
जमशेदपुर, झारखंड:
झारखंड के मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन आज अपनी धर्मपत्नी एवं निर्मली विधायक श्रीमती कल्पना सोरेन संग जमशेदपुर के घोड़ाबांधा स्थित आवास पर पहुंचे। यहां उन्होंने हाल ही में दिवंगत हुए पूर्व स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता मंत्री स्व. रामदास सोरेन जी के “संस्कार भोज” में सम्मिलित होकर उनकी तस्वीर पर पुष्प अर्पित किया और भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी।
दिवंगत मंत्री को दी श्रद्धांजलि
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि रामदास सोरेन जी का निधन राज्य की राजनीति और समाज के लिए अपूरणीय क्षति है। उन्होंने न सिर्फ अपने क्षेत्र का विकास किया बल्कि राज्य की शिक्षा व्यवस्था को भी सुदृढ़ करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। मुख्यमंत्री ने परमात्मा से दिवंगत आत्मा की शांति की प्रार्थना की और शोक संतप्त परिवार को इस गहन दुःख को सहन करने की शक्ति देने की कामना की।
परिवार से मुलाकात, दी सांत्वना
मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन एवं विधायक श्रीमती कल्पना सोरेन ने दिवंगत मंत्री की धर्मपत्नी श्रीमती सूरजमनी सोरेन, उनके पुत्र श्री सोमेश चंद्र सोरेन और अन्य परिजनों से मुलाकात की। उन्होंने परिजनों को ढांढ़स बंधाते हुए कहा कि पूरा राज्य इस कठिन घड़ी में उनके साथ खड़ा है।
मीडिया से कही भावुक बातें
मुख्यमंत्री ने मीडिया से बातचीत में कहा,
> “झारखंड राज्य ने हाल ही में दो बड़े नेताओं को खो दिया है। आदरणीय गुरुजी (शिबू सोरेन जी) के निधन के कुछ ही दिनों बाद स्व. रामदास सोरेन जी का आकस्मिक निधन हम सभी के लिए गहरा आघात है। यह राज्य और समाज दोनों के लिए अपूरणीय क्षति है।”
उन्होंने कहा कि आज पूरे राज्य से लोग यहां श्रद्धांजलि देने पहुंचे हैं। यह इस बात का प्रतीक है कि स्व. रामदास सोरेन जी का जनमानस से गहरा जुड़ाव था।
संस्कार भोज में उमड़ी भीड़
स्व. रामदास सोरेन जी के संस्कार भोज में बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि, कार्यकर्ता, समर्थक और आम लोग शामिल हुए। हर किसी की आंखें नम थीं और सभी ने उन्हें श्रद्धा-सुमन अर्पित कर अपनी संवेदना प्रकट की।
स्व. रामदास सोरेन का राजनीतिक सफर
स्व. रामदास सोरेन झारखंड के कद्दावर नेताओं में गिने जाते थे। उन्होंने जमशेदपुर और आस-पास के आदिवासी बहुल इलाकों में शिक्षा और सामाजिक विकास को बढ़ावा दिया। बतौर स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता मंत्री उन्होंने कई जनहितकारी योजनाओं को धरातल पर उतारा।
आदिवासी और पिछड़े तबके के बच्चों की शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया।
ग्रामीण इलाकों में स्कूलों की स्थिति सुधारने के लिए कई पहल की।
राज्य की संस्कृति और परंपराओं के संरक्षण पर जोर दिया।
राज्य की राजनीति को गहरा धक्का
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस तरह से लगातार दो बड़े नेताओं का निधन हुआ है, उससे राज्य की राजनीति को बहुत बड़ा झटका लगा है। उन्होंने कहा कि गुरुजी और रामदास सोरेन जी दोनों ही समाज और राजनीति के मजबूत स्तंभ थे। उनकी कमी हमेशा खलती रहेगी।
श्रद्धांजलि देने पहुंचे लोग
संस्कार भोज में न सिर्फ मुख्यमंत्री और विधायक बल्कि कई वरिष्ठ नेता, प्रशासनिक अधिकारी, सामाजिक कार्यकर्ता और स्थानीय लोग भी पहुंचे। सभी ने एक स्वर में कहा कि स्व. रामदास सोरेन जैसे जनप्रिय नेता को हमेशा याद किया जाएगा।