
देश के कुछ हिस्सों में इन दिनों एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। कब्रिस्तानों और श्मशानों से इंसानी हड्डियां और खोपड़ियां चोरी हो रही हैं। पुलिस और प्रशासन भी इस घटना से सकते में हैं। जानकारी के अनुसार, इन हड्डियों और खोपड़ियों की तस्करी कर इन्हें विदेशों में ऊंचे दामों पर बेचा जा रहा है। इसका इस्तेमाल ज्यादातर तांत्रिक क्रियाओं, अवैध रिसर्च, और कुछ संदिग्ध मेडिकल प्रयोगों में किया जाता है।
मामला कहां का है?
यह घटनाएं मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल और असम जैसे राज्यों में अधिक देखने को मिल रही हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि कब्रिस्तानों से हड्डियां अचानक गायब हो रही हैं और कई कब्रें खोदी हुई पाई गईं। प्रशासन ने इन घटनाओं पर कार्रवाई शुरू कर दी है, लेकिन हड्डी और खोपड़ी की तस्करी का नेटवर्क बेहद संगठित बताया जा रहा है।
क्यों बढ़ी इंसानी खोपड़ियों की डिमांड?
विशेषज्ञ बताते हैं कि इंसानी खोपड़ियां ब्लैक मार्केट में हजारों से लाखों रुपये तक में बिकती हैं। इनकी मांग तंत्र-मंत्र करने वाले, काला जादू करने वाले और कुछ विदेशी संग्रहालयों में भी रहती है। इसके अलावा, कुछ निजी संस्थान रिसर्च के नाम पर भी इस तरह की तस्करी को बढ़ावा देते हैं।
पुलिस ने क्या कदम उठाए?
पुलिस और प्रशासन ने कई जिलों में विशेष टीम गठित की है। कब्रिस्तानों पर निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं और संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। कई जगहों पर ग्रामीणों ने भी रात में पहरा देना शुरू कर दिया है ताकि कब्रों को खोदा न जा सके।
कानून क्या कहता है?
भारतीय दंड संहिता (IPC) के तहत किसी कब्र को खोदना, हड्डियों को चुराना या उनके साथ छेड़छाड़ करना एक गंभीर अपराध है। इसके लिए दोषियों को सात साल तक की कैद और जुर्माने की सजा हो सकती है।
स्थानीय लोगों में डर और गुस्सा
इन घटनाओं से स्थानीय लोगों में डर का माहौल है। उनका कहना है कि मृतकों की अस्मत लूटी जा रही है। कई धार्मिक संगठनों ने भी इसका विरोध किया है और सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग की है।
कब्रों से हड्डियों का गायब होना केवल अपराध ही नहीं, बल्कि समाज के लिए नैतिक और धार्मिक दृष्टि से भी शर्मनाक है। सरकार और प्रशासन को इस अवैध तस्करी को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने होंगे। साथ ही, जनता को भी जागरूक होना होगा ताकि कोई इस तरह के कृत्य को अंजाम न दे सके।