
पटना: बिहार के यात्रियों के लिए राहत भरी और विकास को नई दिशा देने वाली बड़ी खबर आई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया गया है कि राज्य के प्रमुख एयरपोर्ट्स से अब इंटरनेशनल फ्लाइट्स की शुरुआत होगी। इस फैसले के बाद बिहार देश और दुनिया के नक्शे पर एक नई पहचान बनाने जा रहा है। राज्य के पटना, गया और दरभंगा एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए मंजूरी दी गई है।
कौन-कौन से एयरपोर्ट से उड़ेंगी इंटरनेशनल फ्लाइट्स?
नीतीश कैबिनेट के इस ऐतिहासिक फैसले के तहत फिलहाल तीन बड़े एयरपोर्ट्स को अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए प्राथमिकता दी गई है—
1. पटना एयरपोर्ट (जयप्रकाश नारायण अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा)
2. गया एयरपोर्ट
3. दरभंगा एयरपोर्ट
इन तीनों एयरपोर्ट्स से अंतरराष्ट्रीय गंतव्यों के लिए सीधी उड़ानें शुरू की जाएंगी। खासतौर पर पटना और गया से खाड़ी देशों, दक्षिण-पूर्व एशिया और यूरोप के कुछ प्रमुख शहरों के लिए उड़ान संचालन की योजना है।
बिहार के विकास के लिए बड़ा कदम
बिहार लंबे समय से बेहतर कनेक्टिविटी की मांग कर रहा था। राज्य से बड़ी संख्या में लोग खाड़ी देशों, सिंगापुर, थाईलैंड, मलेशिया और यूरोप में काम करने या पढ़ने जाते हैं। अब तक उन्हें कोलकाता, दिल्ली या लखनऊ जैसे शहरों के एयरपोर्ट से यात्रा करनी पड़ती थी।
इस नई योजना से न केवल समय की बचत होगी बल्कि बिहार के एयरपोर्ट्स की आय भी बढ़ेगी। साथ ही, राज्य में निवेश और पर्यटन के अवसरों में भी बढ़ोतरी होगी।
कौन-कौन सी उड़ानें होंगी शुरू?
शुरुआती चरण में जिन अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की तैयारी है, उनमें शामिल हैं:
पटना से दुबई, अबू धाबी और दोहा
गया से बैंकॉक और कुआलालंपुर
दरभंगा से काठमांडू और शारजाह
फिलहाल इन रूट्स पर काम चल रहा है और जल्द ही एयरलाइंस कंपनियों के साथ अनुबंध किए जाएंगे।
यात्रियों को क्या फायदा होगा?
1. समय की बचत: अब यात्रियों को अन्य राज्यों में ट्रांजिट लेने की जरूरत नहीं होगी।
2. कम खर्च: सीधी उड़ानों से टिकट सस्ता होगा क्योंकि कनेक्टिंग फ्लाइट का खर्च घटेगा।
3. पर्यटन को बढ़ावा: गया और राजगीर जैसे ऐतिहासिक स्थलों पर अंतरराष्ट्रीय पर्यटक आसानी से आ सकेंगे।
4. निवेश में वृद्धि: बेहतर कनेक्टिविटी के कारण उद्योगपति बिहार में निवेश करने को प्रेरित होंगे।
सरकार की योजना और तैयारी
नीतीश कुमार सरकार ने इस फैसले के लिए केंद्र सरकार से भी सहयोग मांगा है। DGCA (नागरिक उड्डयन महानिदेशालय) और एयरलाइंस कंपनियों के साथ बैठकें चल रही हैं। पटना एयरपोर्ट का विस्तार कार्य पहले से जारी है। रनवे की लंबाई बढ़ाने और टर्मिनल भवन के विस्तार के लिए ₹200 करोड़ का बजट आवंटित किया गया है।
लोगों की प्रतिक्रिया
इस घोषणा के बाद बिहार के प्रवासी मजदूर, छात्रों और कारोबारियों में खुशी की लहर है। दुबई में काम करने वाले एक बिहारी प्रवासी ने कहा, “हमें हर बार दिल्ली या कोलकाता होकर जाना पड़ता था। अब सीधी उड़ान से समय और पैसा दोनों की बचत होगी।”
पर्यटन उद्योग में नई जान
बिहार में बौद्ध और हिंदू धर्म से जुड़े कई विश्व प्रसिद्ध स्थल हैं जैसे गया, राजगीर, नालंदा और वैशाली। इंटरनेशनल उड़ानों के शुरू होने से जापान, थाईलैंड, श्रीलंका और वियतनाम से अधिक पर्यटक यहां आ पाएंगे। इससे राज्य की अर्थव्यवस्था को सीधा लाभ होगा।
क्या चुनौतियां होंगी?
एयरपोर्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर को और मजबूत करना होगा।
अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मानकों का पालन जरूरी होगा।
उड़ानों की नियमितता और आवृत्ति बनाए रखना एक चुनौती होगी।
भविष्य की योजनाएं
सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले दो वर्षों में पूर्णिया और भागलपुर एयरपोर्ट को भी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों से जोड़ा जाए। साथ ही, राज्य में एयर कार्गो सेवाओं को बढ़ाने की भी योजना है जिससे कृषि उत्पाद और मछलीपालन से जुड़े उत्पाद सीधे विदेशों में निर्यात हो सकें।
नीतीश कैबिनेट का यह फैसला बिहार को नई उड़ान देने वाला है। इंटरनेशनल फ्लाइट्स के शुरू होने से जहां प्रवासी मजदूरों और छात्रों को राहत मिलेगी, वहीं उद्योग और पर्यटन क्षेत्र में भी नए अवसर पैदा होंगे। यह कदम बिहार की अर्थव्यवस्था को नई दिशा देने वाला साबित होगा।