुआ। हालांकि सरकार का दावा है कि इस बार विशेष निगरानी तंत्र बनाया गया है जिससे परियोजनाओं को समय पर पूरा किया जा सके।
नतीजतन क्या होगा?
अगर यह योजना समय पर और पारदर्शिता के साथ लागू होती है तो बिहार न केवल औद्योगिक रूप से सशक्त होगा बल्कि राज्य से बाहर पलायन कर रहे मजदूरों और युवाओं को अपने ही राज्य में रोजगार मिल सकेगा।